लंदन: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की ब्रिटेन यात्रा के दौरान बुधवार को लंदन में उस समय अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई, जब खालिस्तानी समर्थकों ने उनकी सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की। खालिस्तानी समर्थकों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया। इसी दौरान एक खालिस्तानी समर्थक गाड़ी के सामने आया और अपने हाथ में लिए तिरंगे को फाड़ने लगा। वहां खड़े सुरक्षाकर्मियों ने उसे दूर हटाया। 

विदेश मंत्री इस समय लंदन में हैं। उन्होंने बुधवार को लंदन में चैथम हाउस थिंक टैंक के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। विदेश मंत्री 4 से 9 नवंबर तक यूनाइटेड किंगडम के दौरे पर हैं।

एस जयशंकर की कार को घेरने की घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। इसमें दिखता है कि एक व्यक्ति आक्रामक रूप से विदेश मंत्री के काफिले की ओर भागता, जबकि अधिकारी शुरू में कोई कार्रवाई करने में झिझकते नजर आते हैं। प्रदर्शनकारी के सामने आते ही पुलिस उसकी ओर लपकती है। शख्स ने अपने हाथ में तिरंगा ले रखा था और इसे गाड़ी के सामने खड़े होकर फाड़ने की कोशिश करता है। इसी दौरान पुलिसकर्मी उसे दूर हटाकर उस ओर ले जाते हैं जहां खड़े होकर अन्य खालिस्तानी समर्थक नारे लगा रहे थे।

भारत ने पूरे घटनाक्रम पर क्या कहा है?

भारत सरकार ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की लंदन यात्रा के दौरान हुई इस घटना की निंदा की है। एक बयान में भारत ने कहा कि 'अलगाववादियों और चरमपंथियों' का एक छोटा समूह 'लोकतांत्रिक स्वतंत्रता' का दुरुपयोग कर रहा है

बयान में कहा गया है, 'हमने विदेश मंत्री की ब्रिटेन यात्रा के दौरान सुरक्षा उल्लंघन के फुटेज देखे हैं। हम अलगाववादियों और चरमपंथियों के इस छोटे समूह की उत्तेजक गतिविधियों की निंदा करते हैं। हम ऐसे तत्वों द्वारा लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग किए जाने की निंदा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि मेजबान सरकार ऐसे मामलों में अपने राजनयिक दायित्वों को पूरी तरह से निभाएगी।'

कश्मीर पर पाकिस्तानी पत्रकार का सवाल और जयशंकर का जवाब

इससे पहले चैथम हाउस में एक सत्र के दौरान जयशंकर ने कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों पर एक सवाल का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना उस दिशा में पहला कदम था।

कश्मीर पर यह सवाल एक पाकिस्तानी पत्रकार की ओर से आया था। पत्रकार ने अपना प्रश्न रखते हुए दावा किया कि यह जयशंकर को 'थोड़ा असहज करने वाला होगा।' पत्रकार ने भारत पर 'कश्मीर पर अवैध रूप से कब्जा' करने का भी आरोप लगाया।

पत्रकार ने आगे कहा कि 'कश्मीरी हथियार उठा रहे हैं' और आरोप लगाया कि 'भारत ने 70 लाख कश्मीरियों को नियंत्रित करने के लिए दस लाख सैनिक तैनात किए हैं।' इन भूमिकाओं के साथ पत्रकार ने पूछा कि क्या भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी दोस्ती का इस्तेमाल कर सकते हैं।

जयशंकर ने अपने जवाब में हालांकि सीधे तौर पर तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को  खारिज किया। उन्होंने कहा कि स्थिति को स्वतंत्र रूप से सुलझाने के लिए निर्णायक कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं।

उन्होंने आगे कहा, 'कश्मीर में, हमने इनमें से अधिकांश को हल करने में अच्छा काम किया है। मुझे लगता है कि अनुच्छेद 370 को हटाना एक कदम था। फिर, कश्मीर में विकास, आर्थिक गतिविधि और सामाजिक न्याय को बहाल करना दूसरा कदम था। चुनाव कराना, जो बहुत अधिक मतदान के साथ हुआ था, तीसरा कदम रहा।'

जयशंकर ने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि हम जिस हिस्से का इंतजार कर रहे हैं वह कश्मीर के चुराए गए हिस्से की वापसी है जो अवैध रूप से पाकिस्तानी कब्जे में है। जब यह हो जाएगा, तो मैं आपको आश्वासन देता हूं कि कश्मीर का समाधान हो जाएगा।'