नई दिल्ली: जोहरान ममदानी का नाम इन दिनों चर्चा में हैं। वे न्यूयॉर्क के मेयर पद का चुनाव लड़ रहे हैं और इस रेस में सबसे आगे हैं। ममदानी ने बुधवार को न्यूयॉर्क के मेयर के लिए डेमोक्रेटिक प्राइमरी का चुनाव जीत लेने का दावा किया। न्यूयॉर्क के पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो द्वारा शहर के मेयर पद की दौड़ से पीछे हटने के बाद ममदानी की राह आसान दिख रही है। 

अगर अंतिम दौर में ममदानी की जीत पक्की हो जाती है तो वे न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम और भारतीय-अमेरिकी मेयर बन जाएंगे। हालांकि, उनका नाम चर्चा में आने के बाद से ही भारत से लेकर अमेरिका तक उनके खिलाफ काफी कुछ कहा जा रहा है।

33 वर्षीय ममदानी, युगांडा में जन्मे हैं। वे भारतीय फिल्म निर्माता मीरा नायर के बेटे हैं। उनकी छवि एक धुर वामपंथी शख्स के तौर पर है। कई लोग उन्हें 'विभाजनकारी शख्सियत' भी बताते हैं। अमेरिका की मौजूदा राजनीति के बीच न्यूयॉर्क शहर के डेमोक्रेटिक प्राइमरी में ममदानी की जीत को 'राजनीतिक भूकंप' तक बताया जा रहा है। आखिर क्यों ऐसा कहा जा रहा है? 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से लेकर भारत में भी कंगना रनौत और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी तक का बयान आया जिसमें उन्होंने ममदानी की आलोचना की। ममदापी को पीएम नरेंद्र मोदी का भी आलोचक बताया जाता है। आखिर ममदानी को लेकर क्या कुछ विवाद हैं और क्यों चर्चा में हैं, ये सबकुछ समझने की कोशिश करते हैं। 

ममदानी के बारे में क्या कुछ कहा जा रहा है?

अमेरिका में ट्रंप ने ममदानी की जीत की तीखी निंदा की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 'आखिरकार ये हो ही गया, डेमोक्रेट्स ने अपनी सीमा पार कर ली है। 100% कम्युनिस्ट पागल जोहरान ममदानी ने अभी-अभी डेमोक्रेटिक प्राइमरी जीती है, और मेयर बनने की राह पर है। हमारे पास पहले भी कट्टरपंथी वामपंथी थे, लेकिन यह थोड़ा बेतुका हो रहा है।'

ये तो ट्रंप की बात रही। लेकिन भारत में भी कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने ममदानी की जमकर आलोचना की। सिंघवी ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'जब जोहरान ममदानी अपना मुंह खोलते हैं, तो पाकिस्तान की पीआर टीम छुट्टी ले लेती है। भारत को ऐसे 'मित्र' जो न्यूयॉर्क से झूठ बोल रहे हों, उनके रहते दुश्मनों की जरूरत नहीं है।'

यहां तक कि भाजपा सांसद कंगना रनौत ने भी ममदानी पर निशाना साधा। रनौत ने लिखा, 'उनकी मां मीरा नायर हैं, जो हमारी सर्वश्रेष्ठ फिल्म निर्माताओं में से एक हैं, पद्मश्री हैं, भारत की एक प्यारी और प्रतिष्ठित बेटी हैं, जो महान भारत में जन्मी और पली-बढ़ी हैं और न्यूयॉर्क में रहती हैं, उन्होंने महमूद ममदानी (गुजराती मूल) से शादी की, जो एक प्रसिद्ध लेखक हैं और जाहिर तौर पर उनके बेटे का नाम जोहरान है, वह भारतीय से ज्यादा पाकिस्तानी लगता है।'

रनौत ने आगे लिखा, 'उनकी हिंदू पहचान या रक्त-वंश का जो भी हुआ, और अब वे हिंदू धर्म को मिटाने के लिए तैयार हैं, वाह! हर जगह यही कहानी है। एक अलग बात यह है कि मीरा जी से कुछ मौकों पर मुलाकात हुई। माता-पिता को बधाई।'

ममदानी पर अमेरिका में विवाद क्यों?

