नई दिल्लीः महाकुंभ भगदड़ मामले में समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन के एक बयान से विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि कुंभ में पानी सबसे ज्यादा प्रदूषित है। भगदड़ में मरने वाले लोगों के शव नदी में फेंके गए हैं, इससे पानी दूषित हो गया है। यही पानी वहां लोगों तक पहुंच रहा है, इस पर कोई सफाई नहीं दे रहा है। देश के असली मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे पहले सपा सांसद राम गोपाल यादव ने शवों के गंगा नदी में फेकने और रेत में दबा देने के आरोप लगाए थे।
जय बच्चन ने कहा कि कुंभ में आने वाले आम लोगों को कोई खास सुविधा नहीं मिल रही है, उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं है। वीवीआईपी आते हैं, तो उनको हर सुविधा दी जाती है। लेकिन, आम आदमी की सुविधा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
'झूठ बोल रहे हैं कि करोड़ों लोग उस जगह पर आए हैं'
कुंभ में करोड़ों लोगों के स्नान पर सपा सांसद ने कहा कि वे झूठ बोल रहे हैं कि करोड़ों लोग उस जगह पर आए हैं, किसी भी समय इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे वहां इकट्ठा हो सकते हैं। मैं मीडिया से आग्रह करूंगी कि वह आम आदमी की आखिरी उम्मीद है। महाकुंभ में क्या हुआ. इसकी तस्वीर को दुनिया के सामने लाए। कुंभ में हजारों लोग चले गए। सरकार को सच्चाई जनता बतानी होगी।
इससे पहले सपा सांसद राम गोपाल यादव ने शवों को नदी में फेंके जाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हजारों लोगों की मृत्यु हुई है। इनमें से कुछ की लाश गंगा नदी में बहा दी गई है और कई शवों को रेत में दबा दिया गया। परिजनों को शव नहीं सौंपे जा रहे हैं।
सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि मृतकों की संख्या 30 से ऊपर नहीं दिखनी चाहिए। सपा सांसद ने कहा कि महाकुंभ में प्रशासन के कुप्रबंधन के कारण भगदड़ मची।
सरकार कुंभ में लोगों की मौतों का सही आंकड़ा नहीं दे रही हैः गौरव गोगोई
महाकुंभ भगदड़ मामले में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि आज हमारी एक ही मांग थी कि कुंभ में लोगों की मौत के लिए सरकार जवाब दे। इसलिए हमने महाकुंभ पर विशेष चर्चा की मांग की, लेकिन सरकार ने हमारी मांगों पर बुलडोजर चला दिया। लोगों की न्याय की जो गुहार पर सरकार ने बुलडोजर चलाने का काम किया है।
गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि सरकार कुंभ में लोगों की मौतों का सही आंकड़ा नहीं दे रही है। देश की जनता से आंकड़ा छिपाया जा रहा है। कुंभ का विषय बेहद महत्वपूर्ण है। इसे लेकर पूरी जांच होनी चाहिए। हम सदन में नोटिस देते हैं, लेकिन उसे ठुकरा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि हम महाकुंभ वाले मामले को आगे भी उठाते रहेंगे।
29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में भगदड़ मची थी जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई थी।
समाचार एजेंसी आईएएनएस इनपुट के साथ।