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नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को विधानसभा में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की दूसरी रिपोर्ट पेश की। मुख्यमंत्री ने कैग की दूसरी रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सरकार से संबंधित भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंधन पर निष्पादन लेखा परीक्षक प्रतिवेदन वर्ष-2024 संख्या नंबर 3 की प्रतियां सदन पटल पर प्रस्तुत करती हूं। मुख्यमंत्री की तरफ से कैग की दूसरी रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इसकी प्रतियों को सदन के अन्य सदस्यों को वितरित करने का निर्देश दिया।
दूसरी कैग रिपोर्ट में क्या-क्या खुलासा
दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को CAG की दूसरी रिपोर्ट पेश की गई। कैग की कुल 14 रिपोर्ट अब तक सामने आ चुकी हैं। इस नई रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग में 21% स्टाफ की कमी है। अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण विशेषज्ञों की 30%, गैर-शिक्षण विशेषज्ञों की 28% और मेडिकल अधिकारियों की 9% कमी पाई गई। इसके अलावा, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट (BMW) नियमों का सही से पालन नहीं किया गया है। CAG की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में AAP के नेतृत्व वाली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड महामारी के दौरान व्यवस्थाओं पर ध्यान नहीं दिया। वहीं उस दौरान केंद्र सरकार द्वारा जारी कुल 787.91 करोड़ रुपये में से केवल 582.84 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया।
मोहल्ला क्लीनिक का क्या हाल
रिपोर्ट में कहा गया है कि 21 आम आदमी मोहल्ला क्लीनक में टॉयलेट नहीं है। 15 में पावर बैकअप नहीं, 6 में जांच के लिए कोई टेबल नहीं और 12 दिव्यांगजनों के लिए उचित नहीं हैं। इसी तरह की स्थिति आयुष डिस्पेंशरी में है। जिन 49 की जांच की गई उसमें से 17 में पावर बैकअप नहीं थी। 7 में कोई टॉयलेट और 14 में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं थी।
तीन ही बने अस्पताल
सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पतालों में बेड की अत्यधिक मांग के बावजूद 1357 नए बेड ही जोड़े जा सके, जबकि वित्त वर्ष 2016 से 2020-21 तक के बजट में वादा 32000 बिस्तरों का था। रिपोर्ट में कहा गया है कि आप सरकार के दौरान केवल 3 नए अस्पताल बनाए जा सके और इन पर टेंडर राशि के मुकाबले कहीं अधिक खर्च हुआ।
कैग रिपोर्ट पर बीजेपी का हमला
इसके बाद इस कैग रिपोर्ट पर भाजपा नेता हरीश खुराना ने भाषण दिया। उन्होंने अपने भाषण में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार ने कभी भी विधानसभा में कैग रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की। लेकिन, मैं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने स्वास्थ्य से संबंधित कैग रिपोर्ट प्रस्तुत करके संवैधानिक बाध्यताओं को पूरा किया।
उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने स्वास्थ्य को हमेशा अपना प्राथमिक विषय बनाया। स्वास्थ्य के साथ किसी भी प्रकार का समझौता हमें स्वीकार नहीं है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के हर राज्य में एम्स जैसे अस्पतालों का निर्माण हो रहा है, ताकि भारत का कोई भी नागरिक स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित नहीं रहे। हमारी सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत काम कर रही है, जिसके लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की पूर्व की सरकार ने दावे तो बहुत किए थे। लेकिन, आज तक जमीन पर उनका कोई भी काम नहीं दिखा। कैग रिपोर्ट दिल्ली की पूर्व की सरकार के पोल को खोलती है।
उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट से यह साफ जाहिर होता है कि दिल्ली की पूर्व की सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में वित्तीय अनियमितताएं बरती हैं। रिपोर्ट के अंदर यह बताया गया है कि 11 साल के शासन में दावे तो बहुत किए गए, लेकिन सिर्फ तीन अस्पताल ही बनाए गए हैं। यह कैग रिपोर्ट की पहली सच्चाई है।
जानबूझकर परियोजना में देरी: बीजेपी
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी अस्पताल से संबंधित काम शुरू तो किसी और सरकार में हुआ था, लेकिन खत्म किसी दूसरी सरकार ने किया। लेकिन, इसमें पूरे पांच साल का विलंब हुआ। इसकी वजह से फाइनल कॉस्ट में 314 करोड़ की वृद्धि हुई। अब यह क्यों वृद्धि हुई? यह सब जानते हैं कि अगर जानबूझकर किसी परियोजना में देरी की जा रही है, तो निश्चित तौर पर यह भ्रष्टाचार की ओर इंगित करता है। इसी तरह का विलंब बुराड़ी अस्पताल में भी हुआ। इसमें छह साल का विलंब हुआ है और यह सबकुछ केजरीवाल सरकार की वजह से हुआ।