नई दिल्लीः पाकिस्तान में गुरु नानक की 556वीं जयंती मनाने के लिए उनके जन्मस्थान ननकाना साहिब के लिए तीर्थयात्रियों को अनुमति दी गई थी। हालांकि, इन तीर्थयात्रियों में से 14 को वापस भेज दिया गया। अधिकारियों ने कथित तौर पर उन्हें सिख नहीं बल्कि हिंदू धर्म का बताकर जाने से मना कर दिया।
14 तीर्थयात्री भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा उन 2,100 लोगों में शामिल थे जिन्हें पाकिस्तान जाने की अनुमति दी गई थी। वहीं, पाकिस्तान ने भी लगभग इतने ही लोगों के लिए यात्रा दस्तावेज जारी किए थे।
वाघा सीमा पार कर 1900 लोग पाकिस्तान गए
मंगलवार, 4 नवंबर को लगभग 1,900 लोग वाघा सीमा पार कर पाकिस्तान में दाखिल हुए। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दोनों देशों के बीच हुए सैन्य संघर्ष के बाद पहली बार देशों के बीच संपर्क का प्रतीक है।
हालांकि, अब यह मामला सामने आया है कि 14 तीर्थयात्रियों को नहीं जाने दिया गया। ये सभी तीर्थयात्री पाकिस्तान में जन्मे सिंधी थे और उन्होंने भारत की नागरिकता प्राप्त कर ली थी। ये लोग पाकिस्तान में अपने रिश्तेदारों से मिलना चाहते थे।
एनडीटीवी ने इस मामले में सूत्रों के हवाले से लिखा कि इन तीर्थयात्रियों से कहा गया “आप हिंदू हैं…आप सिख श्रद्धालुओं के साथ नहीं जा सकते।” सूत्रों के मुताबिक, इन लोगों में दिल्ली और लखनऊ के लोग शामिल थे जो अपमानित होकर वापस लौट आए क्योंकि पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा था कि उन्हीं लोगों को अनुमति दी जाएगी जिनका नाम उनके रिकॉर्ड में सिख के रूप में दर्ज है।
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वहीं, 300 अन्य लोगों ने स्वतंत्र रूप से वीजा के लिए आवेदन किया था, हालांकि उन्हें भी भारत की सीमा पर वापस भेज दिया गया क्योंकि उनके पास गृह मंत्रालय से अपेक्षित मंजूरी नहीं थी।
गुरुद्वारा जन्मस्थान में आयोजित होगा कार्यक्रम
अकाल तख्त नेता ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज, बीबी गुरिंदर कौर के नेतृत्व में श्रीमोनी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति का प्रतिनिधिमंडल और दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के रविंदर सिंह स्वीटा वाघा सीमा पार कर पाकिस्तान जाने वालों में शामिल थे।
मुख्य समारोह आज (5 नवंबर) लाहौर से 80 किलोमीटर दूर गुरुद्वारा जन्मस्थान में आयोजित किया जाएगा। पाकिस्तान गए भारतीय तीर्थयात्री 10 दिनों के लिए वहां रहेंगे और इस दौरान गुरुद्वारा पंजा साहिब हसन अब्दाल, गुरुद्वारा सच्चा सौदा फारुकाबाद और गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर भी जाएंगे।
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गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में पहलगाम हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद और गहरी हो गई। पहलगाम में आतंकियों के हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।
इस आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेनाओं ने 6 और 7 मई की दरम्यानी रात ऑपरेशन सिंदूर लांच किया था जो कि 10 मई तक चला। 10 मई को दोनों देशों की आपसी बातचीत के बाद युद्धविराम पर सहमति बनी थी।

