अहमदाबादः 12 जून को हुए भीषण एयर इंडिया AI-171 विमान हादसे की जांच में अब केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने तेजी ला दी है। अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात ग्राउंड हैंडलिंग स्टाफ से पूछताछ की गई है और उनके मोबाइल फोन जब्त कर फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उड़ान से पहले निरीक्षण और ग्राउंड ऑपरेशन्स में शामिल सभी कर्मचारियों से औपचारिक तौर पर पूछताछ की गई है और उनके बयान दर्ज किए गए हैं। खासतौर पर उन कर्मचारियों पर फोकस किया गया है जो उड़ान भरने से ठीक पहले विमान को हैंडल कर रहे थे।

सीसीटीवी फुटेज भी जब्त

जांच एजेंसियों ने एयरपोर्ट परिसर के विभिन्न एंगल्स से रिकॉर्ड हुई सीसीटीवी फुटेज भी कब्जे में ले ली है, ताकि किसी भी सुराग को नजरअंदाज न किया जा सके। अधिकारियों के अनुसार, यह एक ‘360 डिग्री जांच’ है जिसमें मानव त्रुटि, तकनीकी विफलता और संभावित साजिश जैसे हर पहलू को गंभीरता से खंगाला जा रहा है।

12 जून को दोपहर 1:30 बजे, एयर इंडिया की बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर उड़ान AI-171 टेक-ऑफ के कुछ मिनटों बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। उड़ान के दौरान पायलट ने कंट्रोल टावर को एक 'मे डे' कॉल भेजा था, जो दर्शाता है कि विमान में गंभीर तकनीकी गड़बड़ी हुई थी।

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16 जून को अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग की एक तकनीकी टीम अहमदाबाद पहुंची और जांच में शामिल हो गई। जांचकर्ताओं ने कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (CVR) और दूसरा ब्लैक बॉक्स भी बरामद कर लिया है। पहला ब्लैक बॉक्स पिछले शुक्रवार को ही मिल गया था। ये रिकॉर्डिंग्स विमान के अंतिम क्षणों की तस्वीर साफ कर सकती हैं।

AAIB कर रही है जांच का नेतृत्व

इस दुखद विमान हादसे की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) के नेतृत्व में हो रही है, जो बोइंग विशेषज्ञों, केंद्रीय खुफिया इकाइयों और स्थानीय विमानन प्राधिकरणों के साथ मिलकर इस दुर्घटना के वास्तविक कारण तक पहुंचने की कोशिश में है। जांच का मुख्य फोकस इस बात पर है कि अचानक ऊंचाई कम होने की वजह क्या थी और क्या इस भयावह दुर्घटना को टाला जा सकता था?