जापान के एयरपोर्ट पर अचानक फटे दूसरे विश्व युद्ध के बम के पीछे की कहानी क्या है? 80 से ज्यादा फ्लाइट हुए रद्द

कामिकेज बॉम्बर जापानी नवसेना के उन पायलटों को कहा जाता हैं जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान आत्मघाती मिशनों को अंजाम दिया था।

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What story behind World War II bomb that suddenly exploded at Japan Miyazaki Airport airport More than 80 flights canceled

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो- IANS)

टोक्यो: दक्षिण-पश्चिम जापान के मियाजाकी हवाई अड्डे पर हुए एक जोरदार विस्फोट में टैक्सी वे का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। विस्फोट से लगभग सात मीटर (23 फीट) चौड़ा और एक मीटर (3 फीट) गहरा गड्ढा हो गया है।

घटना के बाद रनवे को बंद कर दिया गया है। इस विस्फोट में एक अमेरिकी बम फटा है जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान रनवे वाले इलाके में गिराए गए थे। धमाका और रनवे पर गड्ढा बनने के कारण जापान के मियाजाकी हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाली 80 से अधिक उड़ानें रद्द हो गई हैं।

बता दें कि मियाजाकी हवाई अड्डे और इसेक आसपास के इलाके में अक्सर बिना फटे हुए अमेरिकी बम पाए जाते हैं। बम को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यह वही बम है जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान "कामिकेज" हमलों (कामिकेज बॉम्बरों) को रोकने के लिए अमेरिका ने जापान पर गिराए थे।

अमेरिकी हवाई हमले में इस बम को एक सैन्य अभ्यास के दौरान जापानी विमानों को निष्क्रिय करने के उद्देश्य से गिराया गया था। घटना के बाद हवाई अड्डे के अधिकारियों द्वारा गड्ढे को फिर से भरने के काम शुरू कर दिया गया था। रात भर रनवे की मरम्मत के बाद गुरुवार से फ्लाइटों ने उड़ान भरना शुरू कर दिया है।

घटना में किसी के हताहत की खबर नहीं

सरकारी प्रसारक एनएचके ने मियाजाकी हवाई अड्डे पर स्थित परिवहन मंत्रालय के कार्यालय के हवाले से बताया कि बुधवार को स्थानीय समयानुसार, सुबह आठ बजे से कुछ पहले टैक्सी-वे पर एक विस्फोट की आवाज सुनी गई है। हवाई यातायात नियंत्रकों ने घटनास्थल से धुआं उठते हुए देखा है।

एनएचके के अनुसार, वीडियो फुटेज में विस्फोट के कारण पेवमेंट के टुकड़े और धूल के बादल को हवा में उड़ते देखा जा सकता है। एनएचके के मुताबिक, इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव हयाशी योशिमासा ने संवाददाताओं को बताया कि यह विस्फोट अमेरिका निर्मित बम से हुआ था। उन्होंने आश्वासन दिया कि दूसरे विस्फोट का कोई खतरा नहीं है।

मियाजाकी हवाई अड्डा का इतिहास

सन 1943 में मियाजाकी हवाई अड्डा को बनाया गया था जिसे उस समय इंपीरियल जापानी नौसेना द्वारा उड़ान प्रशिक्षण क्षेत्र के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। इसका द्वितीय विश्व युद्ध से भी संबंध है। उस दौरान इस क्षेत्र को कुछ पायलटों द्वारा आत्मघाती अभियानों को अंजाम देने के लिए इसे इस्तेमाल किया जाता था।

रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, पूरे जापान में सैकड़ों टन के बिना फटे हुए बम दफन हैं जो समय समय पर फटते रहते हैं। ये बम अक्सर निर्माण कार्य के दौरान मिलते हैं।

कामिकेज बॉम्बर किसे कहते हैं?

कामिकेज बॉम्बर जापानी नवसेना के उन पायलटों को कहा जाता हैं जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान आत्मघाती मिशनों को अंजाम दिया था। इन लोगों ने युद्ध के अंतिम चरण में दुश्मनों से लड़ते हुए इन आत्मघाती मिशनों को अंजाम दिया था।

जापानी में "कामिकेज" शब्द का अनुवाद "दिव्य हवा" होता है। युद्ध के दौरान ये पायलट अमित्र देशों को आगे बढ़ने से रोकने और उनको ज्याद से ज्यादा क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से इन आत्मघाती अभियानों को अंजाम देते थे।

ये पायलट विस्फोटकों से भरे विमानों को दुश्मन के ठिकानों पर जानबूझकर गिरा देते थे। वे मुख्य रूप से नौसैनिक जहाजों और सेना के कैंप को निशाना बनाते थे। इन हमलों में वे अपनी जान गवां कर दुश्मनों को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते थे।

कामिकेज पायलट ज्यादातर युवा पुरुष होते थे जो अपने मिशन को अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए एक सम्मानजनक कर्तव्य के रूप में देखते थे।

युद्ध के दौरान कामिकेज रणनीति बलिदान का प्रतीक बन गई थी। इसका उपयोग मुख्य रूप से जापानी शाही नौसेना और वायु सेना द्वारा किया जाता था। इसमें दुश्मनों के नौसैनिक जहाजों को निशाना बनाया जाता था।

इस रणनीति को ओकिनावा की लड़ाई और अन्य प्रशांत थिएटर लड़ाइयों में भी अपनाई गई थी। हालांकि इन मिशनों ने जापानी दुश्मनों की सेनाओं को महत्वपूर्ण नुकसान पहुंचाया गया था लेकिन इसके बावजूद ये लोग युद्ध के रुख बदल नहीं पाए थे।

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