अदनः कई यमनी बैंक जिनके मुख्यालय राजधानी सना में हैं उन्होंने अपना परिचालन अस्थायी राजधानी अदन में स्थानांतरित करने का फैसला किया है। यमन के सेंट्रल बैंक ने शनिवार को कहा कि हूती ग्रुप पर वाशिंगटन के प्रतिबंधों से बचने के लिए यह कदम उठाया गया।
सेंट्रल बैंक ने कमर्शियल बैंकों के स्थानांतरण के निर्णय का स्वागत किया। इसने कहा कि वह देश और विदेश में यमनी नागरिकों को उनकी सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए हर संभव मदद और सुरक्षा प्रदान करने के लिए तैयार है।
सेंट्रल बैंक ने देश की बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा और उनके सुचारू संचालन को बनाए रखने के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय वित्तीय और राहत संस्थानों के साथ काम करने की अपनी तत्परता व्यक्त की।
बैंकिंग संकट और हूती विद्रोहियों की भूमिका
स्थिति की जटिलताओं को स्वीकार करते हुए, केंद्रीय बैंक ने कहा कि वह नागरिकों, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से बैंकिंग क्षेत्र के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी नतीजे से बचने के लिए सावधानी और जिम्मेदारी से काम कर रहा है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल मई में सेंट्रल बैंक ने देश के छह प्रमुख वाणिज्यिक बैंकों के साथ लेन-देन को निलंबित कर दिया। वे हूती नियंत्रित राजधानी सना से अदन में स्थानांतरित होने में विफल रहे थे और उग्रवादी समूह के साथ उनका सहयोग था। हालांकि, बाद में बाहरी मध्यस्थता के बाद निर्णय रद्द कर दिया गया था।
4 मार्च को अमेरिकी विदेश विभाग ने हूती विद्रोहियों को 'विदेशी आतंकवादी संगठन' घोषित किया।
यमन 2014 से ही विनाशकारी संघर्ष में फंसा हुआ है। 21 सितंबर, 2014 को, हूती विद्रोहियों ने कई उत्तरी प्रांतों पर कब्ज़ा कर लिया था। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यमनी सरकार को राजधानी सना से बाहर जाना पड़ा था।
हूती ग्रुप का अब भी उत्तरी इलाकों के अधिकांश हिस्सों पर नियंत्रण कायम है। इसमें सना और रणनीतिक रूप से अहम लाल सागर बंदरगाह होदेदाह शामिल हैं।
अप्रैल 2022 से राष्ट्रपति नेतृत्व परिषद के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यमनी सरकार मुख्य रूप से दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्रों को नियंत्रित करती है और अदन को अस्थायी राजधानी का दर्जा दिया गया है।
(यह खबर समाचार एजेंसी आईएएनएस फीड द्वारा प्रकाशित है। शीर्षक बोले भारत डेस्क द्वारा दिया गया है)