बांग्लादेश हिंसा में हिंदुओं पर हुए थे हमले, UN की रिपोर्ट में खुलासा

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की एक खोजी रिपोर्ट ने हिंदुओं के पूजा स्थलों पर हमलों सहित हिंसक भीड़ के हमलों के सबूत पेश करके उनके दावों को खारिज कर दिया है।

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 यूनुस

यूनुस Photograph: (Social Media)

ढाका: बांग्लादेश में पिछले वर्ष हफ्तों चले हिंसक छात्र आंदोलन को लेकर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की अब एक रिपोर्ट आई है। इसमें अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार की बात उजागर हुई है। आंदोलन के दौरान इनके खिलाफ बड़े पैमाने पर हमले किए गए थे। रिपोर्ट बताती है कि बांग्लादेशी हिदुओं, अहमदिया मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया था। जबकि, हसीना सरकार के पतन के बाद हिंदुओं के घरों, व्यवसायों और पूजा स्थलों पर बड़े पैमाने पर हमले किए गए थे।

बता दें कि बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद अब अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को 5 अगस्त, 2024 को भागना पड़ा। वहीं, देश की 17 करोड़ आबादी में लगभग 8% हिंदुओं को घातक हमलों का सामना करना पड़ रहा है। उनके घरों, व्यवसायों और धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ की जा रही है।

भारत में शेख हसीना 

अगस्त 2024 में बांग्लादेश में शेख हसीना शासन के पतन के बाद तीन दिनों की अराजकता में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों के 200 से अधिक मामले सामने आए, जिनमें कई हत्याएं भी शामिल थीं। हालांकि, जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों की आलोचना की, तब भी यूनुस ने हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को स्वीकार नहीं किया और इसे राजनीतिक उद्देश्य के साथ अफवाह बताया।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला

12 फरवरी को जारी की गई संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हिंसक भीड़ के हमले हसीना के भारत भागने से पहले ही शुरू हो गए थे। यह भी खुलासा किया गया कि हिंदुओं के साथ-साथ चटगांव हिल ट्रैक्ट्स में अहमदिया मुसलमानों और स्वदेशी समूहों को भी बांग्लादेश में इसी तरह के अत्याचारों का सामना करना पड़ा।

क्या कहती है UN रिपोर्ट?

हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों ने दावा किया था कि यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने उन्हें पर्याप्त रूप से संरक्षित नहीं किया। नवंबर में समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ने अल्पसंख्यक अधिकार समूह बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के हवाले से बताया कि अगस्त 2024 में हसीना के भागने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं को 200 से अधिक हमलों का सामना करना पड़ा।

विदेश मंत्रालय के राज्य मंत्री (MoS) कीर्ति वर्धन सिंह के अनुसार, 26 नवंबर 2024 से 25 जनवरी 2025 के बीच, 'बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हमलों की 76 घटनाएं सामने आई हैं। अगस्त से, रिपोर्टों में बांग्लादेश में 23 हिंदुओं की मौत और हिंदू मंदिरों पर हमले की 152 घटनाओं का हवाला दिया गया है।'

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