तेहरानः ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली खामेनेई ने इजराइल को सजा देने की कसम खाई है। ईरान-इजराइल तनाव बीती 13 जून से जारी है और 22 जून को इसमें अमेरिका की एंट्री के बाद तनाव और भी बढ़ गया है। अमेरिका ने रविवार को ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्दो, नतांज और इस्फहान को निशाना बनाया था। हालांकि खामेनेई ने इजराइल के खिलाफ हमले तेज करने की कसम खाई है लेकिन अमेरिका का कोई जिक्र नहीं किया है।
आयातुल्लाह खामेनेई के आधिकारिक ट्वीट के मुताबिक, "सजा जारी है। जायोनी दुश्मन ने बहुत बड़ी गलती की है, बहुत बड़ा अपराध किया है, उसे सजा मिलनी चाहिए और सजा मिल रही है। उसे अभी सजा मिल रही है।"
अमेरिका ने परमाणु ठिकानों को बनाया निशाना
खामेनेई का यह बयान अमेरिका द्वारा परमाणु ठिकानों को निशाना बनाए जाने के एक दिन बाद आया है। अमेरिका ने इस अभियान का नाम 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' दिया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बारे में व्हाइट हाउस में बोलते हुए कहा कि ईरान पर स्ट्राइक का निर्णय ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को नष्ट करने और दुनिया के नंबर एक आतंकवाद प्रायोजक राज्य द्वारा उत्पन्न परमाणु खतरे को रोकने के उद्देश्य से किया गया था।
वहीं, ईरान ने अमेरिकी हमले को अंतर्राष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। आपातकालीन यूएनएससी बैठक में ईरान ने कहा कि वाशिंगटन से हमले के बाद खुद का बचाव करने के लिए उसके पास सभी विकल्प सुरक्षित हैं।
चीन, पाकिस्तान, रूस ने की निंदा
चीन, पाकिस्तान, रूस ने भी ईरान पर अमेरिकी हमले की निंदा की है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान से फोन पर बात की और ईरान में बढ़ रहे तनाव को लेकर चिंता व्यक्त की।
हालांकि, पश्चिमी देशों यूनाइटेड किंगडम और आस्ट्रेलिया ने अमेरिका का समर्थन किया है। यूके के प्राइम मिनिस्टर किएर स्टार्मर ने कहा कि कोई भी देश ईरान को परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं दे सकता। इस खातिर ही अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है।