लखनऊः महाकुंभ 2025 के दिव्य और भव्य आयोजन ने प्रयागराज की आध्यात्मिक विरासत को वैश्विक पटल पर स्थापित करने के साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व गति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में बजट चर्चा के दौरान महाकुंभ के आर्थिक प्रभावों का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए बताया कि आयोजन से प्रदेश को लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति होने की उम्मीद है।

नाविक परिवार की सक्सेस स्टोरी

सीएम योगी ने चर्चा के दौरान प्रयागराज के एक नाविक परिवार की प्रेरणादायक कहानी भी साझा की। उन्होंने बताया कि महाकुंभ के 45 दिनों के आयोजन में इस परिवार ने अपनी 130 नावों के माध्यम से लगभग 30 करोड़ रुपये की बचत की। एक नाव ने औसतन 23 लाख रुपये की कमाई की, जिससे प्रति दिन की आय लगभग 50 से 52 हजार रुपये रही। सीएम योगी ने कहा कि यह कहानी महाकुंभ के आर्थिक प्रभाव का जीवंत प्रमाण है।

किन उद्योगों को हुआ फायदा?

इसके अलावा महाकुंभ के दौरान प्रयागराज शहर में होटल, रेस्टोरेंट, टूर एंड ट्रैवेल, खुदरा व्यापार और ऑटोमोबाइल जैसे उद्योगों को भारी मुनाफा हुआ। अनुमान है कि इस आयोजन से शहर की अर्थव्यवस्था को 200 से 300 फीसदी का बूस्ट मिल सकता है।

होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री: लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।

टूर एंड ट्रैवेल सेक्टर: तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ के चलते मुनाफे में वृद्धि।

खुदरा व्यापार: अनाज, सब्जी, गद्दे, बेड, फर्नीचर और टेंट व्यवसायियों को 30 से 40 गुना तक का लाभ हुआ।

ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग: आय वृद्धि के कारण इन क्षेत्रों में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिली।

स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

प्रयागराज व्यापार मंडल के जनरल सेक्रेटरी शिव शंकर सिंह ने बताया कि महाकुंभ से बढ़ी आय का फ्लो जब स्थानीय बाजार में पहुंचेगा तो शहर की इकॉनमी में 200 से 300 फीसदी तक की वृद्धि होगी। रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर में इसका प्रत्यक्ष असर देखने को मिलेगा।

महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में बने 12 कॉरिडोर, संगम क्षेत्र में पक्के घाट और आसपास के तीर्थ स्थलों की बेहतर कनेक्टिविटी ने शहर के आध्यात्मिक और डॉमेस्टिक टूरिज्म को बढ़ावा दिया है। मुख्यमंत्री योगी के विजन के अनुरूप प्रयागराज का आध्यात्मिक टूरिज्म महाकुंभ के बाद भी सामान्य दिनों में बढ़ने की उम्मीद है।