नई दिल्ली: भारत का वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह अप्रैल में बढ़कर 2.37 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले साल इसी महीने के 2.10 लाख करोड़ रुपये से 12.6 प्रतिशत अधिक है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जीएसटी संग्रह में वृद्धि आर्थिक गतिविधि के उच्च स्तर और बेहतर अनुपालन के कारण हुई है।गुरुवार को आए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2024 में जीएसटी राजस्व 2.10 लाख करोड़ रुपये था, जो 1 जुलाई, 2017 को नई कर व्यवस्था लागू होने के बाद से दूसरा सबसे अधिक संग्रह था।
इस साल अप्रैल में घरेलू लेनदेन से जीएसटी संग्रह 10.7 प्रतिशत बढ़कर 1.9 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयातित वस्तुओं से राजस्व 20.8 प्रतिशत बढ़कर 46,913 करोड़ रुपये हो गया। अप्रैल के दौरान रिफंड जारी करने की राशि 48.3 प्रतिशत बढ़कर 27,341 करोड़ रुपये हो गई।
अप्रैल में अब तक का सबसे ज्यादा GST कलेक्शन
इस साल मार्च के दौरान जीएसटी संग्रह पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 9.9 प्रतिशत बढ़कर 1.96 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो आर्थिक गतिविधि के उच्च स्तर और बेहतर अनुपालन को दर्शाता है। क्रमिक रूप से, जीएसटी संग्रह इस साल फरवरी में दर्ज 1.84 लाख करोड़ रुपये के राजस्व से 6.8 प्रतिशत अधिक था।
मार्च में सकल जीएसटी राजस्व में केंद्रीय जीएसटी से 38,100 करोड़ रुपये , राज्य जीएसटी से 49,900 करोड़ रुपये , इंटीग्रेटेड जीएसटी से 95,900 करोड़ रुपये और कंपनसेशन सेस से 12,300 करोड़ रुपये शामिल थे। इसकी तुलना में, फरवरी में केंद्रीय जीएसटी संग्रह 35,204 करोड़ रुपये , राज्य जीएसटी 43,704 करोड़ रुपये , इंटीग्रेटेड जीएसटी 90,870 करोड़ रुपये और कंपनसेशन सेस 13,868 करोड़ रुपये रहा।
पहली बार 2.37 लाख करोड़ के पार पहुंचा कलेक्शन
मार्च में जीएसटी संग्रह में महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश शीर्ष पांच योगदानकर्ता रहे। महाराष्ट्र ने मार्च में 31,534 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जो पिछले साल मार्च की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है। वहीं, कर्नाटक ने 13,497 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जो सालाना आधार पर 4 प्रतिशत की वृद्धि है।
गुजरात ने 12,095 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जो मार्च 2024 से 6 प्रतिशत की वृद्धि है। तमिलनाडु ने 11,017 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जो 7 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है, जबकि उत्तर प्रदेश ने 9,956 करोड़ रुपये एकत्रित किए, जो सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की वृद्धि है।