थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल उपेंद्र द्विवेदी। Photograph: (IANS)
नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को एक पारंपरिक सैन्य मिशन से अलग बताते हुए इसे 'शतरंज का खेल' कहा, जिसमें भारत ने अपनी चालों से दुश्मन को निर्णायक मात दी। उन्होंने स्वीकार किया कि इस तरह के ऑपरेशन में जोखिम भी शामिल होते हैं।
आईआईटी मद्रास में एक कार्यक्रम के दौरान सेना प्रमुख ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर में, हमने शतरंज खेला... हमें नहीं पता था कि दुश्मन की अगली चाल क्या होगी और हम क्या करने वाले थे। इसे 'ग्रेजोन' कहा जाता है। ग्रेजोन का मतलब है कि हम पारंपरिक युद्ध के लिए नहीं जा रहे हैं, बल्कि उससे ठीक पहले की कार्रवाई कर रहे हैं।"
जनरल द्विवेदी ने कहा कि हम शतरंज की चाल चल रहे थे। दुश्मन भी चाल चलता था। कभी हम उसे चेकमेट देते और कभी जोखिम लेकर निर्णायक वार करते। लेकिन यही सच्चाई है।
पहलगाम हमले के बाद मिला 'फ्री हैंड'
सेना प्रमुख ने बताया कि 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को शुरू किया गया यह ऑपरेशन, सरकार के स्तर पर राजनीतिक इच्छाशक्ति और रणनीतिक स्पष्टता से प्रेरित था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई उच्च-स्तरीय बैठक में सेना को 'फ्री हैंड' देने के फैसले की सराहना की।
जनरल द्विवेदी ने कहा, "23 अप्रैल को हम सभी बैठे थे। यह पहली बार था जब रक्षा मंत्री ने कहा, 'अब बहुत हो चुका'। तीनों सेना प्रमुख बहुत स्पष्ट थे कि कुछ करना होगा। हमें 'फ्री हैंड' दिया गया था कि 'आप तय करें कि क्या किया जाना है।' इस तरह का आत्मविश्वास, राजनीतिक दिशा और राजनीतिक स्पष्टता हमने पहली बार देखी।"
पाकिस्तान की 'नैरेटिव मैनेजमेंट' पर निशाना
सेना प्रमुख ने पाकिस्तान की 'नैरेटिव मैनेजमेंट' पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने खुद को विजेता के रूप में चित्रित करने के लिए अपने सेना प्रमुख असीम मुनीर को पाँच-सितारा जनरल और फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत करने का फैसला किया।
उन्होंने कहा, "नैरेटिव मैनेजमेंट सिस्टम कुछ ऐसा है जिसे हम बहुत गंभीरता से लेते हैं, क्योंकि जीत हमेशा दिमाग में होती है। अगर आप किसी पाकिस्तानी से पूछेंगे कि क्या वे हारे या जीते, तो वह कहेगा, 'सेना प्रमुख फील्ड मार्शल बन गए हैं। हम जरूर जीते होंगे, इसीलिए वह फील्ड मार्शल बने हैं'।"
जनरल द्विवेदी ने यह भी कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसा छोटा नाम पूरे देश को एकजुट करने में कामयाब रहा।
ऑपरेशन का मकसद और अंजाम
'ऑपरेशन सिंदूर' एक लक्षित सैन्य अभियान था, जिसमें भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी बुनियादी ढाँचे और शिविरों पर सटीक हमले किए। सेना प्रमुख के अनुसार, भारतीय सशस्त्र बलों ने नौ विशिष्ट ठिकानों पर हमला करने के लिए हवाई और मिसाइल स्ट्राइक का उपयोग किया।
भारत ने जहाँ यह स्पष्ट किया कि हमले सटीक और सीमित थे, वहीं पाकिस्तान ने जवाबी ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिन्हें भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने प्रभावी ढंग से बेअसर कर दिया। सैन्य विश्लेषकों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की उच्च-सटीकता और समन्वित सैन्य कार्रवाई की क्षमता को सिद्ध किया, जिसने न केवल आतंकी बुनियादी ढांचे को ध्वस्त किया, बल्कि प्रायोजित सीमा-पार आतंकवाद के खिलाफ प्रतिरोध भी बहाल किया।