नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को लंदन में एक कार्यक्रम में कश्मीर के एकीकरण की बात कही। उन्होंने कहा कि कश्मीर की समस्या का हल तभी संभव है जब इसका चुराया गया हिस्सा जिस पर पाकिस्तान ने अधिकार जमाया हुआ है, उसे लौटा दे। जयशंकर ने साथ कहा कि क्षेत्र में संघर्ष काफी हद तक सुलझ गया है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली अब पाकिस्तान द्वारा क्षेत्र के 'चुराए गए हिस्से को वापस करने' का इंतजार कर रही है।

लंदन में चैथम हाउस (Chatham House) थिंक टैंक में एक सत्र के दौरान, जयशंकर ने कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों पर एक सवाल का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना उस दिशा में पहला कदम था।

एस जयशंकर ने कश्मीर पर क्या कुछ कहा?

दर्शकों के सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, 'अनुच्छेद 370 को हटाना पहला कदम था, कश्मीर में विकास और आर्थिक गतिविधि और सामाजिक न्याय को बहाल करना दूसरा कदम था, और बहुत अधिक मतदाताओं की संख्या के साथ चुनाव कराना तीसरा कदम था।'

उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि हम जिस हिस्से का इंतजार कर रहे हैं वह कश्मीर के चुराए गए हिस्से की वापसी है जो अवैध रूप से पाकिस्तानी कब्जे में है। जब यह हो जाएगा, तो मैं आपको आश्वासन देता हूं कि कश्मीर का समाधान हो जाएगा।'

बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच 2015 के बाद पहली सीधी बातचीत हुई थी, जब जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के लिए इस्लामाबाद गए थे। ऐसी भी खबरें आई थी कि जयशंकर और पाकिस्तानी विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार ने 24 घंटे से भी कम समय में दो बार बात की थी। ऐसे में रिश्तों में बदलाव के संभावना जताई जाने लगी थी।

चीन और अमेरिका पर क्या बोले जयशंकर?

चीन के साथ भारत के संबंधों पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच एक 'अलग तरह का संबंध' है। उन्होंने अक्टूबर 2024 से संबंधों में सुधार का उल्लेख किया, जिसमें माउंट कैलाश तीर्थयात्रा पर सहमति भी शामिल है।

उन्होंने कहा, 'हम ऐसा रिश्ता चाहते हैं जिसमें हमारे हितों का ध्यान रखा जाए, संवेदनशीलताएं पहचानी जाएं और हम दोनों के लिए काम करें।'

अमेरिका में नए रिपब्लिकन प्रशासन के तहत अमेरिकी टैरिफ पर बोलते हुए, जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच बैठक के बाद, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल द्विपक्षीय व्यापार समझौते के भविष्य पर चर्चा करने के लिए वाशिंगटन में हैं।

उन्होंने कहा, 'हमने इसके (टैरिफ) बारे में बहुत खुली बातचीत की और बातचीत का नतीजा यह रहा कि हम द्विपक्षीय व्यापार समझौते की जरूरत पर सहमत हुए।'