कोलकाताः पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में 24 वर्षीय महिला छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के मामले ने राज्य की राजनीति और कानून व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बुधवार 26 जून की शाम करीब 4 बजे कॉलेज पहुंची छात्रा को एक पूर्व छात्र और कॉलेज स्टाफ सदस्य मोनोजित मिश्रा ने कॉलेज में रुकने को कहा। इसके बाद रात करीब साढ़े सात बजे से साढ़े दस बजे के बीच, कॉलेज भवन के ग्राउंड फ्लोर पर बने गार्ड रूम में छात्रा के साथ तीन लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया।

पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि मुख्य आरोपी मिश्रा ने पहले उस पर शादी का दबाव बनाया था। जब उसने इंकार किया, तो उसे धमकी दी गई कि उसके प्रेमी को नुकसान पहुंचाया जाएगा और उसके माता-पिता को झूठे मामलों में फंसाया जाएगा। आरोपी मिश्रा कॉलेज के छात्र संघ का पूर्व अध्यक्ष और टीएमसी छात्र परिषद (TMCP) का सक्रिय सदस्य बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, उसने दो अन्य छात्रों-19 वर्षीय जैब अहमद और 20 वर्षीय प्रमित मुखर्जी- के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया।

बंद कॉलेज में हैवानियत, वीडियो बना वायरल करने की दी गई धमकी

पीड़िता के मुताबिक आरोपियों ने कॉलेज का मुख्य गेट बंद कर दिया था और वहां तैनात सुरक्षा गार्ड ने कोई मदद नहीं की। शिकायत में उसने कहा, “उन्होंने मुझे गार्ड रूम में घसीटा और जबरदस्ती की। मैंने रोते हुए उन्हें मना किया, यहां तक कि उनके पैर भी छुए, लेकिन वे नहीं माने।” उसने बताया कि हमले के दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई, सांस लेने में तकलीफ हुई और वह अस्पताल ले जाने की गुहार लगाती रही, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।

इस हमले के दौरान आरोपियों ने पीड़िता का वीडियो भी बनाया और उसे धमकी दी कि अगर उसने किसी से कुछ कहा तो यह वीडियो इंटरनेट पर वायरल कर देंगे। पुलिस ने तीनों आरोपियों के मोबाइल जब्त कर लिए हैं और उन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

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भाजपा ने ममता सरकार को घेरा

मामले के सामने आने के बाद भाजपा ने आरोपियों के टीएमसी से जुड़े होने का मुद्दा उठाया और राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। मोनोजित मिश्रा के सोशल मीडिया प्रोफाइल में वह टीएमसी छात्र परिषद का सदस्य और जिला महासचिव बताया गया है। भाजपा ने मांग की है कि ममता बनर्जी को इस घटना पर जवाब देना चाहिए। 

भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा, "टीएमसी शासन में बंगाल की ध्वस्त होती कानून व्यवस्था में एक और शर्मनाक अध्याय जुड़ गया है। ये घटना एकमात्र नहीं है। ये महिलाओं की सुरक्षा करने में टीएमसी की विफलता और उनकी खतरनाक छात्र राजनीति को दर्शाती है, जो कैंपस को अपराध क्षेत्र की तरह मानती है।"

अमित मालवीय ने एफआईआर की कॉपी का कुछ हिस्सा साझा किया है, जिसमें पीड़िता की तरफ से घटनाक्रम की जानकारी दी गई थी। अमित मालवीय ने बताया कि मोनोजित मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी तीनों इस गैंगरेप केस के आरोपी हैं।

पीड़िता की शिकायत के कुछ प्वाइंट उठाते हुए अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "कॉलेज के गार्ड को गार्ड रूम से बाहर जाने के लिए कहा गया, ताकि वो उसके साथ अंदर छेड़छाड़ कर सकें। उसने गार्ड से मदद की भीख मांगी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। यूनियन रूम का गेट अंदर से बंद कर दिया गया था, जहां उसे कहा गया कि अगर उसे कॉलेज की राजनीति में कोई पद चाहिए तो उसे 'टीएमसी' के प्रति अपनी वफादारी साबित करनी होगी।"

अमित मालवीय ने लिखा, "ये सिर्फ बलात्कार नहीं है। ये टीएमसी छात्र राजनीति के बैनर तले की गई सुनियोजित राजनीतिक क्रूरता है। ममता बनर्जी को जवाब देना चाहिए कि इन राक्षसों को इतनी ताकत किसने दी? उन्हें किसने बताया कि बलात्कार वफादारी की वैध परीक्षा है?"

भाजपा के आरोपों पर टीएमसी ने क्या कहा?

 तृणमूल कांग्रेस ने लॉ कॉलेज में गैंगरेप की घटना की निंदा की है। साथ ही उसने खुद को आरोपों से अलग करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। टीएमसी प्रवक्ता जय प्रकाश मजूमदार ने कहा, “दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। यह सामाजिक बुराई है, जिसे मिलकर खत्म करना होगा।” 

पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "हम दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज में हुई इस दुखद बलात्कार की घटना की निंदा करते हैं। कोलकाता पुलिस ने तीनों आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कानून के तहत कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।"

तृणमूल कांग्रेस ने आगे कहा, "यह त्रासदी एक बार फिर दर्शाती है कि देश में यौन अपराधों के खिलाफ एक कड़ा संदेश देने की जरूरत है। 'अपराजिता एंटी रेप बिल' लागू करने की तत्काल आवश्यकता है, जिसमें तेज जांच, त्वरित मुकदमे और सख्त सजाएं सुनिश्चित हों। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र में बैठी भाजपा सरकार ने अब तक इसे लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।"

तृणमूल कांग्रेस ने पीड़िता को न्याय का भरोसा दिलाते हुए कहा, "पीड़िता की ओर से सहे गए गहरे आघात के लिए हमारा दिल दुख से भारी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य प्रशासन इस समय में पीड़िता को हरसंभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है। न्याय मिलेगा।" वहीं मिश्रा के वकील ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि उनके मुवक्किल को फंसाया जा रहा है। 

इस घटना के बाद वामपंथी छात्र संगठन एसएफआई और डीवाईएफआई के कार्यकर्ताओं ने कस्बा थाना के बाहर प्रदर्शन किया, जहां केस दर्ज किया गया था। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, कई लोगों को हिरासत में लिया गया। 

महिला आयोग ने लिया संज्ञान

 राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मामले का संज्ञान लिया है। घटना के बाद आयोग ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर तीन दिन के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। 

एनसीडब्ल्यू ने एक नोटिस जारी करते हुए लिखा, "आयोग ने कोलकाता में हुई चौंकाने वाली घटना का स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कोलकाता पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर गहरी चिंता व्यक्त की है और भारतीय न्याय संहिता के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत तत्काल जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पीड़िता को बीएनएस की धारा 396 के तहत मुआवजे के साथ-साथ पूरा इलाज और कानूनी मदद देने पर जोर दिया है। आयोग ने तीन दिन के भीतर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।"

राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार ने महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार को लेकर राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "एक छात्रा के साथ कोलकाता के कॉलेज परिसर के अंदर गैंगरेप किया गया। इसके अलावा हमने कल्याणी में गैंगरेप, एसिड अटैक और घरेलू हिंसा जैसे सात अन्य मामलों पर भी काम किया। जिस तरह से राज्य में महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं, जिस तरह से राज्य प्रशासन इन मामलों को हैंडल कर रहा है, क्या इन घटनाओं के दोषियों को कोई सजा दी गई है?"