ढाका: हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप द्विपक्षीय बैठक में बांग्लादेश को लेकर भी चर्चा हुई। इस दौरान बांग्लादेश में चल रहे संकट में अमेरिकी सरकार की किसी भी भूमिका से साफ इनकार किया। उन्होंने कहा कि मैं बांग्लादेश को प्रधानमंत्री मोदी पर छोड़ता हूं। अब ट्रंप के इस बयान से साफ है कि भारत बांग्लादेश के मामले में खुलकर फैसला ले सकता है। इतना ही नहीं, ट्रंप प्रशासन के साथ उच्च-स्तरीय संवाद स्थापित करने में मोहम्मद यूनुस की असमर्थता भी उनके प्रति अमेरिकी रुख में बदलाव का संकेत देती है। ऐसे में अब अमेरिकी रवैये में आए बदलाव के कारण अब यूनुस भारत के साथ संबंधों को तत्काल सुधारने और चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने में जुटा है। 

यूनुस 26 से 29 मार्च तक चीन का दौरा करेंगे, जिसमें BOAO फोरम में भाग लेना और शी जिनपिंग के साथ बैठक शामिल है। वह बोआओ फोरम फॉर एशिया (BFA) वार्षिक सम्मेलन में भाग लेंगे और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय मीटिंग करेंगे। यूनुस का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब बांग्लादेश में एक भारत विरोधी सरकार सत्ता में है। 

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक की मांग

इसके बाद, बांग्लादेश अप्रैल में बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक की मांग कर रहा है। बता दें कि अगस्त 2024 में बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार गिरने के बाद से मोहम्मद यूनुस वहां मुख्य सलाहकार की भूमिका में हैं लेकिन अब तक उनकी पीएम मोदी से कोई बातचीत नहीं हुई है। अब जब इन दोनों प्रमुख नेताओं के बातचीत के आसार बन रहे हैं तो दोनों देशों के बीच तनाव कम होने की भी उम्मीद की जा रही है। दरअसल, दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध अब तक के सबसे खराब दौर में हैं। भारत सरकार लगातार बांग्लादेश में यूनुस के नेतृत्व वाले प्रशासन पर अल्पसंख्यकों को सताने का आरोप लगा रही है, जबकि बांग्लादेश इस बात से खफा है कि भारत ने शेख हसीना को पनाह देकर रखी है।

BFA सम्मेलन

बता दें कि BFA सम्मेलन, जिसे अक्सर ‘एशियन दावोस’ कहा जाता है, चीन के दक्षिणी हैनान प्रांत के बोआओ में होता है। प्रोफेसर यूनुस को बीएफए के महासचिव झांग जुन से निमंत्रण मिला है और वह 26 मार्च की शाम को चीनी अधिकारियों की ओर से आयोजित विशेष उड़ान से हैनान जाएंगे। विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, ‘पिछले सप्ताह, ढाका में चीनी दूतावास ने विदेश मंत्रालय को पुष्टि की कि राष्ट्रपति शी के साथ बैठक निर्धारित है। इसके बाद, मुख्य सलाहकार ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की।वहीं, भारत बांग्लादेश की चीन-पाकिस्तान के साथ बढ़ते संबंधों पर करीबी से नजर रख रहा है।