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लखनऊ: धर्मांतरण गिरोह का सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा कभी साइकिल पर अंगूठियाँ और ताबीज बेचा करता था। अब उसके पास 40 बैंक खातों में 106 करोड़ रुपये की धनराशि होने की जानकारी सामने आई है। इनमें से ज्यादातर पैसा उसे पश्चिम एशिया से प्राप्त हुआ है। इसके अलावा करोड़ों रुपये की कम से कम दो संपत्तियाँ उसके पास हैं।
छांगुर बाबा को उसकी करीबी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के साथ शनिवार को लखनऊ के एक होटल से उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में हाल ही में पकड़े गए धर्मांतरण गिरोह के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। तब से, जमालुद्दीन पर शिकंजा हर दिन कसता जा रहा है।
पुलिस ने एक बयान में बताया था कि 'आरोपी द्वारा धर्मांतरण के लिए गरीब, असहाय, मजदूरों, कमजोर वर्गों और विधवा महिलाओं को प्रलोभन, वित्तीय सहायता, शादी का वादा या धमकी देकर मजबूर किया गया था।'
मामले में उत्तर प्रदेश आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) भी इस बात की जाँच कर रहा है कि क्या गिरोह का कोई आतंकवादी संबंध है। गिरोह के खिलाफ मामला दर्ज करने वाली उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) भी मामले की जाँच कर रही है। स्थानीय पुलिस बलरामपुर में गिरोह में कथित रूप से शामिल अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच कर रही है।
इन तीनों एजेंसियों के अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी छांगुर बाबा की कमाई के स्रोत का पता लगाने के लिए एक मामला दर्ज किया है। छांगुर बाबा को इलाके में लोग पीर बाबा के नाम से भी जानते हैं। एजेंसी इस बात की जाँच कर रही है कि पैसा किसने और किन कारणों से भेजा।
छांगुर बाबा की कहानी...
जानकारी के अनुसा छांगुर बाबा कभी साइकिल पर अंगूठियाँ और ताबीज बेचा करते थे। बाद में वो ग्राम प्रधान बना। अब तक मिले दस्तावेजों के आधार पर यह पुष्टि हुई है कि उसके 40 अलग-अलग खातों में 106 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं। जाँच के अनुसार, यह सारा पैसा पश्चिम एशिया के इस्लामी देशों से आया है।
उत्तर प्रदेश के रेहरा माफी गाँव के रहने वाले छांगुर बाबा का पूरा साम्राज्य नेपाल की सीमा से लगे बलरामपुर जिले के उत्तरौला क्षेत्र में है।
अपनी मौजूदा सहयोगी नीतू से मिलने के बाद, उसने रेहरा माफी गाँव से लगभग तीन किलोमीटर दूर मधपुर में एक दरगाह के बगल वाली जमीन पर एक इमारत बनवाई। हालाँकि, एक सरकारी जाँच में यह इमारत अवैध पाई गई है। बुधवार को, अधिकारियों ने सरकारी जमीन पर कथित अवैध निर्माण को बुलडोजर से गिरा दिया।
इस इमारत के दो हिस्से थे। एक में छांगुर बाबा, उसकका परिवार और सहयोगी रहते थे। वहीं, दूसरा हिस्से का कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा था। इस इमारत में दो कुत्ते और 15 सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं।
कई और जगहों पर भी हैं छांगुर बाबा की प्रॉपर्टी
बलरामपुर के अलावा छांगुर बाबा की कई अन्य जगहों पर भी कई संपत्तियाँ हैं। इनमें से एक संपत्ति महाराष्ट्र के लोनावाला में है। इसे छांगुर बाबा और नवीन (जिसे हाल ही में गिरफ्तार किया गया है) के नाम पर 2 अगस्त, 2023 को खरीदी गई थी। दस्तावेजों के अनुसार, इस जमीन की कीमत 16.49 करोड़ रुपये है।
यह जमीन मोहम्मद अहमद खान नाम के एक व्यक्ति ने बेची थी। अहमद खान भी जाँच के घेरे में है क्योंकि उसने भी छांगुर बाबा को पैसे भेजे थे। अब इस बात की जाँच की जा रही है कि क्या यह अहमद खान वही व्यक्ति है जिसने जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को जमीन बेची थी।
सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर सरकारी तंत्र के वे एजेंट, अधिकारी और कर्मचारी भी हैं, जो कथित तौर पर छांगुर के अवैध कामों में उसकी मदद कर रहे थे। एजेंसियाँ यह भी जाँच कर रही हैं कि उसने कितने लोगों का धर्मांतरण कराया और क्या उसे मिले पैसों का इस्तेमाल राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में भी किया गया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि 'प्रारंभिक जाँच' से पता चला है कि आरोपी जमालुद्दीन की गतिविधियाँ न केवल समाज के विरुद्ध, बल्कि राष्ट्र के भी विरुद्ध हैं।
राज्य में कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों में किसी भी तरह की ढील न बरतने का आश्वासन देते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आरोपी और उसके गिरोह से जुड़े अन्य अपराधियों की संपत्ति जब्त की जाएगी और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।