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डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में टेक दिग्गजों को डिनर पर बुलाया, भारतीय मूल के किन बड़े चेहरों ने की शिरकत?

डोनाल्ड ट्रंप के डिनर में डिनर में बिल गेट्स, मार्क जकरबर्ग, टिम कुक, सैम ऑल्टमैन, सर्गेई ब्रिन और सफ्रा कैट्ज जैसी प्रभावशाली तकनीकी हस्तियाँ भी शामिल हुईं। वहीं, सुंदर पिचाई से लेकर सत्या नडेला जैसे भारतीय टेक दिग्गज भी इसका हिस्सा बने।

भारत से टैरिफ पर तनातनी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस डिनर में तकनीकी क्षेत्र के शीर्ष दिग्गजों की व्हाइट हाउस में डिनर पर मेजबानी की। इस दौरान टेक इनोवेशनल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ट्रंप ने इन लोगों से चर्चा की और साथ ही अमेरिका में ज्यादा निवेश की भी बात की। दिलचस्प रहा कि इस विशिष्ट समूह में तकनीकी कंपनियों के पांच शीर्ष अधिकारी भी प्रमुख रूप से शामिल हुए। यह मौजूदगी अमेरिकी तकनीकी क्षेत्र में प्रवासी भारतीयों के महत्वपूर्ण प्रभाव को दर्शाता है।

रोज गार्डन में आयोजित इस डिनर में प्रमुख वैश्विक तकनीकी कंपनियों के प्रमुख शामिल हुए। इन्होंने अमेरिका में निवेश प्रतिबद्धताओं और एआई रणनीतियों पर बात की। इस भोज में भारतीय मूल के सीईओ – सुंदर पिचाई, सत्य नडेला, संजय मेहरोत्रा, विवेक रणदिवे और श्याम शंकर शामिल हुए।

सुंदर पिचाई- अल्फाबेट इंक. (गूगल के सीईओ)

भारत के तमिलनाडु में जन्मे पिचाई ने क्लाउड कंप्यूटिंग, एआई और अन्य उभरती तकनीकों में गूगल के तेजी से विकास का नेतृत्व किया है। डिनर में, उन्होंने ट्रंप की एआई कार्ययोजना की प्रशंसा की और अमेरिका में गूगल के लगभग 250 अरब डॉलर के निवेश पर का उल्लेख किया। उन्होंने इससे अमेरिका में तकनीकी विकास के लिए कंपनी की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का संकेत दिया।

सत्या नडेला- माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ

भारत के हैदराबाद से ताल्लुक रखने वाले नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड और एआई क्षमताओं में क्रांतिकारी बदलाव लाकर वैश्विक पहचान हासिल की है। इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने प्रौद्योगिकी कंपनियों का समर्थन करने के लिए ट्रंप की सराहना की और वैश्विक बाजारों द्वारा अमेरिकी तकनीक पर रखे गए भरोसे का विशेष तौर पर जिक्र किया।

संजय महरोत्रा- माइक्रोन टेक्नोलॉजी के सीईओ

भारतीय-अमेरिकी कार्यकारी मेहरोत्रा ​​दुनिया की सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनियों में से एक का नेतृत्व करते हैं। यह मेमोरी और स्टोरेज तकनीकों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। उनकी भागीदारी से सिलिकॉन वैली और व्यापक तकनीकी इकोसिस्टम में भारतीय मूल के टेक लीडर्स का रणनीतिक महत्व साफ तौर पर नजर आता है।

विवेक रणदिवे – टिब्को सॉफ्टवेयर के अध्यक्ष और सीईओ

भारत में जन्मे रणदिवे रीयल-टाइम डेटा एनालिटिक्स और सॉफ्टवेयर इनोवेशन में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं। एनबीए ओनरशिप ग्रुप में भी उनकी उपस्थिति है।

श्याम शंकर – पलान्टिर टेक्नोलॉजीज के सीटीओ

शंकर एक भारतीय-अमेरिकी प्रौद्योगिकी कार्यकारी है। वे सरकारी और वाणिज्यिक क्षेत्रों के लिए बिग डेटा एनालिटिक्स और सॉफ्टवेयर समाधानों में नवाचारों का नेतृत्व करते हैं। जाहिर तौर पर उनकी उपस्थिति ने विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों में भारतीय मूल के लोगों के तरह-तरह से योगदान को साबित किया।

ट्रंप के भोज में और कौन-कौन हुए शामिल

डिनर में बिल गेट्स, मार्क जकरबर्ग, टिम कुक, सैम ऑल्टमैन, सर्गेई ब्रिन और सफ्रा कैट्ज जैसी प्रभावशाली तकनीकी हस्तियाँ भी शामिल थीं। हालांकि, ट्रंप के साथ हालिया तनाव के कारण एलन मस्क अनुपस्थित नजर आए और ये मीडिया में भी चर्चा का केंद्र रहा। इस कार्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, तकनीकी निवेश और अमेरिकी तकनीकी परिदृश्य को आकार देने वाली रणनीतिक पहलों पर चर्चा हुई।

ट्रंप ने भोज में उपस्थित लोगों को ‘हाई आइक्यू ग्रुप’ बताया और उनसे प्रौद्योगिकी में अमेरिका-केंद्रित निवेश करने को लेकर भी खूब बातें की। गूगल, मेटा और एप्पल ने इस दौरान बातचीत में अरबों डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धताओं का जिक्र भी किया।

विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...

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