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गाजा पट्टी में खाने की तलाश में लगे लोगों को इजराइली सेना ने मारा, 20 से अधिक की मौत

गाजा : इजराइली सेना ने 3 अगस्त को गाजा पट्टी में खाने की तलाश में आए 23 लोगों को मार डाला। इसकी जानकारी अस्पताल के अधिकारियों और चश्मदीदों ने दी है। चश्मदीदों के मुताबिक, उन्हें गोलियों का सामना करना पड़ा। सहायता स्थलों के पास भारी संख्या में भीड़ जुटी थी। ऐसे में कुपोषण से ग्रसित मारे जाने वाले लोगों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। 

ऐसे में बीते 2 सालों से लगातार युद्ध का सामना कर रहे फिलिस्तीनी क्षेत्र में निराशा देखी जा रही है। वहीं इजराइल की नाकाबंदी के चलते खाना और अन्य जरूरी सुविधाओं न मिलने के चलते यहां अकाल का खतरा मंडरा रहा है। 

चश्मदीदों ने क्या बताया?

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वितरण केंद्रों की लाइन में लगे यूसुफ अबेद ने कहा कि लाइन में लगे लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। उन्होंने अपने आसपास देखा तो कम से कम तीन लोग जमीन पर खून से लथपथ पडे़ थे। 

उन्होंने कहा “गोलियों के कारण मैं रुककर उनकी मदद नहीं कर सका।”

दक्षिणी गाजा के नासेर अस्पताल ने कहा कि उन्होंने वितरण केंद्रों के पास से शव प्राप्त हुए हैं। इनमें तेना से आठ शव मिले हैं। यह वितरण केंद्र खान यूनिस से 3 किलोमीटर की दूरी पर है। इसका संचालन गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन द्वारा किया जाता है। यह एक निजी अमेरिकी और इजराइल समर्थित केंद्र है जो लगभग दो महीने से अधिक समय पहले शुरू हुआ था। 

अस्पताल को शकोश से भी एक शव मिला है। यह इलाका राफह में एक अन्य जीएचएफ से कुछ दूर है। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि मोराग कॉरिडोर के पास सैनिकों ने नौ और लोगों को मार डाला। ये लोग इजराइली सीमा पार करके गाजा में प्रवेश करने वाले ट्रकों के इंतजार में खड़े थे।

तेना और मोराग के तीन फिलिस्तीनी चश्मदीदों ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि वितरण केंद्रों के रास्ते पर गोली चलाई गई। ये इलाके इजराइली सेना के मिलिट्री जोन में हैं। उन लोगों ने बताया कि सेना के जवानों ने भूखी भीड़ पर खुली फायरिंग की।

कई अन्य जगहों पर हुई फायरिंग

इसी तरह मध्य गाजा के उत्तरी क्षेत्र में अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि इजराइली सेना ने 3 अगस्त को सुबह फिलिस्तीन की भूखी भीड़ जो वितरण केंद्र पर लगी थी, उन पर खुली फायरिंग कर दी। 

इसी तरह अवदा अस्पताल ने कहा कि नेटरजिम कॉरिडोर के कम से कम 5 लोग मारे गए और 27 लोग मारे गए। वहीं चश्मदीदों ने यह भी बताया कि ऐसी घटनाएं वितरण केंद्रों के पास देखी गईं हैं। इससे दर्जनों फिलिस्तीनी लोग मारे गए हैं। 

यूनाइडेट नेशंस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीती 27 मई से 31 जुलाई से जीएचएफ वितरण केंद्रों पर 859 लोग मारे गए हैं। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाले खाद्य पदार्थों के मार्ग पर भी सैकड़ों लोग मारे गए हैं। 

ज्ञात हो कि इजराइल ने मई में जीएचएफ की शुरुआत की थी और इसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा चलाए जा रहे खाद्य केंद्रो के विकल्प के तौर पर शुरू किया गया है। 

रविवार को हुई इन घटनाओं के बारे में न तो इजराइली सेना ने कुछ कहा है और न ही जीएचएफ वितरण केंद्रों ने कुछ कहा है। 

इस बीच गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बीते 24 घंटे में गाजा पट्टी में कुपोषण के कारण छह और फिलिस्तीनी लोग मारे गए हैं। बीते 5 हफ्तों में यह संख्या बढ़कर 82 हो गई है। 

अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...

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