गाजाः ‘अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति’ (आईसीआरसी) ने कहा है कि संघर्ष विराम समझौते की शुरुआती शर्तों के तहत हमास और इजरायल के बीच कैदी-बंधक आदान-प्रदान का दूसरा चरण पूरा हो गया है।
समिति ने बताया, “200 फिलिस्तीनी कैदियों और चार इजरायली बंधकों की रिहाई सहित दूसरे चरण को आईसीआरसी के कोआर्डिनेशन और रिव्यू के बाद पूरा किया गया। आईसीआरसी एक मध्यस्थ की भूमिका में कैदियों को आदान-प्रदान को सुचारू और सुरक्षित रूप से लागू करवाया।”
उन्होंने बताया, “इजरायली बंधकों की भलाई को प्राथमिकता देते हुए उनको सुरक्षित रूप से स्थानांतरित किया गया। वहीं, दूसरी तरफ फिलिस्तीनी कैदियों को इजरायली हिरासत सेंटर से रिहा किया गया। उनके साथ आईसीआरसी के इंटरव्यू के बाद गाजा और वेस्ट बैंक ले जाया गया। इस दौरान उनकी पहचान और स्वास्थ्य संबंधी जांच की गई।”
सिन्हुआ एजेंसी की रिपोर्ट
सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, आईसीआरसी ने पक्षों के बीच लगातार संवाद बनाए रखने का आग्रह किया, ताकि भविष्य के अभियानों के सुरक्षित रूप से पूरा के लिए आवश्यक स्थितियों को बनाया जा सके।
इससे पहले शनिवार को, इजरायल रक्षा बलों और इजरायल सुरक्षा एजेंसी ने एक संयुक्त बयान में कहा कि गाजा में बंधक बनाई गई चार महिला इजरायली सैनिक को उनके पास स्थानांतरित कर दिया गया और वे सीमा पार करके इजरायल में प्रवेश कर गईं।
इस बीच, फिलिस्तीनी कैदी क्लब के प्रमुख अब्दुल्ला जगारी और रामल्लाह प्रांत में फिलिस्तीनी अधिकारियों ने कहा कि 200 फिलिस्तीनी कैदियों को आईसीआरसी को सौंप दिया गया है।
19 जनवरी को लागू हुआ था पहला चरण
फिलिस्तीनी सूत्रों और मिस्र की मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कुछ कैदियों को पश्चिमी तट पर छोड़ा गया, कुछ को गाजा भेजा गया और कुछ राफा क्रॉसिंग के रास्ते मिस्र पहुंचे।
बता दें कि छह सप्ताह के संघर्ष विराम का पहला चरण 19 जनवरी को प्रभावी हुआ था।
मिस्र, कतर और अमेरिका की मध्यस्थता से हुई बातचीत के परिणामस्वरूप, 15 महीने की भीषण लड़ाई के बाद हमास और इजरायल के बीच संघर्ष विराम समझौता हुआ है।
(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)