मार्शल लॉ विवाद: पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल की कोर्ट में पेशी, सोल में समर्थक-विरोधी आमने-सामने

यून दक्षिण कोरिया के ऐसे पांचवें पूर्व राष्ट्रपति हैं, जिन्हें आपराधिक मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है। जनवरी 2024 में उन्हें आपराधिक विद्रोह (क्रिमिनल इंसरेक्शन) के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

यून सुक योल, पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल, यून सुक योल के समर्थक, यून सुक योल की पेशी, मार्शल लॉ विवाद, दक्षिण कोरिया,

यून दक्षिण कोरिया के ऐसे पांचवें पूर्व राष्ट्रपति हैं, जिन्हें आपराधिक मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है।

सोलः दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल सोमवार को राजधानी सोल की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक आपराधिक मामले की पहली सुनवाई में शामिल हुए। यह मामला दिसंबर 2023 में उनके द्वारा देश में आपातकालीन मार्शल लॉ लागू करने के फैसले से जुड़ा है, जिसे बाद में संसद द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था।

सुनवाई से पहले ही अदालत परिसर के बाहर यून के समर्थक और विरोधी गुट आमने-सामने आ गए। सुबह करीब 9 बजे, यून के लगभग 20 समर्थक कोर्ट के बाहर एकत्र हुए। उन्होंने दक्षिण कोरिया और अमेरिका के झंडे लहराए और 'यून फिर से' जैसे नारे लगाए। एक बैनर भी लगाया गया, जिसमें केस की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश की सराहना की गई थी।

9:50 बजे, जब यून को लेकर एक काले रंग की कार कोर्ट परिसर में दाखिल हुई, तो वहां मौजूद उनके समर्थकों में जोश भर गया। वहीं दूसरी ओर, यून के विरोधियों का एक समूह भी कोर्ट के पास जमा हुआ। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यून की दोबारा गिरफ्तारी और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की।

पांचवें पूर्व राष्ट्रपति बने जिन पर आपराधिक मुकदमा

यून दक्षिण कोरिया के ऐसे पांचवें पूर्व राष्ट्रपति हैं, जिन्हें आपराधिक मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है। जनवरी 2024 में उन्हें आपराधिक विद्रोह (क्रिमिनल इंसरेक्शन) के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, मार्च में सोल कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उन्हें जेल के बाहर रहते हुए मुकदमे का सामना करने की अनुमति दी थी।

कुछ घंटों के मार्शल लॉ ने मचा दी थी राजनीति में हलचल

गौरतलब है कि 3 दिसंबर 2023 की रात राष्ट्रपति यून ने अचानक देश में मार्शल लॉ लागू कर दिया था, जिसे संसद ने कुछ ही घंटों में मतविभाजन के जरिए रद्द कर दिया। इस घटनाक्रम ने देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को झकझोर दिया और भारी राजनीतिक विरोध के बाद, यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया गया। संवैधानिक न्यायालय द्वारा महाभियोग की पुष्टि के बाद, उन्हें राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article