पुलिस नहीं चाहती थी RCB का विजय समारोह, बेंगलुरु भगदड़ पर सूत्रों के हवाले से दावा

आरसीबी यानी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की जीत का जश्न बुधवार को भगदड़ के बाद हुई 11 मौतों से मातम में बदल गया। अब खबर है कि बेंगलुरु पुलिस विधान सौधा पर टीम के सम्मान समारोह के पक्ष में नहीं थी।

RCB MOVES TO KARNATAKA HIGH COURT

बेंगलुरु में RCB का विजय समारोह Photograph: (IANS)

बेंगलुरु : आरसीबी यानी रॉयल चैलेंजर्स की IPL 2025 की जीत का जश्न एक बुरे सपने में बदल गया। एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ मच गई। इस हादसे में 11 लोगों की जान चली गई और 33 लोग घायल हो गए। आरसीबी ने आईपीएल का खिताब जीता और उसके 18 घंटे के अंदर ही जश्न मनाया गया। एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार और आरसीबी ने पुलिस की सलाह को नहीं माना। पुलिस ने जश्न को लेकर कुछ सलाह दी थी। लेकिन सरकार और RCB ने उस पर ध्यान नहीं दिया।

 पुलिस चाहती थी स्थगित हो आरसीबी का प्रोग्राम

आरसीबी यानी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की जीत का जश्न बुधवार को भगदड़ के बाद हुई 11 मौतों से मातम में बदल गया। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि बेंगलुरु पुलिस विधान सौधा पर टीम के सम्मान समारोह के पक्ष में नहीं थी। फिलहाल, इसे लेकर सरकार या पुलिस की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। सरकार का यह भी कहना है कि KSCA यानी कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ कार्यक्रम चाहता था।

रिपोर्ट में एक पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा गया, "हमने सरकार के साथ आरसीबी फ्रेंचाइजी को भी समझाने की कोशिश की थी कि इस आयोजन को टाला जाए।  हमने उन्हें सलाह दी थी कि ये प्रोग्राम रविवार को आयोजित किया जाए, जब फैंस की भावनाएं थोड़ी शांत हो जाएगी।  हमने उनसे ये भी कहा कि कोई जुलूस न निकालकर एक जगह पर व्यवस्थित तरीके से इस प्रोग्राम का आयोजन किया जाए।  खिलाड़ियों को स्टेडियम में लाए और वहीं पर पूरा प्रोग्राम किया जाए। "

दूसरी ओर सीएनएन न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अगुवाई वाली सरकार और राज्य क्रिकेट संघ के बीच हुई बातचीत से पता चला है कि विधानसभा पर RCB का जश्न 3 जून को होने वाले फाइनल से पहले ही तय था। रिपोर्ट के अनुसार, 3 जून को KSCA ने DPAR को पत्र लिखा था, जिसमें विधानसभा के पास आरसीबी के जीतने पर सम्मान समारोह की अनुमति मांगी गई थी। इसके बाद DPAR ने पुलिस की राय जानने के लिए पत्र लिखा। रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने बताया है कि पुलिस विधानसभा पर कार्यक्रम कराने के पक्ष में नहीं थे।

कर्नाटक हाई कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान

इस मामले में कर्नाटक सरकार सवालों के घेरे में है। आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं। इसी बीच घटना पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने खुद ही एक जनहित याचिका (PIL) दायर की है। हाई कोर्ट ने कांग्रेस सरकार से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी कामेश्वर राव की बेंच ने इस घटना पर चिंता जताई है। मामले की सुनवाई दोपहर 2। 30 बजे होगी। इधर पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है।

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