जोहरान ममदानी का जन्म युगांडा के कंपाला में हुआ था। मां मीरा नायर मशहूर फिल्म निर्माता हैं। पिता महमूद ममदानी कोलंबिया यूनिवर्सिटी में मानवविज्ञान के प्रोफेसर हैं। ममदानी साल 1998 में न्यूयॉर्क आए थे। उस समय उनकी उम्र 7 साल थी। बाद में उन्हें अमेरिकी की नागरिकता भी मिल गई। उनका रैप गानों से भी कनेक्शन है। उन्होंने कुछ गाने बनाए हैं और फिर राजनीति की ओर मुड़े।

ममदानी गाजा पर इजराइल की कार्रवाई के घोर विरोधी रहे हैं। वे आरोप लगाते रहे हैं कि इजराइल नरसंहार कर रहा है। ममदानी इजराइल के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को रोकने को लिए चल रहे बॉयकॉट, डिवेस्टमेंट एंड सैंग्सन (बीडीएस) मूवमेंट का समर्थन करते हैं और यह कदम रिपब्लिकन और कुछ डेमोक्रेट समर्थकों को भी असहज करता है। ममदानी LGBTQ अधिकारों के भी कट्टर समर्थक हैं, जो उन्हें फिर से रिपब्लिकन के साथ विवाद में डालता है।

सांप्रदायिक, एंटी-हिंदू, एंटी-मोदी वाली छवि

ममदानी पर 'सांप्रदायिक और हिंदू विरोधी बयानबाजी' करने सहित हिंदुओं और मुसलमानों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने का आरोप लगाया गया है। उन्हें 'मोदी विरोधी' भी बताया जाता है। इसी साल मई में एक रैली में ममदानी ने कहा, 'यह (पीएम मोदी) ऐसा व्यक्ति है जिसे हमें उसी तरह से देखना चाहिए जैसे हम बेंजामिन नेतन्याहू को देखते हैं। यह एक युद्ध अपराधी है।'

ममदानी ने यहां तक कहा कि वे पीएम मोदी के साथ कोई मंच साझा नहीं करेंगे। उनकी ओर से एक और भड़काऊ दावा इसके बाद किया गया जिसमें ममदानी ने कहा कि वह अक्सर यह बताकर लोगों को चौंका देते हैं कि वह एक गुजराती मुसलमान हैं, 'क्योंकि मोदी ने इतने लोगों को मार डाला है कि लोग अब यह नहीं मानते कि हम अब भी मौजूद हैं।'

यह बयान अपने आप में न केवल भड़काने वाला बल्कि एक बड़ा दुष्प्रचार और बढ़ा-चढ़ाकर कही गई बात भी है। राजनीतिक विश्लेषक उमर गाजी ने कहा ममदानी का यह बयान 'न केवल भड़काऊ और झूठा है, बल्कि गुजरात में 60 लाख से अधिक की मुस्लिम आबादी के अस्तित्व को नकार कर उसका अपमान भी करता है।' उन्होंने कहा, 'इससे पता चलता है कि ममदानी अपने वैचारिक लक्ष्यों के लिए झूठ बोलेंगे।'

ममदानी लंबे समय से खुद को एक प्रगतिशील आवाज बताते रहे हैं, लेकिन आलोचकों का कहना है कि उनके बयान असहमति से लेकर दुष्प्रचार और कट्टरता की सीमा को पार कर जाते हैं। 

ममदानी की एक छवि एंटी हिंदू की भी बताई जाती है। इससे जुड़े सबसे विवादास्पद प्रकरणों में से एक अगस्त 2020 में टाइम्स स्क्वायर में हुए विरोध प्रदर्शन से जुड़ा है। तब जोहरान ममदानी टाइम्स स्क्वायर में राम मंदिर समारोह का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों में शामिल हुए थे। प्रत्यक्षदर्शियों और सोशल मीडिया कवरेज के अनुसार प्रदर्शनकारियों को 'हिंदू कौन हैं? हरामी!' जैसे नारे लगाते हुए देखा गया। इसके अलावा भगवान राम के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए सुना गया।

सोशल मीडिया पर इसके वीडियो भी खूब वायरल हुए थे। ममदानी उस समय भीड़ के साथ खड़े थे, जब नफरती नारे लगाए जा रहे थे लेकिन उन्होंने सार्वजनिक रूप से इसकी निंदा नहीं की। 

इसके अलावा भी ममदानी के कई पुराने ट्वीट हैं जो चर्चा में रहे हैं और विवाद पैदा करते रहे हैं। मसलन, पिछले साल 17 अगस्त को उन्होंने एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'यह बाबरी मस्जिद की तस्वीर है...1992 में, इसे भाजपा द्वारा भड़काए गए दंगों में नष्ट कर दिया गया था, जो अब भारत की सत्ताधारी पार्टी है। रविवार को हिंदू राष्ट्रवादी NYC में उस अत्याचार का जश्न मनाना चाहते हैं।'

इससे पहले 7 मई, 2020 को एक अन्य ट्वीट में लिखा था, 'मेरे परिवार को युगांडा से निकाल दिया गया क्योंकि वे भारतीय थे। आज, भारत में मेरे भाइयों और बहनों को इसलिए सताया जा रहा है क्योंकि वे मुस्लिम हैं।'