वॉशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप की ओर से सोशल मीडिया पर एक एआई-जनरेटेड वीडियो पोस्ट को लेकर अमेरिकी राजनीति में बवाल खड़ा हो गया है। इस एआई वीडियो में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को ओवल ऑफिस के अंदर एफबीआई एजेंटों द्वारा गिरफ्तार करते हुए दिखाया गया है। यह वीडियो अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के नए आरोपों के बाद सामने आया है। उन आरोपों में दावा है कि ओबामा और उनके शीर्ष खुफिया अधिकारियों ने 2016 के चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए ट्रंप की रूस के साथ मिलीभगत की कहानी गढ़ी थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किए गए 45 सेकंड के इस वीडियो की शुरुआत डेमोक्रेट्स के एक मोंटाज से होती है, जिसमें ओबामा भी शामिल हैं, जो घोषणा करते हैं कि 'कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।' इसके बाद, फुटेज में ओवल ऑफिस में एफबीआई एजेंट एआई से क्रिएट की गई ओबामा की छवि को हथकड़ी लगाते नजर आते हैं, जबकि ट्रंप पास में मुस्कुराते हुए बैठे नजर आते हैं। वीडियो के अंत में ओबामा नारंगी रंग का जंपसूट पहने जेल की कोठरी में खड़े हैं, जबकि पृष्ठभूमि में एक गाना बज रहा है।

तुलसी गबार्ड ने क्या आरोप लगाए थे?

ओबामा को गिरफ्तार करने वाला ये वीडियो पोस्ट तुलसी गबार्ड द्वारा 100 से ज्यादा दस्तावेज़ों को सार्वजनिक करने के कुछ ही समय बाद सामने आया है। गबार्ड का दावा है कि इन दस्तावेजों में विस्तार से बताया गया है कि कैसे ओबामा ने पद छोड़ने से कुछ हफ्ते पहले एक 'साज़िश' रची थी। आरोप लगाया गया है कि ओबामा के वरिष्ठ अधिकारियों ने खुफिया जानकारी को तोड़-मरोड़कर यह झूठा दावा किया कि रूस ने 2016 के अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करके ट्रंप को जिताने में मदद की थी।

पूर्व डेमोक्रेटिक कांग्रेस सदस्य और 2020 के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार गबार्ड वर्तमान में ट्रंप के कार्यकाल में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।

सामने आई जानकारी के अनुसार गबार्ड इन दस्तावेजों को आपराधिक मामले की जाँच के लिए न्याय विभाग और FBI को भेजने की योजना बना रही हैं। उन्होंने कहा कि दस्तावेजों से पता चलता है कि 2016 के चुनाव से पहले रूस के साथ मिलीभगत का कोई सबूत नहीं था और राजनीतिक रूप से प्रेरित लोगों ने ट्रंप को नुकसान पहुंचाने के लिए झूठी खुफिया जानकारी तैयार की थी।

एक्स पर एक पोस्ट में गबार्ड ने लिखा, 'अमेरिकियों को आखिरकार यह सच्चाई पता चल जाएगी कि 2016 में ओबामा प्रशासन के सबसे शक्तिशाली लोगों द्वारा खुफिया जानकारी का राजनीतिकरण और उसका हथियार के तौर पर इस्तेमाल कैसे किया गया था। ताकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ एक साल लंबे तख्तापलट की नींव रखी जा सके, अमेरिकी लोगों की इच्छा को कुचला जा सके और हमारे लोकतांत्रिक गणराज्य को कमजोर किया जा सके।'

फिलहाल ओबामा और उनके प्रशासन के पूर्व अधिकारियों ने इन दावों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।