इटावाः उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में कथावाचकों की जाति को लेकर बवाल हो गया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल, जिले के दांदरपुर गांव में दो कथावाचक धार्मिक कथा करने गए थे। आरोप है कि तभी उच्च जाति के लोगों ने उनसे जाति पूछी और यादव समाज का होने के चलते कथावाचक और सहयोगी के साथ अभद्रता की गई और उनके बाल कटाए गए तथा अपमान किया गया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी एक्स पर इस घटना को लेकर कहा है कि संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने संज्ञान लिया और चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। इसमें मुख्य आरोपी भी शामिल है।
पुलिस ने क्या कहा?
इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा "बकेवर थाना क्षेत्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें देखा जा सकता है कि भागवत कथा के बाद ग्रामीण दो लोगों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं और उनकी इच्छा के बगैर उनके बाल काट रहे हैं।"
एसएसपी ने आगे कहा कि वीडियो को संज्ञान में लेकर मौके पर पुलिस बल पहुंचा और जिस व्यक्ति के बाल काटे गए थे, उसकी पहचान की। पीड़ित की शिकायत के आधार पर बकेवर थाने में शिकायत दर्ज की गई और मुख्य आरोपी समेत चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान आशीष तिवारी, उत्तम कुमार अवस्थी, निक्की अवस्थी और मनु दुबे के नाम पर हुई है। सभी दांदरपुर जिले के रहने वाले हैं। वायरल वीडियो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी शेयर किया जिसमें आरोपियों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि "ब्राह्मणों के गांव में ऐसा करने की सजा दी जा रही है।"
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
पत्रकारों से बात करते हुए कथावाचक के सहयोगी संत सिंह यादव ने बताया कि वह पहले निजी स्कूल चलाते थे लेकिन मोदी सरकार ने स्कूल बंद करा दिया। इसके बाद मैं भागवत कथा कहने लगा और कथावाचक मुकुट मणि का सहयोगी बना।
घटना के बारे में विस्तार से बताते हुए संत सिंह ने बताया कि हमें दांदरपुर गांव में कथा के लिए बुलाया गया था जहां पर हमसे जाति पूछी गई। यह कहा गया कि हम 'चमार' हैं, तब मैंने कहा कि मैं 'चमार' नहीं 'यादव' हूं।
संत सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा "उन्होंने मुझसे आईडी दिखाने को कही। फिर उन्होंने कहा कि यादव होकर ब्रह्माणों के गांव में कथा कहने आए हो। मुझे रात भर प्रताड़ित किया गया और मेरे बाल काटे गए। "
इटावा के बकेवर इलाके के दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर पीडीए की एक जाति बताने पर, कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 23, 2025
हमारा संविधान जातिगत भेदभाव… pic.twitter.com/Pr11ohEp59
कथावाचक के सहयोगी ने आगे बताया "मेरे ऊपर मूत्र छिड़का गया और मुझसे कहा गया कि अब मैं शुद्ध हो गया हूं। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रह्माणों के गांव में तुम्हारी आने की हिम्मत कैसे हुई?"
यह वीडियो शेयर करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा "इटावा के बकेवर इलाके के दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर पीडीए की एक जाति बताने पर, कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई।"
इसके साथ ही अखिलेश यादव ने यह भी लिखा कि हमारा संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है। अखिलेश ने आगे लिखा कि अगर तीन दिन के अंदर कार्रवाई नहीं हुई तो पीडीए के मान-सम्मान की रक्षा के लिए बड़ा आंदोलन करेंगे।