कोलंबोः श्रीलंका में वामपंथी नेता अनुरा कुमार दिसानायके के राष्ट्रपति बनने के बाद मंगलवार हरिनी अमरसूर्या को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। हरिनी पिछले दो दशकों में इस पद पर बैठने वाली पहली महिला बनी हैं। इससे पहले, 2000 में सिरिमावो बंडरानायके ने इस पद को संभाला था।

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने 54 वर्षीय राष्ट्रीय पीपुल्स पावर (एनपीपी) – जातिका जन बलवेगया (जेजेबी) की नेता अमरसूर्या को राष्ट्रपति सचिवालय में शपथ दिलाई। उन्होंने हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनावों के बाद अपने पद से इस्तीफा देने वाले प्रधानमंत्री दिनेश गुणावर्धना की जगह ली है। वे देश के इतिहास में तीसरी प्रधानमंत्री भी हैं।

दिसानायके ने अपने अलावा चार मंत्रियों की एक कैबिनेट नियुक्त की जिसमें अमरसूर्या को न्याय, शिक्षा, श्रम, उद्योग, विज्ञान और तकनीक, स्वास्थ्य और निवेश के मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी गई है। एनपीपी के सांसद विजिथा हीरथ और लक्ष्मण निपुणाराची को भी कैबिनेट मंत्रियों के रूप में शपथ दिलाई गई। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ये सभी जल्द ही संसद के भंग होने के बाद कार्यवाहक कैबिनेट के रूप में कार्य करेंगे, जिससे संसदीय चुनावों की तैयारी की जा सके।

हरिनी अमरसूर्या का जन्म 1970 में हुआ है। उनके पास समाजशास्त्र में स्नातक और अनुप्रयुक्त मानवशास्त्र और विकास अध्ययन में स्नातकोत्तर की डिग्री है। उन्होंने एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से सामाजिक मानवशास्त्र में पीएचडी भी की है। वे कानून और समाज ट्रस्ट और महिलाओं के अनुसंधान केंद्र तथा स्थानीय सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य संस्था नेस्ट की बोर्ड सदस्य भी हैं।

श्रीलंका की संसद की वेबसाइट के अनुसार, अमरसूर्या कई संसदीय समितियों का हिस्सा रही हैं, जिसमें संसद में महिला सांसदों का कॉकस, अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर क्षेत्रीय निगरानी समिति, पशु कल्याण के लिए संसदीय कॉकस, आचार और विशेषाधिकार समिति, सार्वजनिक खातों की समिति आदि शामिल हैं।

गौरतलब है कि दिसानायके ने रविवार को राष्ट्रपति चुनावों में जीत के बाद श्रीलंका के नौवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली, जो 21 सितंबर को हुए थे।

श्रीलंका की नई पीएम हरिनी अमरसूर्या के बारे में 7 बातें

शैक्षणिक और मानवाधिकार कार्यकर्ता: अमरसूर्या एक अकादमिक, मानवाधिकार कार्यकर्ता और विश्वविद्यालय की व्याख्यिका हैं, जो शिक्षा और सामाजिक न्याय में अपने काम के लिए जानी जाती हैं।

शिक्षा में योगदान: उन्होंने श्रीलंका की ओपन यूनिवर्सिटी के सामाजिक विज्ञान विभाग में समाजशास्त्र और सामाजिक मानवशास्त्र में वरिष्ठ व्याख्यिका के रूप में कार्य किया है और देश में सामाजिक न्याय और शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

राजनीति में पहला कदम: अमरसूर्या श्रीलंका की पहली ऐसी नेता हैं जो एक अकादमिक से राजनीति में आई हैं और प्रधानमंत्री का पद संभाल रही हैं।

संसद में प्रवेश: अमरसूर्या ने 2020 में एनपीपी के राष्ट्रीय सूची के माध्यम से संसद में प्रवेश किया।

16वीं प्रधानमंत्री: उन्हें श्रीलंकाई संसद के 16वें प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है।

पहली महिला प्रधानमंत्री: अमरसूर्या 1994 में भंडारनायके के पदभार संभालने के बाद से श्रीलंका की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं और श्रीलंका के इतिहास में इस पद पर सेवा देने वाली तीसरी महिला हैं।

लिंग प्रतिनिधित्व में वृद्धि: उनकी पीएम के रूप में नियुक्ति को श्रीलंकाई राजनीति में लिंग प्रतिनिधित्व के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है और यह नई पीढ़ी की महिला नेताओं को प्रेरित करने की उम्मीद की जा रही है।