चीन के हैकरों से 8 अमेरिकी टेलीकॉम कंपनियां प्रभावित, दर्जनों देशों में असर: व्हाइट हाउस

अमेरिका ने मंगलवार को दूरसंचार कंपनियों के लिए सुझाव जारी किए, जिसमें साइबर हमलों को रोकने के लिए एन्क्रिप्शन, केंद्रीकरण और नियमित निगरानी अपनाने की सलाह दी गई है।

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प्रतिकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

वॉशिंगटन: अमेरिका की उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ऐनी न्यूबर्गर ने बताया कि एक चीनी हैकिंग अभियान ने कम से कम आठ अमेरिकी दूरसंचार कंपनियों और कई देशों को प्रभावित किया है।

इस साइबर हमले में पर्सनल मैसेज और फोन कॉल्स को निशाना बनाया गया, जिससे अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और प्रमुख व्यक्तियों के संचार को खतरा हुआ।

हालांकि, इस हमले में हैकरों द्वारा किसी भी गोपनीय संचार तक पहुंच हासिल करने की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन इसने साइबर सुरक्षा में गंभीर खामियों को उजागर किया है।

एफबीआई और साइबर सुरक्षा और बुनियादी ढांचा सुरक्षा एजेंसी ने आगे की सेंधमारी का पता लगाने और रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। ऐनी न्यूबर्गर ने कहा है कि जिन कंपनियों पर साइबर हमला हुआ है वे अभी तक हैकरों से अपने सिस्टम को पूरी तरह से सुरक्षित नहीं कर सके हैं।

मामले की जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को भी दी गई है और व्हाइट हाउस ने स्थिति से निपटने को प्राथमिकता दी है।

अमेरिका समेत कई और देश भी हुए हैं प्रभावित

ऐनी न्यूबर्गर ने बताया कि इस हमले में केवल एक छोटे समूह को निशाना बनाया गया, जिसमें कुछ ही अमेरिकियों के फोन कॉल और मैसेज प्रभावित हुए हैं। व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने कहा कि हैकिंग क्षेत्रीय स्तर पर लक्षित थी और इसका फोकस वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों पर था।

एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में हुए हैक में "कम, केवल कुछ दर्जन" देशों को निशाना बनाया गया है। इससे पहले अक्टूबर में संघीय अधिकारियों ने "साल्ट टाइफून" नामक हैकिंग अभियान का खुलासा किया था, जिसमें अमेरिका के उच्च स्तर के अधिकारियों को निशाना बनाया गया।

एक अधिकारी ने बताया कि यह हैकिंग कम से कम एक या दो साल पहले शुरू हुई थी। इस दौरान, साल 2020 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान में डोनाल्ड ट्रंप, जेडी वेंस और कमला हैरिस से जुड़े लोगों के संचार से समझौता हुआ था।

अमेरिका ने मंगलवार को दूरसंचार कंपनियों के लिए सुझाव जारी किए, जिसमें साइबर हमलों को रोकने के लिए एन्क्रिप्शन, केंद्रीकरण और नियमित निगरानी अपनाने की सलाह दी गई है।

विशेषज्ञों का सुझाव है कि इन उपायों को अपनाने से साल्ट टाइफून जैसे अभियानों को बाधित किया जा सकता है और भविष्य में होने वाले साइबर हमलों को रोका जा सकता है।

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साइबर हमले से चीन ने किया इनकार

चीन पर लगाए गए आरोपों को मंगलवार को वाशिंगटन स्थित चीनी दूतावास ने खारिज कर दिया। दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंगयू ने कहा है कि अमेरिका को अन्य देशों पर साइबर हमले बंद करना चाहिए और साइबर सुरक्षा का उपयोग करके चीन को बदनाम करने से बचना चाहिए।

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