गाजा का रफाह में इजराइल के हमले के क्या मायने हैं...अमेरिकी भी इस कदम से नाराज! रफाह का इलाका क्या है..क्यों अहम है

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What meaning of Israel attack in Gaza Rafah crossing why is it important usa role

गाजा का राफा में इजराइल के हमले के क्या मायने हैं (फोटो- IANS)

इजराइल के सेना ने मंगलवार को कहा कि उसने फिलिस्तीन हिस्से के रफाह क्रॉसिंग पर अपना कब्जा कर लिया है। रफाह क्रॉसिंग गाजा के दक्षिण में मिस्र और गाजा की सीमा पर है। यह क्रॉसिंग ऐसी जगह पर है, जिससे इसकी जमीन इजराइल से नहीं लगती है।

डेक्कन हेराल्ड की एक खबर के अनुसार, फिलिस्तीनों के लिए यह क्रॉसिंग काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि युद्ध या आपदा जैसी आपात स्थिति के दौरान गाजा छोड़ने के लिए यह एक प्रमुख एक्जिट प्वाइंट बन जाता है।

गाजा युद्ध के दौरान भी रफाह क्रॉसिंग से घायलों को मिस्र पहुंचाया गया है और युद्ध से पीड़ितों के लिए खाने के सामान भी यहां लाए गए हैं। लेकिन हाल में इजराइल के हमले से रफाह क्रॉसिंग काफी प्रभावित हुआ है जिससे मदद के सामान गाजा तक नहीं पहुंच रहे हैं। हालांकि अमेरिका ने रफाह क्रॉसिंग पर हमले को लेकर चिंता जाहिर की है।

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के संचार निदेशक जॉन किर्बी ने मंगलवार को कहा, हमने "बार-बार और लगातार" रफाह में घनी आबादी वाले इलाकों में एक बड़े ऑपरेशन के बारे में चिंता व्यक्त की है।

उधर इजराइली प्रतिनिधियों ने वाशिंगटन को आश्वासन दिया है कि एक छोटा ऑपरेशन चलाया गया है जिसका मकसद रफाह सीमा के पार हथियारों के परिवहन की हमास की क्षमता को रोकना था।

फलस्तीनियों के लिए क्यों खास है रफाह?

रिपोर्ट के अनुसार, गाजा से बाहर जाने के लिए तीन क्रॉसिंग हैं जिनके नाम रफाह क्रॉसिंग, इरेज क्रॉसिंग और केरेम शालोम क्रॉसिंग हैं। गाजा युद्ध के बाद इरेज क्रॉसिंग को बंद कर दिया गया था जिसे हाल में फिर से खोला गया है।

वहीं अगर बात करें केरेम शालोम क्रॉसिंग की तो यह क्रॉसिंग भी गाजा के निवासियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी के जरिए गाजा में युद्ध पीड़ितों के लिए अधिक से अधिक जरूरी सामान यहां आते हैं।

इन तीनों क्रॉसिंग में रफाह क्रॉसिंग काफी खास रोल अदा करता है। गाजा युद्ध के दौरान जब इजराइल ने अन्य क्रॉसिंग को बंद कर दिया था तब इस क्रॉसिंग के जरिए गाजा में रहने वालों की मदद की गई थी।

यही नहीं उस समय इसके जरिए भारी तादात में यहां से लोग मिस्र भी जा पाए थे, खासकर वे लोग जो युद्ध के दौरान घायल हो गए थे और जिन्हें तुरंत चिकित्सा की जरूरत थी। यही नहीं कतर ने भी इसी क्रॉसिंग की मदद से सीमित निकासी की व्यवस्था करने में मदद की थी।

क्या फिलिस्तीन के लोग आसानी से करते हैं रफाह क्रॉसिंग का इस्तेमाल

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, किसी भी फिलिस्तीनी निवासी के लिए रफाह क्रॉसिंग का इस्तेमाल करना आसान नहीं है। इसके लिए उन्हें कुछ हफ्ते पहले से स्थानीय फिलिस्तीनी अधिकारियों से उन्हें रजिस्ट्रेशन कराना होता है। ऐसे में इस दौरान कुछ गड़बड़ होने पर फिलिस्तीनी या फिर मिस्र अधिकारी इस रजिस्ट्रेशन को कैंसिल भी कर देते हैं।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पिछले साल अगस्त में मिस्र के अधिकारियों ने गाजा से 19,608 लोगों को गाजा से बाहर निकालने की इजाजत दी थी जबकि 314 लोगों को वहीं रोक दिया था।

युद्धविराम के समझौते को इजराइल ने क्यों ठुकराया

पिछले साल से इजराइल और हमास के बीच युद्ध चल रहा है जो अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में इस युद्ध को रोकने के लिए कई दिनों से प्रयास किए जा रहे थे और इसके लिए कई देशों ने पहल भी की है।

लेकिन कुछ खास सफलता हासिल नहीं हुई है और अभी भी युद्ध जारी है। इस बीच यह खबर आई थी कि हमास ने युद्ध को रोकने के लिए हामी भरी है और वह युद्धविराम के समझौते के लिए राजी हो गया है।

लेकिन उधर इजराइल ने पहले इस पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी और फिर बाद में उसने इस समझौते को ठुकरा दिया है। इजराइल का कहना है कि हमास ने जिन शर्तों को स्वीकार करने का दावा किया है, वे उन शर्तों से मेल नहीं खाती हैं जिन्हें उन्होंने मंजूरी दी थी।

यही नहीं बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय से जारी एक बयान में यह कहा गया है कि हमास ने जो नया ऑफर दिया है वह इजराइल की जरूरी आवश्यकताओं से बहुत दूर है।

100 से अधिक बंधक अभी है रफाह में कैद- एजेंसी

बता दें कि हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिण इजरायल पर हमला किया था, जिसमें लगभग 1,200 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोगों को बंधक बना लिया गया था।

इसके बाद इजरायल की सेना ने गाजा में हमास के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमला शुरू किया। आईएएनएस के मुताबिक, माना जा रहा है कि 100 से ज्यादा बंधक अभी भी रफाह में कैद हैं।

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