चीन में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने को लेकर युवा और बुजुर्ग क्यों कर रहे हैं विरोध?

चीनी अधिकारियों के अनुसार, पुराने कर्मचारी अपने मूल्यवान अनुभव और मजबूत क्रय शक्ति के कारण चीन की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक योगदान दे सकते हैं।

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Why are young and old people protesting against increasing retirement age in China?

प्रतिकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

बीजिंग: दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश चीन अपनी बढ़ती आबादी और घटती जन्मदर के कारण महत्वपूर्ण जनसांख्यिकीय चुनौतियों से निपट रहा है। यही नहीं चीन अपने पेंशन सिस्टम में बढ़ते वित्तीय बोझ से भी काफी परेशान हैं।

इस समस्या को सुलझाने के लिए चीनी सरकार ने रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की पर विचार कर रही है। चीन द्वारा यह कदम तब उठाया गया है जब चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि देश का पेंशन फंड 2035 तक खत्म हो जाएगा।

मौजूदा हाल में चीन में रिटायर होने की समय सीमा दुनिया में सबसे कम है। इस तरह से सुधार के जरिए चीनी सरकार पेंशन प्रणाली पर वित्तीय तनाव को कम करना चाहती है साथ में इसकी स्थिरता को भी सुनिश्चित करने का उद्देश्य है।

हालांकि सरकार के इस फैसले से देश की युवा आबादी और बुजुर्ग लोग काफी नाराज है और वे इसका काफी विरोध भी कर रहे हैं। युवा और बुजुर्गों के विरोध के बावजूद सरकार इस मुद्दे पर अलग ही राय रख रही है।

चीन में कब होते हैं कर्मचारी रिटायर

चीन में फिलहाल कर्मचारी 60 साल के उम्र में रिटायर होते हैं। वहीं शहरी महिला कर्मचारी उनकी नौकरी के आधार पर 50 या फिर 55 साल की आयु में सेवानिवृत्ति होती हैं। पिछले हफ्ते शीर्ष-स्तरीय कम्युनिस्ट पार्टी की एक बैठक में कर्मचारियों के रिटायरमेंट को पांच साल और बढ़ाने पर फैसला लिया गया है।

ऐसे में अगर सरकार रिटायर होने के उम्र को पांच साल और बढ़ाती है तो कर्मचारी 65 साल के बाद सेवानिवृत्ति होंगे।

क्यों हो रहा है विरोध

विरोध कर रहें युवाओं को डर है कि सरकार के इस फैसले से देश और युवाओं में बेरोजगारी बढ़ेगी। उनका तर्क है कि बुजुर्गों को रिटायर नहीं किया जाएगा और उनसे ही काम लिया जाएगा। इससे पद खाली नहीं होंगे और नए युवाओं को नौकरी और मौका नहीं मिलेगा।

वहीं दूसरी ओर बुजुर्गों का तर्क है कि उनके रिटायर होने के समय को बढ़ाकर उनसे ज्यादा काम लिया जाएगा। इससे यह साफ होता है कि बुजुर्गों को सरकार अतिरिक्त पांच साल तक बैठाकर पेंशन नहीं देना चाहती है और इस दौरान उनसे काम लेना चाहती है।

यही नहीं विरोध करने वाले कुछ लोगों का यह भी कहना है कि चीन में जिस तरीके से ब्लू-कॉलर और व्हाइट-कॉलर श्रमिकों को पेंशन के लाभों में अंतर होता है, यह भी सही नहीं है। रिटायर होने वाले बुजुर्गों से अधिक समय तक काम कराकर और युवाओं को मौका नहीं देकर सरकार का वित्तीय बोझ को कम करने की योजना है।

अगर 65 के बजाय 60 साल पर ही बुजुर्गों को सरकार रिटायर करती है तो खाली पदों को भरने के लिए युवाओं की भर्ती करनी पड़ेगी। इससे सरकार को एक साथ दो लोगों को पैसे देने हो जाएंगे। सरकार ऐसा नहीं करने के लिए यह कदम उठाने जा रही है।

सरकारी अधिकारियों का क्या कहना है

मामले में सरकारी अधिकारियों का कहना है कि रिटायर होने वाले बुजुर्गों के समय को बढ़ाने से कई फायदे होंगे। अधिकारियों के अनुसार, पुराने कर्मचारी अपने मूल्यवान अनुभव और मजबूत क्रय शक्ति के कारण चीन की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक योगदान दे सकते हैं जिससे देश की आर्थिक विकास में भी बढ़त हासिल हो सकती है।

यही नहीं इससे पेंशन फंड पर भी वित्तीय दबाव कम होगा जिससे सरकार का बोझ पहले से कम हो जाएगा।

चीन ने प्रति दंपति बच्चों की संख्या पर अपनी सीमा में ढील दी है और नागरिकों को ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने वाले अभियान भी शुरू किए हैं। चीन के इस तरह के प्रयासों के बावजूद, चीनी लोग अधिक बच्चे पैदा नहीं कर रहे हैं। उनकी बच्चे पैदा करने की इच्छा दुनिया में सबसे कम है।

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