इजराइल-हमास युद्ध के करीब सात महीने हो चुके हैं लेकिन इसके थमने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। अभी हाल में फिलिस्तीनी गुट हमास ने जब जंग रूकवाने के लिए मध्यस्थता कर रहे कतर और मिस्र की ओर से सीजफायर के प्रस्ताव के लिए हामी भरी तो दुनिया को उम्मीद की एक किरण नजर आई। हालांकि, इजराइल ने इस प्रस्ताव को कुछ ही घंटे में ठुकरा दिया।
हमास के सीजफायर के लिए तैयार होने से ज्यादातर लोगों को उम्मीद थी कि बमों की बरसात अब थम जाएगी। गाजा के इलाकों से फिलिस्तीनियों के खुशी मनाने की खबरें भी आईं। हालांकि, सारी उम्मीदें धरी की धरी रह गईं।
इसके उलट इजराइल ने और आक्रामक रूख अपनाते हुए गाजा के राफा इलाके में बम बरसाना शुरू कर दिया है। इजराइली प्रधानमंत्री के कार्यालय ने कहा कि युद्ध कैबिनेट ने बंधकों को मुक्त करने और हमास पर सैन्य दबाव बनाने के लिए राफा में इजराइल रक्षा बलों (आईडीएफ) के ऑपरेशन को आगे बढ़ाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया है।’
ऐसे में यह समझने की कोशिश करते हैं कि इस सीजफायर समझौते में क्या था जिसे हमास ने स्वीकार किया लेकिन इजराइल ने इसे क्यों अस्वीकार कर दिया और अभी चल रहे युद्ध के लिए इसके मायने हैं।
हमास की हामी…युद्धविराम समझौते में क्या था?
हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है कि हमास वास्तव में समझौते के किन बात पर सहमत था लेकिन वार्ता में शामिल अधिकारियों ने कहा है कि प्रस्ताव में सीजफायर के तीन चरण शामिल थे और प्रत्येक चरण 42 दिन का था। पहले चरण में हमास को 33 बंधकों को रिहा करना था। माना जा रहा है कि उसने अभी भी 250 बंधकों में से 128 को अपने पास रखा है। बदले में इजराइल को फिलिस्तीनियों को इजराइली जेलों से रिहा करना था। इसके अलावा, इजराइल को आंशिक रूप से गाजा से सेना हटाना था और फिलिस्तीनियों को दक्षिण से उत्तरी गाजा तक मुक्त आवाजाही के रास्ते देने थे।
ऐसे ही दूसरे चरण में गाजा में सैन्य गतिविधि पर पूर्ण और स्थायी रोक लगाने की बात थी। तीसरे और अंतिम चरण में कतर, मिस्र और संयुक्त राष्ट्र की देखरेख वाली योजना के अनुसार प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण का कार्यान्वयन शुरू करना था।
इजराइल ने क्यों युद्धविराम के समझौते को ठुकराया?
हमास की ओर से प्रस्ताव को मंजूरी देने की घोषणा के तुरंत बाद गाजा में जश्न की खबरें आने लगी। हालांकि फिर भी भ्रम की स्थिति बनी रही क्योंकि इजराइल ने शुरुआत में इस मामले पर कुछ नहीं कहा और फिर बाद में उसकी ओर से बताया गया कि राफा में उनका ऑपरेशन जारी रहेगा। इजराइली अधिकारियों की ओर से कहा गया कि हमास ने जिन शर्तों को स्वीकार करने का दावा किया है, वे उन शर्तों से मेल नहीं खाती हैं जिन्हें उन्होंने मंजूरी दी थी। बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय के एक बयान में कहा गया है, ‘हमास की ओर से आया ताजा ऑफर’ इजराइल की जरूरी आवश्यकताओं से बहुत दूर थी।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार इसमें आगे कहा गया है कि इजराइल मध्यस्थों के साथ बातचीत करने के लिए वर्किंग-लेवल टीमों को भेजेगा ताकि ‘इजराइल को स्वीकार्य शर्तों पर समझौते को तैयार किया जा सके।’ ‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ ने युद्ध कैबिनेट मंत्री बेनी गैंट्ज़ के हवाले से बताया कि हमास की ओर से स्वीकार किया गया युद्धविराम प्रस्ताव ‘मध्यस्थों के साथ अब तक की गई इजराइल की बातचीत से मेल नहीं खाता है और इसमें इजराइल की मांग के लिए लिहाज से इसमें काफी अंतर हैं।’
इजराइल के ‘चैनल 12’ की रिपोर्ट के अनुसार इजराइली अधिकारियों ने कहा कि यह ‘वही प्रस्ताव नहीं था’ जिस पर कुछ दिन पहले वे और मिस्र सहमत हुए थे। एक अधिकारी ने स्काई न्यूज से यह भी कहा कि हमास की घोषणा संभवत: ‘इजराइल को ऐसा दिखाने की कशिश है कि वह डील नहीं चाहता।’
गौरतलब है कि इजराइल ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि वह ऐसे किसी भी समझौते को स्वीकार नहीं करेगा जो स्थायी युद्धविराम का प्रावधान करता है और वो अपने दो घोषित युद्ध लक्ष्यों- बंधकों को वापस लाना और हमास की सैन्य और शासन क्षमताओं को पूरी तरह से बर्बाद करने के लिए अपने सैन्य अभियान को फिर से शुरू कर सकता है।
गौरतलब है कि इस बीच हमास ने भी इजराइल की बार-बार की गई कई युद्धविराम पेशकश को खारिज किया है। हाल के दिनों में मीडिया रिपोर्ट में अक्सर ये बातें आती रही थीं कि महीनों की बातचीत के बाद जल्द समझौते को लेकर सफलता मिलने वाली है, लेकिन जोनों पक्षों में असहमति की वजह से अक्सर बातचीत टूटती रही। दरअसल हमास जबकि बंधकों को छोड़े बिना स्थायी युद्धविराम की मांग करता रहा है तो वहीं इजराइल हमास के बचे हुए लड़ाकों को खत्म किए बिना युद्ध खत्म करने के लिए तैयार नहीं है।