गाजा में फिलिस्तीनी हमास के खिलाफ क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन?

गाजा में फिलिस्तीनी हमास के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके साथ ही इस दिन को 'आक्रोश का शुक्रवार' घोषित किया है। हमास की चेतावनी के बाद भी प्रदर्शनकारी प्रदर्शन कर रहे हैं।

Palestenaians are protesting against Hamas

गाजा में हमास के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं प्रदर्शनकारी Photograph: (आईएएनएस)

गाजा: दक्षिणी गाजा के निवासियों की एक सभा ने हमास शासन के खिलाफ एक व्यापक विरोध प्रदर्शन की अपील करते हुए 28 मार्च को 'आक्रोश का शुक्रवार' घोषित किया है। गुट ने हमास को चेतावनी दी कि अगर वे इस आंदोलन को दबाने की कोशिश करेंगे तो उसका कड़ा प्रतिरोध किया जाएगा। 

इस विरोध प्रदर्शन में हजारों फिलिस्तीनी गाजा की सड़कों पर उतर आए और हमास के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त किया। यह विरोध प्रदर्शन उन क्षेत्रों में हुआ है, जहां युद्ध और तबाही की स्थिति बनी हुई है।

सुरक्षा जोखिम में डालकर कर रहे हैं विरोध

हमास की सैन्य शाखा की ओर से दी गई चेतावनियों के बावजूद, प्रदर्शनकारी अपनी सुरक्षा को जोखिम में डालकर खुलेआम विरोध कर रहे हैं।

विरोध प्रदर्शनों का मुख्य केंद्र गाजा के कई प्रमुख इलाके थे, जैसे जबलिया, बेत लाहिया, नुसेरत, खान यूनिस, गाजा सिटी और देइर अल-बलाह कैंप। इन प्रदर्शनों को दक्षिणी गाजा सभा ने अपना समर्थन दिया।

सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जिनमें प्रदर्शनकारी युद्धग्रस्त क्षेत्रों के मलबे से मार्च करते हुए और 'हमास बाहर', 'अल जजीरा बाहर', 'हमास आतंकवादी हैं' और 'लोग हमास को उखाड़ फेंकना चाहते हैं' जैसे नारे लगा रहे हैं।

कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया कि डंडों से लैस नकाबपोश लोग, [जो कथित हमास के कार्यकर्ता थे], विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय रूप से शामिल थे। ये लोग प्रदर्शनकारियों पर निगाह रख रहे थे और संभवतः उन लोगों की पहचान कर रहे थे जिनसे भविष्य में बदला लेना होना।

मानवाधिकार कार्यकर्ता इहाब हसन ने इस पर अपनी चिंता जाहिर की और एक्स पर पोस्ट किया, "उत्तरी गाजा के बेत लाहिया में हमास विरोधी प्रदर्शन के दौरान, डंडों से लैस नकाबपोश हमास मिलिशिया भीड़ पर बारीकी से नज़र रखते हुए देखे गए, संभवतः प्रदर्शनकारियों की पहचान कर रहे थे बाद में बदला लेने के लिए।"

प्रदर्शनकारियों को मिली मौत की धमकियां

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि कई प्रदर्शनकारियों को मौत की धमकियां मिली हैं और उन्हें आगे के प्रदर्शनों में भाग न लेने की चेतावनी दी गई है।

अमेरिकी-फिलिस्तीनी ब्लॉगर अहमद फौद अलखतीब ने भी गाजा में हो रहे सामूहिक विरोध प्रदर्शनों के वीडियो साझा किए और बढ़ती अशांति को रेखांकित किया। उन्होंने इस विरोध प्रदर्शन को '2.3 मिलियन फिलिस्तीनियों को तथाकथित प्रतिरोध के लिए बंधक बनाए रखने वाले ईरानी समर्थित आतंकवादियों से मुक्त जीवन' की अपील के रूप में वर्णित किया।

हमास का विरोध प्रदर्शनों को हिंसक तरीके से दबाने का इतिहास रहा है, लेकिन इस बार, इसके सशस्त्र कर्मी अपेक्षाकृत नरम रवैया अपना रहे हैं।

ईरान समर्थित ग्रुप के खिलाफ आखिरी बड़ा विरोध जनवरी 2024 में हुआ था, जब देइर अल-बलाह और खान यूनिस के निवासियों ने युद्ध, हमास के शासन के अंत और इजरायली बंधकों की रिहाई की मांग की थी।

हमास विरोधी प्रदर्शन ऐतिहासिक रूप से दुर्लभ रहे हैं, लेकिन चल रहे युद्ध में ऐसा प्रदर्शन बताता है कि जमीन पर कुछ हलचल है।

विश्लेषकों का मानना ​​है कि गाजा में विरोध प्रदर्शन स्थानीय आबादी के बीच बढ़ती निराशा को दर्शाते हैं, जिन्होंने महीनों तक युद्ध और तबाही झेली है।

(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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