कौन हैं आसिफ महमूद? धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट विवाद के बीच सुर्खियों में हैं पाकिस्तानी मूल के USCIRF कमिश्नर

डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ उनके घनिष्ठ संबंधों के चलते उन्हें डेमोक्रेट हकीम जेफ्रीज़ (अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में अल्पसंख्यक नेता) द्वारा यूएससीआईआरएफ में नियुक्त किया गया था।

 आसिफ महमूद

आसिफ महमूद Photograph: (Social Media)

भारत और उसके आंतरिक मामलों के बारे में झूठ फैलाने के लिए जाने जाने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने आसिफ महमूद नाम के एक पाकिस्तानी-अमेरिकी ‘कार्यकर्ता’ को अपना एक आयुक्त नियुक्त किया है। अमेरिकी संघीय सरकार आयोग ने शुक्रवार को एक बयान में इस बात की पुष्टि की। ऐसे में कहा जा रहा है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ उनके घनिष्ठ संबंधों के चलते उन्हें डेमोक्रेट हकीम जेफ्रीज़ (अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में अल्पसंख्यक नेता) द्वारा यूएससीआईआरएफ में नियुक्त किया गया था। यूएससीआईआरएफ में आसिफ महमूद की नियुक्ति बिना किसी कारण के नहीं हुई है। वह ‘मानवाधिकार’ सक्रियता की आड़ में भारत विरोधी दुष्प्रचार करने में सबसे आगे रहे हैं।

भारत ने रिपोर्ट को "पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित" बताया

अपने जवाब में भारत ने रिपोर्ट को "पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित" बताया और कहा कि लोकतंत्र और सहिष्णुता के प्रतीक के रूप में भारत की छवि को "कमजोर" करने के प्रयास सफल नहीं होंगे। साथ ही, यूएससीआईआरएफ को "चिंता का विषय" घोषित किया जाना चाहिए। बता दें कि यूएससीआईआरएफ एक स्वतंत्र, द्विदलीय अमेरिकी संघीय सरकारी एजेंसी है। यह अमेरिकी राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और कांग्रेस को नीतिगत सिफारिशें करती है और इन सिफारिशों के कार्यान्वयन पर नज़र रखती है। कई रिपोर्टों के अनुसार, यह एजेंसी भारत के बारे में झूठ फैला रही है, खासकर आसिफ महमूद को इसके आयुक्त के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद से।

कौन है आसिफ महमूद?

आसिफ महमूद एक पाकिस्तानी-अमेरिकी 'कार्यकर्ता' हैं और यूएससीआईआरएफ की वेबसाइट के अनुसार, आसिफ एक अभ्यासरत चिकित्सक, मानवाधिकार कार्यकर्ता, अंतरजातीय और अंतर-धार्मिक सामुदायिक आयोजक और परोपकारी व्यक्ति हैं। कई रिपोर्टों में दावा किया गया है कि वह 'मानवाधिकार' सक्रियता की आड़ में भारत विरोधी प्रचार करने में सबसे आगे रहे हैं। मई 2024 में, आसिफ ने संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और पाकिस्तान में खालिस्तानी चरमपंथियों की हत्या में भारत की कथित संलिप्तता के बारे में एक षड्यंत्र सिद्धांत को बढ़ावा दिया था। हालांकि, उन्होंने अपने दावों का समर्थन करने के लिए सबूत नहीं दिए।

यूएससीआईआरएफ की वेबसाइट का दावा है कि आसिफ ने दक्षिण एशिया पर केंद्रित कई मानवाधिकार अभियानों की वकालत की। इसमें यह भी दावा किया गया है कि महमूद 2008 से 2016 तक डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन के प्रतिनिधि थे और उन्होंने राष्ट्रपति अभियानों में कई भभूमिकाएं निभाईं। वेबसाइट के अनुसार, वह फिलहाल में सोशल मीडिया सेफ्टी संगठन (ओएफएसएसएमएस) के अध्यक्ष और कैलिफोर्निया के सबसे बड़े बेघर आश्रयों में से एक, होप द मिशन के बोर्ड सदस्य भी हैं।

यूएससीआईआरएफ रिपोर्ट ने क्या सुझाव दिया?

अपनी 2025 की वार्षिक रिपोर्ट में यूएससीआईआरएफ ने आरोप लगाया कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है क्योंकि धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले और भेदभाव लगातार बढ़ रहे हैं। यूएससीआईआरएफ ने अमेरिकी सरकार को “धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन में दोषी पाए गए व्यक्तियों और संस्थाओं, जैसे विकास यादव और रॉ पर लक्षित प्रतिबंध लगाने और/या उनकी संपत्ति जब्त करने और/या संयुक्त राज्य अमेरिका में उनके प्रवेश पर रोक लगाने” की सिफारिश की।

अमेरिका ने भारत सरकार के पूर्व अधिकारी यादव पर 2023 में अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित नाकाम साजिश का आरोप लगाया है। अपनी सिफारिश में यूएससीआईआरएफ ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम (आईआरएफए) द्वारा परिभाषित व्यवस्थित, चल रहे और गंभीर धार्मिक स्वतंत्रता उल्लंघनों में शामिल होने और उन्हें सहन करने के लिए "विशेष चिंता का देश" या सीपीसी के रूप में नामित करने का भी आह्वान किया।

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