मनीलाः फिलीपींस सरकार ने देश में तलाक को कानूनी बनाने के लिए एक विधेयक लाया है जिसकी इन दिनों काफी चर्चा है। फिलीपींस की कैथोलिक ईसाई समुदाय पिछले कुछ सालों से तलाक को कानूनी बनाने की मांग कर रहा था। मालूम हो कि फिलीपींस, वेटिकन के अलावा दूसरा ऐसा देश है जहां तलाक गैरकानूनी है। राष्ट्रपति बनने से पहले फर्निनेंड मार्कोस ने तलाक कानून का समर्थन किया था। अब स्थिति को सुधारने की दिशा में पहला कदम उठाया है।
फिलीपींस की संसद के निचले सदन ने पिछले हफ्ते देश में तलाक को वैध बनाने के लिए एक विधेयक पारित किया। विधेयक तैयार करने वाले प्रतिनिधि एडसेल लैगमैन ने इसे अपनी जीत बताया है। उन्होंने कहा कि वैटिकन के अलावा दुनिया के इकलौते ऐसे देश के रूप में जहां अभी भी तलाक अवैध है, यह एक स्पष्ट और निर्णायक जीत है और उन फिलीपीन में पत्नियों के लिए आसन्न मुक्ति का संकेत देता है जो जहरीले, अपमानजनक टूट चुके विवाहों में फंसी हुई हैं।
विधेयक अगस्त में सीनेट में जाएगा और कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की सहमति की आवश्यकता होगी। लैगमैन ने कहा कि प्रतिनिधि सभा में इसका पारित होना “विवाह और रिश्तों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है”।
2018 में भी लाया गया था विधेयक
आधिकारिक फिलीपीन न्यूज एजेंसी (पीएनए) के मुताबिक, अनुसार प्रस्तावित पूर्ण तलाक अधिनियम को सदन में 20 अनुपस्थित मतों के साथ 131-109 के मत से पारित किया गया। अतीत में इसी तरह के विधेयक लाए गए लेकिन वे कानूनी रूप नहीं ले पाए। 2018 में, ऐसे ही एक विधेयक को प्रतिनिधि सभा में समिति स्तर पर पारित किया गया था। जिसका विरोध करते हुए एक वरिष्ठ कैथोलिक पादरी ने कहा था कि “तलाक भगवान द्वारा निर्धारित और विशेष रूप से हमारे प्रभु यीशु मसीह द्वारा दोहराए गए कानून का सीधा अपमान है!” बिल अंततः सीनेट में विफल हो गया।
हालांकि समय के साथ तलाक को कानूनी बनाने की मांग ने जोर पकड़ा। रिपोर्टों के मुताबिक, स्थानीय सर्वेक्षणों से पता चला है कि लगभग आधी आबादी तलाक को स्वीकार करने लगी है – जो पहले के मुकाबले अधिक प्रतिशत है। वर्तमान राष्ट्रपति फर्निनेंड बॉन्गबोंग मार्कोस ने तलाक को सीमित समर्थन दिया है। उन्होंने अपने 2022 के अभियान के दौरान कहा था, “ऐसे मामले हैं जहां यह (शादी) वास्तव में नहीं हो सकता… लेकिन हमें अन्य जगहों की तरह नहीं बनना चाहिए जहां तलाक लेना इतना आसान है।”
फिलीपींस में तलाक की अनुमति नहीं
फिलीपींस में अभी तलाक की अनुमति नहीं है। यानी यह गैर कानूनी है। लेकिन कानूनी रूप से अलग होने और विवाह को रद्द करने का प्रावधान जरूर है। कानूनी अलगाव पति-पत्नी को अलग रहने की अनुमति देता है, लेकिन विवाह समाप्त नहीं होता है, जिसका अर्थ है कि कोई भी अलग हो चुके जोड़े फिर से विवाह नहीं कर सकते हैं। रद्दीकरण में, विवाह को अमान्य घोषित कर दिया जाता है। जैसे कि यह कभी हुआ ही नहीं था। अलग होने के आधारों में शारीरिक हिंसा या अत्यधिक अपमानजनक आचरण और वैवाहिक बेवफाई शामिल हैं। विवाह रद्द करने के आधार पागलपन, धोखाधड़ी, बल, विवाह के समय धमकाना आदि हैं। लेकिन इन आधारों को साबित करना उनके लिए काफी खर्चीला होता है। ज्यादातर मामलों में कोर्ट फैसले ही नहीं देते। वहीं इसकी प्रक्रिया में कभी-कभी 10 हजार डॉलर तक खर्च हो जाते हैं।
फिलीपींस में तलाक कानूनी क्यों नहीं है?
दुनिया में वेटिकन सिटी के बाद फिलिपींस ही ऐसा देश है, जहां तलाक गैरकानूनी है। इसकी वजह यह है कि कैथोलिक इसे मजहबी उसूलों के खिलाफ मानते हैं। फिलीपींस में तलाक के कानूनी न होने के पीछे कई कारणों में से एक कारण यहां की धार्मिक संरचना भी है। रिपोर्ट के मुताबिक, यहां धार्मिक संरचना और सामाजिक मुद्दों पर विचारों को प्रभावित करने में धार्मिक संस्थान काफी दखल रखते हैं। पारंपरिक ईसाइयों, विशेष रूप से कैथोलिकों के लिए, विवाह को न केवल जीवनसाथी के प्रति बल्कि ईश्वर और समाज के प्रति की गई एक पवित्र प्रतिबद्धता के रूप में देखा जाता है। विवाहित कैथोलिक जोड़े कुछ मामलों में अलग हो सकते हैं, लेकिन वे चर्च में पुनर्विवाह नहीं कर सकते।
2020 की जनगणना के अनुसार, रोमन कैथोलिक समुदाय आबादी का 78.8% हिस्सा है। जो प्रतिशत के मामले में दुनिया में सबसे अधिक है। मुस्लिम (6.4%) दूसरा सबसे बड़ा समूह है। विशेष रूप से, मुसलमानों को तलाक का अधिकार है क्योंकि वे व्यक्तिगत मामलों में शरिया कानून द्वारा शासित होते हैं।
विधेयक में क्या प्रावधान है?
विधेयक “पूर्ण तलाक” के आधारों को निर्धारित करता है, जिनमें मनोवैज्ञानिक अक्षमता, असंगत मतभेद, घरेलू या वैवाहिक हिंसा आदि शामिल हैं। यदि सुलह की गुंजाइश है, तो याचिकाकर्ता पारिवारिक अदालत का रुख कर सकते हैं। कुछ मामले में उन्हें फैसले पर सोचने विचारने के लिए 60 दिन दिए जाएंगे। यदि याचिका आगे बढ़ती है, तो इसे एक वर्ष के भीतर सुलझा दिया जाएगा।
आधिकारिक फिलीपीन न्यूज एजेंसी (पीएनए) ने बताया कि “पूर्ण तलाक की डिक्री (न्यायिक निर्णय) का प्रभाव विवाह के न्यायिक विघटन पर होगा। यानी तलाकशुदा जोड़ों को (पति-पत्नी) फिर से विवाह करने के साथ अलग होने का अधिकार प्राप्त होगा। यह विधेयक 1935 में लागू किए गए नागरिक संहिता में संशोधन करेगा, जो फिलीपींस को एकमात्र कैथोलिक बहुल देश बनाता है जिसमें पूर्ण तलाक गैरकानूनी है।