सियोल: उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया में कूड़े से भरे करीब 260 गुब्बारे गिराएं हैं। इन गुब्बारों को गिराने के बाद दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने लोगों को घरों में रहने की चेतावनी दी है। उत्तर कोरिया द्वारा यह गुब्बारे दक्षिण कोरिया के नौ में से आठ प्रांत में गिराए गए हैं।

दक्षिण कोरिया की सेना ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे इन सफेद गुब्बारों को न छुएं क्योंकि उन में "गंदा कचरा या फिर गंदी चीजें" हो सकती है।

इससे पहले दक्षिण कोरिया के कुछ कार्यकर्ताओं ने उत्तर कोरिया के सीमावर्ती क्षेत्रों पर कूड़ा फैलाया था। इस पर उत्तर कोरिया ने कहा था कि वे इसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेंगे।

इस घटना के बाद उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया में कूड़ों से भरे गुब्बारे छोड़े हैं। बता दें कि दोनों देशों के बीच गुब्बारे गिराने का यह पहला मामला नहीं है, बल्कि इससे पहले भी कई बार गुब्बारे गिराए गएं हैं।

उत्तर कोरिया के गुब्बारों में क्या था

दक्षिण कोरिया के कुछ कार्यकर्ताओं ने जब उत्तर कोरिया के सीमा वाले इलाकों पर गंदगी फैलाई थी तब इस पर उत्तर कोरिया के उप रक्षा मंत्री किम कांग इल का बयान भी सामने आया था। उन्होंने एक बयान में कहा था कि जल्द ही रद्दी वाले कागज और गंदगी सीमावर्ती क्षेत्रों और दक्षिण कोरिया के अंदर बिखेरे जाएंगे।

घटना के बाद मंगलवार को सियोल के उत्तर और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वालों लोगों को स्थानीय अधिकारियों ने एक मैसेज भेजा था। मैसेज में लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने और किसी तरह के "अंजान चीजों" के मिलने के पर उसकी जानकारी नजदीकी सैन्य अड्डा या फिर पुलिस स्टेशन को देने को कहा गया है।

उत्तर कोरिया से भेजे गए कई गुब्बारों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जारी फोटो में देखा गया है कि गुब्बारों से टॉयलेट पेपर, गंदी मिट्टी और बैटरियां पाई गई है। सोशल मीडिया पर जारी कुछ फोटो में पुलिस और सैन्य अधिकारी भी नजर आ रहे हैं।

घटना पर दक्षिण कोरिया की सेना ने क्या कहा है

घटना पर बोलते हुए दक्षिण कोरिया की योनहाप समाचार एजेंसी ने कहा है कि कुछ गुब्बारों को मल भी ले जाते हुए देखा गया है। उत्तर कोरिया से भेजे गए इन गंदे गुब्बारों पर दक्षिण कोरिया की सेना की भी प्रतिक्रिया सामने आई है।

सेना ने निंदा करते हुए इसे "अंतर्राष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन" बताया है। सेना ने कहा है कि इन गंदे गुब्बारों के कारण दक्षिण कोरिया के लोगों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है और इसके लिए उत्तर कोरिया सीधे तौर पर जिम्मेदार होगा।

इससे पहले दक्षिण कोरिया के कार्यकर्ताओं ने उत्तर कोरिया में कैश, बैन किए हुए मीडिया कंटेंट और चोको पाई जैसे स्नैक्स वाले गुब्बारे भेजे थे। हाल में दक्षिण कोरिया के एक कार्यकर्ता ग्रुप ने यह दावा किया था कि उन लोगों ने उत्तर कोरिया में करीब 20 गुब्बारे भेजे थे।

उन गुब्बारों में प्योंगयांग विरोधी पर्चे और कुछ यूएसबी स्टिक थे जिसमें कोरिया के पॉप संगीत और वीडियो मौजूद थे।

दोनों देश एक दूसरे को भेजते हैं गुब्बारें

दोनों देशों के बीच गुब्बारे भेजने का यह कोई पहला मामला नहीं है, बल्कि इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। साल 1950 के कोरियाई युद्ध के दौरान दोनों देशों ने एक दूसरे पर गुब्बारे के जरिए पर्चियां गिराई थीं।

युद्ध के दौरान सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र के सेनाओं ने उत्तर कोरिया में पर्चियां गिराई थीं। इसके बाद उत्तर कोरिया ने भी संयुक्त राष्ट्र के सेना को टारगेट करते हुए पर्चियां गिराई थीं।

कैसे बने दोनों देश

बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के हार जाने के बाद साल 1945 में कोरिया का विभाजन हुआ था। इस विभाजन के बाद उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया बने थे। रूस (जो उस समय सोवियत संघ था) ने उत्तर पर कब्जा कर लिया था और संयुक्त राज्य अमेरिका ने दक्षिण पर अपना कब्जा बना लिया था।

इसके बाद 1948 में उत्तर कोरिया (डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया) और दक्षिण कोरिया (कोरिया गणराज्य) के निर्माण के साथ यह विभाजन आधिकारिक हो गया था।

साल 1950 से 1953 तक कोरियाई युद्ध चला था जिसमें दोनों तरफ को भारी नुकसान हुआ था। ऐसे में आज ये दोनों देश 38वें समानांतर के साथ विसैन्यीकृत क्षेत्र (डीएमजेड) द्वारा अलग हो गए हैं। कई साल हो गए हैं और इस दौरान सुलह और कूटनीति के कई प्रयासों के बावजूद आज भी ये दोनों देश अलग हैं।