विदेश सचिव विक्रम मिसरी की बेटी को ट्रोल करने पर महिला आयोग ने लिया संज्ञान, IAS संघ ने भी जताई कड़ी आपत्ति

महिला आयोग ने कहा कि विक्रम मिस्री जैसे देश के वरिष्ठतम सिविल सेवकों के परिवार के सदस्यों पर इस तरह के व्यक्तिगत हमले न केवल अस्वीकार्य हैं, बल्कि नैतिक रूप से भी अक्षम्य हैं। हम सभी से शालीनता, सभ्यता और संयमित व्यवहार का आग्रह करते हैं।

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राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर और विदेश सचिव विक्रम मिसरी। Photograph: (IANS)

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा के बाद भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी को अचानक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर ट्रोल किया जाने लगा। इतना ही नहीं कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उनके परिवार के सदस्यों के बारे में अभद्र टिप्पणियां कीं और उनकी बेटी को भी ट्रोल किया गया। 

वहीं, अब इस मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने संज्ञान लिया। साथ ही विक्रम मिसरी की बेटी पर अभद्र टिप्पणी करने की कड़ी निंदा की और इसे गैर-जिम्मेदाराना बताया।

आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि “भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी के परिवार, विशेष रूप से उनकी बेटी, को निशाना बनाकर किया गया ऑनलाइन दुर्व्यवहार बेहद निंदनीय और गैर-जिम्मेदाराना है। उनकी व्यक्तिगत जानकारी साझा करना गोपनीयता का गंभीर उल्लंघन है, जो उनकी सुरक्षा के लिए सीधा खतरा पैदा करता है।”

महिला आयोग ने यह भी कहा कि ऐसे वरिष्ठ लोकसेवक के परिवार को निशाना बनाना न केवल अनुचित है, बल्कि यह सार्वजनिक गरिमा और नैतिकता की सभी सीमाओं का उल्लंघन है। आयोग ने आम नागरिकों से संयम, शालीनता और मर्यादित आचरण बनाए रखने की अपील की।

भारतीय प्रशासनिक सेवा संघ ने जारी किया बयान

इधर भारतीय प्रशासनिक सेवा संघ (IAS एसोसिएशन) ने भी इस मुद्दे पर बयान जारी करते हुए कहा, "हम विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके परिवार के साथ एकजुटता में खड़े हैं। ईमानदारी और निष्ठा से काम कर रहे किसी भी लोकसेवक पर इस तरह के निजी हमले अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हम लोकसेवा की गरिमा बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।”

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त किया था। इसके साथ ही पाकिस्तान की कमर तोड़कर रख दी थी। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के हर उकसावे वाली कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब भी दिया था। 

विदेश सचिव विक्रम मिसरी, सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने लगातार 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर प्रेस ब्रीफिंग के माध्यम से सेना के पराक्रम की जानकारी दुनिया को दी। हालांकि, 10 मई को जब अचानक सीजफायर का ऐलान किया गया, तो इससे लोगों में नाराजगी दिखी, जिनके निशाने पर भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी आ गए।

समाचार एजेंसी आईएएनएस इनपुट के साथ

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