नई दिल्लीः भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली में शनिवार शाम को हल्की बारिश की संभावना व्यक्त की है। इसके साथ ही गरज और बिजली कड़कने की भी आशंका जताई है। इसकी वजह उत्तर-पश्चिम और दक्षिण पश्चिम दिशाओं से आने वाली हवाओं को बताया है।
आईएमडी ने दोपहर में एक्स पर पोस्ट कर यह अनुमान लगाया कि उत्तरपश्चिम- पूर्व-दक्षिणपश्चिम की ओर से हवाएं पूर्वोत्तर की ओर चलेंगी। इससे राजधानी के कई इलाकों में हल्की बारिश की संभावना है।
चल सकती हैं तेज हवाएं
मौसम विभाग ने इस दौरान तेज हवाएं चलने का भी अनुमान लगाया है। इसके तहत 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
आईएमडी ने पोस्ट में लिखा "उत्तर-पश्चिम-दक्षिण-पूर्व दिशा से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रहे बादलों/बवंडर रेखा के समूह के कारण अगले 1-2 घंटों में दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में हल्की बारिश और बिजली गिरने की संभावना है, साथ ही 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलेंगी जो कभी-कभी 70 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती हैं।"
आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में इस साल मई में सबसे ज्यादा बारिश देखी गई है। 1 मई से 30 मई के बीच राजधानी में 188.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा इस महीने कई आंधी और तेज हवाएं भी दर्ज की गई हैं। इसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आया तूफान भी शामिल है। इस तूफान में कई जगहों पर पेड़ गिरे थे और इसकी वजह से बिजली भी प्रभावित हुई थी।
हालांकि आईएमडी ने पहले ही अगले चार से पांच दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ व्यापक तूफान की चेतावनी दी थी क्योंकि वार्षिक दक्षिण-पश्चिम मानसून देश के अधिकांश हिस्सों में आगे बढ़ रहा है।
समय से पहले पहुंचा मानसून
गौरतलब है कि इस बार केरल के तट पर मानसून पहले पहुंचा है। इस वजह से सभी राज्यों में मानसून पहले पहुंचने की आशंका है। इसके अलावा इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा की उम्मीद जताई जा रही है जो किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
हालांकि, भारी बारिश का प्रकोप भी दक्षिणी राज्यों से लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों में देखा जा रहा है। दक्षिणी राज्य कर्नाटक में भारी बारिश के चलते अब तक 67 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, हजारों की संख्या में गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।
पूर्वोत्तर राज्यों में असम, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड में भी भारी बारिश दर्ज की गई है जिसके चलते आम जनजीवन अस्त व्यस्त है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबित, पूर्वोत्तर राज्यों में बीते दो दिनों में 18 लोगों की मौत हुई है। भारी बारिश के चलते कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इसके साथ ही कुछ इलाकों में स्कूल, कॉलेज भी बंद किए गए हैं।