ब्रिटेन में हिंसा (फोटो-X@YourAnonCentral)
Table of Contents
लंदन: पिछले महीने ही प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर के नेतृत्व में ब्रिटेन में लेबर पार्टी की नई सरकार बनी है। उनके सरकार बनने से पहले देश में विरोध-प्रदर्शन और हिंसा की खबरे आती रही थी। ऐसे में जब उनकी सरकार बन गई है, हिंसा और विरोध प्रदर्शन रूकने का नाम नहीं ले रहा है।
ताजा रिपोर्ट में उत्तर पश्चिमी इंग्लैंड में तीन बच्चियों पर चाकू से हमला किया गया था जिसमें उनकी मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर गलत खबरें फैलाई गई है। घटना के बारे में गलत सूचना फैलने से कई कस्बों और शहरों में अशांति फैल गई है जिससे ब्रिटेन में काफी हिंसा बढ़ गई है।
इस कारण यूके के कई शहरों में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। विरोध कर रहे लोग हिंसा कर रहे हैं और तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं को भी अंजाम दे रहे हैं।
हिंसा को लेकर यह कहा जा रहा है कि इसमें धुर दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारियों का हाथ है। हालांकि पीएम कीर द्वारा यह आश्वासन दिया गया है कि हिंसा फैलाने वालों को नहीं छोड़ा जाएगा।
90 से अधिक लोगों को किया गया है गिरफ्तार
पिछले कुछ दिनों में लिवरपूल, मैनचेस्टर, ब्रिस्टल, ब्लैकपूल, हल और बेलफ़ास्ट सहित ब्रिटेन के कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन और हिंसा देखी गई है। आप्रवासन विरोधी प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे और उन्हें निशाना भी बनाने की कोशिश की थी।
प्रदर्शनकारियों ने दुकानों में तोड़फोड़ की है और पुलिस पर ईंटे और बोतले भी फेंकी है। यही नहीं उन्होंने दुकानों को भी लूटा है और उसमे आग भी लगा दी है साथ में इस्लाम विरोधी नारे भी लगाए हैं। हिंसा में शामिल 90 से अधिक लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है।
13 साल बाद पहली बार हुई है भीषण हिंसा
ब्रिटेन में अभी जिस तरह के विरोध प्रदर्शन और हिंसा हो रही है इस तरह की हिंसा वहां पर 13 साल पहले देखी गई थी। साल 2011 में इस तरह की भीषण हिंसा देखने को मिली थी जब राजधानी लंदन में एक पुलिस वाले की हत्या हो गई थी।
इस हत्या के कारण लदंन में दंगे भड़के थे जिसके बाद से वहां पर भीषण हिंसा हुई थी।
सरकार ने क्या कहा है
हिंसा को देखते हुए सरकार ने कहा है कि विरोध और हिंसा को रोकने के लिए पुलिस अपनी काम कर रही है और अधिक पुलिसवालों की तैनाती भी की गई है। न्याय मंत्री शबाना महमूद ने कहा है कि दोषियों को सजा देने की भी तैयारी की जा रही है।
पुलिस मंत्री डायना जॉनसन ने कहा कि किसी भी हाल में दंगे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसमें शामिल लोगों को सजा दी जाएगी।
क्यों और कैसे भड़की हिंसा
दरअसल, सोमवार को ब्रिटेन के साउथपोर्ट में 17 साल की एक्सल रुदाकुबाना ने एक योगा और डांस क्लास में तीन बच्चियों पर कथित तौर पर चाकू से हमला कर दिया था। इस हमले में छह, सात और नौ साल की तीन बच्चियों की मौत हो गई थी और इसमें 10 अन्य लोग भी घायल हुए थे।
उस पर इन हत्याओं को अंजाम देने का आरोप लगा है। इस आरोप को लेकर रुदाकुबाना की पृष्ठभूमि पर सोशल मीडिया पर गलत जानकारियां फैलाई गई थी जिससे देश में हिंसा भड़क उठी है।
रुदाकुबाना को लेकर सोशल मीडिया पर यह गलत खबर फैलाई गई थी कि संदिग्ध हमलावर एक मुस्लिम आप्रवासी है। यह खबर फैलते ही ब्रिटन के धुर दक्षिणपंथी समर्थकों का गुस्सा और बढ़ गया जिससे देश के कई हिस्सों में हिंसा फैल गई है।
बता दें कि काफी लंबे समय से ब्रिटेन में आप्रवासी को लेकर एक तब्के में नाराजगी है और इसे लेकर बीच-बीच में विरोध प्रदर्शन भी होते रहते हैं। इस हिंसा को भी उसी विरोध से जोड़ कर देखा जा रहा है।
हमलावर के बारे में पुलिस ने क्या कहा
प्रदर्शनकारियों ने उस होटल पर भी हमला किया था जहां पर दूसरे देशों से आए शरणार्थी रूके हुए थे। हालांकि हमलावर को लेकर पुलिस का यह कहना है कि उसका जन्म ब्रिटेन में ही हुआ था और वह कोई आप्रवासी नहीं था। पुलिस ने इस घटना को किसी आतंकवादी घटना से इनकार किया है।
प्रधानमंत्री स्टार्मर ने क्या कहा है
हिंसा को देखते हुए ब्रिटेन में रह रहे मुस्लिम समुदायों के बीच डर का माहौल है। वे लोग घर और मस्जिद में जाने से डर रहे हैं। हिंसा में मुसलमानों के धार्मिक स्थानों को भी निशाना बनाया गया है।
इस्लाम विरोधी संगठन इंग्लिश डिफेंस लीग के समर्थकों को अशांति, मस्जिदों को निशाना बनाने और इस्लामी केंद्रों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए दोषी ठहराया गया है।
घटना पर बोलते हुए प्रधानमंत्री स्टार्मर ने देश में नफरत फैलाने वालों की कड़ी निंद की है। उन्होंने कहा है कि उपद्रवियों को प्रतिबंधित करने के लिए देश की एजेंसियों से खुफिया जानकारी साझा करने और उनके चेहरे की पहचान करने वाली तकनीक को लेकर भी काम किया जा रहा है।