यूरोपीय संघ ने भारतीयों के लिए मल्टीपल एंट्री शेंगेन वीजा (SCHENGEN VISA) के नियमों को लागू कर दिया है। यह नई व्यवस्था 18 अप्रैल 2014 से प्रभावी हो गई है जिसे वीजा कोड के मानक नियमों तुलना में काफी आसान कर दिया गया है। इस शेंगेन वीजा से अब भारतीय नागरिक 29 यूरोपीय देशों में यात्रा कर सकेंगे। गौरतलब है कि इससे पहले तक 3 साल में दो बार वीजा लेना पड़ता था।
क्या है शेंगेन वीजा?
शेंगन वीजा एक ऐसा वीजा है जो आपको 29 यूरोपीय देशों के शेंगन क्षेत्र में प्रवेश करने और 90 दिनों तक वहां रहने की अनुमति देता है। यह वीजा पर्यटन, परिवार और दोस्तों से मिलने और चिकित्सा उपचार जैसे विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपलब्ध होता है।
इस नए वीजा नियम को ‘कैस्केड’ शासन के रूप में जाना जाता है। इस नई वीजा “कैस्केड” व्यवस्था के अनुसार, अगर भारतीय नागरिकों ने पिछले तीन वर्षों के अंदर कानूनी रूप से दो वीजा प्राप्त करके उनका उपयोग किया है तो उन्हें दो वर्षों के लिए मल्टीपल एंट्री वाले शेंगेन वीजा दिया जा सकता है। यानी यह वीजा शुरुआत में दो साल के लिए रहेगा लेकिन बाद में इसे पांच साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए आपके पासपोर्ट की वैधता बची रहनी चाहिए।
बार-बार वीजा आवेदन से मिलेगा छुटकारा
नया वीजा मिलने के बाद यात्री 90 दिनों तक के एक छोटे प्रवास के लिए शेंगेन क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं। लेकिन अगली बार फिर शेंगेन क्षेत्र में आने के लिए 180 दिनों का इंतजार करना होगा। इसके लिए आपको फिर से वीजा अप्लाई करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
शेंगेन वीजा कैसे काम करता है?
शेंगेन वीजा एक स्टिकर की तरह होता है जिसे पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेज पर चिपकाया जाता है और धारक को शेंगेन क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति देता है। इस स्टिकर में कई जानकारी होती हैं। मसलन यात्रा की अवधि, वीजा का प्रकार (ए, सी, या डी), धारक शेंगेन क्षेत्र में कितनी बार प्रवेश कर सकता है, आने और जाने की तारीख इत्यादि। स्टिकर पर एक साथ 3 भाषाओं में टेक्स्ट होते हैं – अंग्रेजी, फ्रेंच और जर्मन। जिस शेंगेन क्षेत्र में जाना होता है उसके पहले «VALID FOR», «VALABLE PUR» and «GULTIG FUR» लिखा होता है। यदि इनके आगे “ETATS SCHENGEN” या “SCHENGEN STATES” लिखा है, तो इसका मतलब है कि वीजा सभी शेंगेन राज्यों में वैध है और वीजा धारक क्षेत्र के अंदर एक बार उनमें से प्रत्येक का दौरा कर सकता है।
दूसरी ओर, अक्षर A, B, CH, CZE, D, DK, E, EST, F, FIN, GR, H, HR, I, IS, LI, L, LT, LVA, M, N, NL, P, PL, S, SK, SVN लिखा होता है जो शेंगेन देशों के लिए संक्षिप्त शब्द हैं जहां वीजा वैध है। मसलन ऑस्ट्रिया के लिए ‘A’ अक्षर और बेल्जियम के लिए ‘B’ और स्टि्जरलैंड के लिए ‘CH’ लिखा रहेगा।
शेंगेन वीजा के लिए कैसे, कहाँं करें आवेदन?
जिस देश में आप जाना चाहते हैं, उसके वाणिज्य दूतावास में आपको शेंगेन वीजा के लिए आवेदन जमा करना होगा। यदि आप एक से अधिक शेंगेन राज्यों का दौरा करना चाहते हैं, तो आपको उस देश के वाणिज्य दूतावास में आवेदन करना चाहिए जहां आप सबसे लंबी अवधि बिताएंगे। यदि आप कई शेंगेन राज्यों का दौरा करने का इरादा रखते हैं और ठहरने की अवधि समान होगी, तो आपको सबसे पहले उस देश के वाणिज्य दूतावास में आवेदन करना होगा जहां आप पहले जाना चाहते हैं।
शेंगेन क्षेत्र में 29 यूरोपीय देश शामिल हैं जिनमें से 25 यूरोपीय संघ के देश हैं
शेंगेन क्षेत्र में 29 यूरोपीय देश शामिल हैं जिनमें से 25 यूरोपीय संघ के देश हैं। शेंगेन नाम लक्जमबर्ग के शेंगेन शहर से लिया गया है, जहां 1985 में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह 1995 में प्रभावी हुआ।
शेंगेन का सबसे पहले पांच देश- बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, लक्जमबर्ग और नीदरलैंड सदस्य थे। इसके बाद बाद इटली (1990), पुर्तगाल और स्पेन (1991), ग्रीस (1992), ऑस्ट्रिया (1995), और 1996 में डेनमार्क, फिनलैंड और स्वीडन को शामिल किया गया। आइसलैंड और नॉर्वे (2001 से) इसका हिस्सा बनें। वहीं 2004 में यूरोपीय संघ के पूर्व की ओर विस्तार के बाद 2007 में नौ और यूरोपीय संघ देश शामिल हुए। वे हैं- चेक गणराज्य, एस्टोनिया, हंगरी, लिथुआनिया, लातविया, माल्टा, पोलैंड, स्लोवाकिया और स्लोवेनिया। 2008 में स्विट्जरलैंड और 2011 में लिकटेंस्टीन को भी शामिल किया गया। बाद के दिनों में छह और यूरोपिय संघ के सदस्य देशों- बुल्गारिया, क्रोएशिया, साइप्रस, आयरलैंड, रोमानिया को शेंगेन क्षेत्र में शामिल कर लिया गया। बीबीसी के मुताबिक, अंडोरा और सैन मैरिनो शेंगेन का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन अब उनकी सीमाओं पर जांच नहीं होती है।
शेंगेन क्षेत्र में शामिल देश:
ऑस्ट्रिया
बेल्जियम
बुल्गारिया (मार्च 2024 में प्रवेश)
क्रोएशिया
चेक रिपब्लिक
डेनमार्क
एस्तोनिया
फिनलैंड
फ्रांस
जर्मनी
यूनान
हंगरी
आइसलैंड (2001)
इटली
लातविया
लिकटेंस्टीन
लिथुआनिया
लक्समबर्ग
माल्टा
नीदरलैंड
नॉर्वे (2001)
पोलैंड
पुर्तगाल
रोमानिया (मार्च 2024 में प्रवेश)
स्लोवाकिया
स्लोवेनिया
स्पेन
स्वीडन
स्विट्जरलैंड