मनीषा राजस्थान में जन्मी, पली-बढ़ी हैं। ग्रेजुएशन तक विज्ञान पढ़ा है। मनीषा, एक वायुसेना अधिकारी की पत्नी हैं इनके सात उपन्यास और दस कथा-संकलन प्रकाशित हो चुके हैं, जिन्हें पाठकों के बहुत सराहा है। भारतेन्दु की प्रेयसी और प्रेरणा पर इनका उपन्यास ‘मल्लिका’ बहुप्रशंसित रहा, जिसे ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म के लिए साइन कर लिया गया है। इनका ताज़ा उपन्यास त्रिमाया भी काफी पढ़ा जा रहा है, जो मातृसत्तात्मक हाथियों के समाज के बरक्स भारतीय मातृसत्तातमक समाजों को केंद्र में रख कर लिखा गया है। मनीषा को बहुत से पुरस्कार, सम्मान और फैलोशिप्स मिल चुके हैं, साहित्यिक प्रयोजनों से अनेक विदेश यात्राएँ कर चुकी हैं। इनकी किताबों के अंग्रेजी सहित कुछ अन्य विदेशी भाषाओं में अनुवाद हो चुके हैं। आजकल मनीषा जयपुर में रहती हैं और कहानी लेखन पर एक सालाना कार्यशाला ‘कथाकहन’ का आयोजन करती हैं।