बेंगलुरु: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का खिताब पहली बार जीतने वाली रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के प्रशंसकों सहित पूरे देश को बुधवार का दिन गहरा सदमा दे गया। टीम के खिलाड़ियों की झलक पाने के लिए लाखों लोगों की भीड़ उस चिन्नास्वामनी स्टेडियम के पास पहुंची थी, जहां इस जीत का खास जश्न मनाया जा रहा था। 

हालांकि, कार्यक्रम को लेकर खराब तैयारी, आखिरी घंटों में कार्यक्रम में बदलाव, आसपास की सड़कों पर अव्यवस्था ने एक बड़े हादसे को आमंत्रित किया। भारी भीड़ के आने के बाद मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई। हादसे को लेकर कर्नाटक की सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस बीच राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये मुआवजे का भी ऐलान किया है।

Bengaluru stampede: मृतकों में 14 साल की बच्ची सहित और कौन?

बेंगलुरु में हुए हादसे में मरने वालों को लेकर जानकारी सामने आने लगी है। इसमें पानीपुड़ी का ठेला लगाने वाले शख्स के 18 साल के बेटे मनोज कुमार सहित 14 साल की एक बच्ची भी शामिल है। इस बच्ची की पहचान दिव्यांशी के तौर पर हुई है। वह अपनी मां, आंटी, छोटी बहन और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ आरसीबी के लिए आयोजित सम्मान समारोह में हिस्सा लेने आई थी।

इसके अलावा सहाना नाम की 21 साल की लड़की का नाम भी मृतकों शामिल है। उसने हाल में एक कंपनी में अपनी नौकरी शुरू की थी। बुधवार को वह अपने सात अन्य सहकर्मियों के साथ ऑफिस से जल्दी निकलकर समारोह में हिस्सा लेने के लिए पहुंची थी। भगदड़ में उसकी मौत हो गई, जबकि अन्य सहकर्मी बचने में कामयाब रहे।

इसके अलावा 25 साल के पूर्ण चंद्र, 29 साल की देवी, 26 साल की अक्षता, 17 साल के शिवलिंगु, 26 साल के श्रवण कुमार, 18 साल की भूमिका, 22 साल के प्राज्वल जी और 19 साल के चिन्नैया भी इस हादसे में मारे गए।

Bengaluru stempede 1
Photograph: (IANS)

 खराब योजना, लापरवाही और दो-दो समारोह

भगदड़ किन कारणों से हुई, इसकी जांच जारी है। हालांकि, इस बीच शुरुआती बातें जो निकलकर सामने आई हैं, उससे कई सवाल खड़े होते हैं। सबसे पहले पूरे कार्यक्रम की खराब योजना को लेकर बातें उठ रही हैं। इस खराब योजना की पूरी टाइमलाइन समझते हैं।

आरसीबी की मंगलवार रात फाइनल में जीत के बाद फ्रेंचाइजी के सोशल मीडिया हैंडल से यह घोषणा की गई कि एक विक्ट्री परेड निकाली जाएगी। आरसीबी ने बुधवार सुबह कहा कि विधान सौधा से चिन्नास्वामी स्टेडियम तक ओपन बस में विक्ट्री परेड निकाली जाएगी। दोनों के बीच की दूरी लगभग एक किलोमीटर है। ज्यादातर लोगों को इसी के बारे में पता था।

हालांकि, अचानक कुछ घंटे पहले इसमें बदलाव कर दिया गया। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए विक्ट्री परेड को कैंसल किया गया। बताया गया कि टीम का सम्मान समारोह स्टेडियम में होगा। स्टेडियम में लोगों के आने के लिए सीमित संख्या में फ्री पास भी ऑनलाइन मुहैया कराया गया था।

बुधवार को सुबह 11:56 बजे ट्रैफिक पुलिस ने घोषणा की कि विजय परेड नहीं होगी। दोपहर करीब 1:30 बजे आरसीबी की टीम एचएएल एयरपोर्ट पहुंची और विधान सौधा जाने से पहले होटल के लिए रवाना हुई। तब तक विधान सौधा के आसपास हजारों लोग जमा हो चुके थे, जहां कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया टीम को सम्मानित करने वाले थे।

विधान सौधा से इतर स्टेडियम के पास भी भीड़ तेजी से बढ़ रही थी। इस बीच बेंगलुरु पुलिस की बड़ी संख्या कर्नाटक सरकार द्वारा चिन्नास्वामी स्टेडियम से 1 किमी दूर विधान सौधा में आरसीबी को सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में सुरक्षा व्यवस्था में लगी हुई थी। सरकारी कार्यक्रम स्टेडियम में होने वाले कार्यक्रम से पहले आयोजित किया गया था। इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं कि दो-दो जगहों पर कार्यक्रम क्यों आयोजित किया गया।

तीन बजे के बाद तेजी से बढ़ी भीड़

विधान सौधा के पास भीड़ इतनी बढ़ चुकी थी कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। लोग आसपास के पेड़ों पर चढ़ रहे थे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कुछ लोग तो कर्नाटक हाई कोर्ट की इमारत पर चढ़ने में कामयाब हो गए थे। दिन में करीब तीन बजे हालात ऐसे थे, कि एक किलोमीट के रेडियस में करीब 50 हजार से ज्यादा लोग जमा हो चुके थे और ये संख्या लगातार बढ़ रही थी।

RCB Fans
Photograph: (IANS)

घटना की जांच कर रहे अधिकारियों के अनुसार भीड़ में कई लोगों को पता ही नहीं था कि विक्ट्री परेड को रद्द कर दिया गया है। भीड़ को उम्मीद थी कि विधान सौधा में सम्मान समारोह के बाद, खुली बस स्टेडियम की ओर जाएगी। चूंकि कई लोगों के पास स्टेडियम में प्रवेश करने के लिए टिकट नहीं थे, इसलिए उन्हें उम्मीद थी कि वे कम से कम बस में वे अपने क्रिकेट सितारों की एक झलक देख पाएंगे।

जब टीम स्टेडियम के लिए रवाना हुई, तो वह बंद बस में बैठी थी। भगदड़ की स्थिति शाम 4 बजे के आसपास शुरूहुई जब स्टेडियम का गेट नंबर 3 थोड़ा खुला हुआ था। ऐसे में टिकट वाले और बिना टिकट वालों, दोनों तरह की भीड़ ने स्टेडियम में घुसने के प्रयास शुरू कर दिए। कुछ और गेट पर भी ऐसी स्थिति बनी।

यह बात भी सामने आई है कि प्रशासन यह आकलन करने में विफल रहा कि कितनी भीड़ जुटेगी। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी माना है कि इस आकलन में गलती हुई है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर करीब 2-3 लाख लोग थे, जिनमें विधान सौधा के पास 1 लाख लोग थे। उन्होंने कहा, 'हमें या कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ को इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। स्टेडियम की क्षमता करीब 35,000 है। हमें उम्मीद थी कि इससे थोड़ी ही ज़्यादा भीड़ होगी।'