क्या है 'प्लेजर मैरिज' जिसमें इंडोनेशिया की महिलाएं पैसों के लिए पर्यटकों से रचा रही हैं शादी?

प्लेजर मैरिज को आयोजित करवाने वाली एजेंसियां और दलाल हर महीने 20 से 25 इस तरह की शादियां करवाने का दावा कर रहे हैं। दलालों का कहना है कि उन्हें महिलाएं इस तरह की शादियों के लिए संपर्क कर रही हैं।

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प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो- IANS)

जकार्ता: इंडोनेशिया के पुनकक प्रांत में प्लेजर मैरिज (pleasure marriage) नाम से एक अजीबोगरीब शादी का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इसमें इंडोनेशिया की महिलाएं पैसों के लिए पुरुष पर्यटकों से खासकर पश्चिम एशिया के अरबी टूरिस्टों के साथ अस्थायी शादी रचा रही हैं।

हालांकि, इन शादियों की इंडोनेशिया समेत पूरे दुनिया में आलोचना भी हो रही है। एक तरफ कुछ महिलाओं और परिवारों ने इसे अपनी आमदानी बढ़ाने का जरिया बना लिया तो वहीं, इस कारण महिलाओं के शोषण जैसी बातें भी सामने आ रही है।

इंडोनेशिया के कानून में इस तरह की शादियां गैरकानूनी है। इसके बावजूद वहां न केवल इस तरह की शादियां हो रही है बल्कि प्लेजर मैरिज को आयोजित कराने में कई एजेंसियां भी अब सामने आ रही हैं। ऐसे में यह एक बढ़ते उद्योग का रूप लेने लगा है।

इंडोनेशिया एक मुस्लिम बहुल देश है। यहां पिछले कुछ सालों में नौकरियों में भारी कमी देखी गई है। इससे ज्यादातर लोग बेरोजगारी जैसी समस्या का सामना कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, केवल साल 2024 में ही 10 कंपनियों ने 14000 नौकरियों में कटौती की है।

कुछ रिपोर्ट के अनुसार इन शादियों में शामिल होने वाली महिलाएं भी प्लेजर मैरेज के खिलाफ हैं, लेकिन पैसे और देश में नौकरियों की कमी के कारण वे भी इसका हिस्सा बनने के लिए मजबूर हो रही हैं।

क्या है प्लेजर मैरिज या निकाह मुताह

प्लेजर मैरिज एक कम समय वाली शादी है जिसमें पुरुष पर्यटक आर्थिक रूप से कमजोर लड़की या महिला के साथ तय समय के लिए विवाह करता है। शादी के दौरान दूल्हा दुल्हन को पैसे भी देता है जो पहले से तय किए गए होते हैं।

पुनकक प्रांत पश्चिम इंडोनेशिया का एक लोकप्रिय टूरिस्ट स्पॉट है जहां पर अरब पर्यटक ज्यादा आते हैं। इन शादियों को आयोजित कराने के लिए कई एजेंसिया भी मौजूद हैं, जो जोड़ियों को मैच कराने से लेकर शादी करवाने तक का पूरा इंतेजाम करती है। इन सेवाओं के लिए वे दुल्हन को मिले रुपए से अपना फीस ले लेती हैं।

एजेंसियों द्वारा जोड़े को कोटा बुंगा नामक एक रिसॉर्ट में मिलाया जाता है जहां पर शादी का एक छोटा सामारोह आयोजित किया जाता है। महिलाओं को उसके रिश्तेदार या दोस्तों द्वारा पुरुषों से मिलाया जाता है।

प्रांत में यह प्रथा एक व्यावसायिक उद्योग में बदल गई है। एक संक्षिप्त, अनौपचारिक शादी के बाद महिलाओं के साथ यौन संबंध बनाए जाते हैं और उन्हें घरेलू कामों के लिए भी मजबूर किया जाता है। इन घरेलू कामों के लिए उन्हें और पैसे भी नहीं दिए जाते हैं।

प्लेजर मैरिज जिसे निकाह मुताह (Mikah Mut'ah) के नाम से भी जाना जाने लगा है। इस निकाह में लड़की को दिए जाने वाले मेहर (इस्लामी कानून के अनुसार, शादी के दौरान दूल्हे द्वारा दुल्हन को दिए जाना वाली राशि) शादी से पहले अदा किया जाता है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, एक महिला ने बताया कि उसने अभी तक 15 ऐसी शादियां की हैं। अक्सर इन शादियों में दलाल और अधिकारी अपना हिस्सा ले लेते हैं जिससे इन महिलाओं को काफी कम पैसा मिलता है।

महिलाओं को एक शादी के लिए 300 से 500 डॉलर (25 हजार से 42 हजार रुपए) का भुगतान किया जाता है। कुछ महिलाएं अभी भी इन शादियों का हिस्सा और कुछ ने एक स्थायी शादी कर अपनी दूसरी जिंदगी शुरू कर ली है।

इंडोनेशिया के पुनकक क्षेत्र में यह उद्योग काफी तेजी से विस्तार कर रहा है। दलाल एक महीने में 20-25 इस तरह की शादियां करवाते हैं। दलालों का दावा है कि उन्हें अभी भी कई महिलाएं इस तरह की शादियों के लिए उनसे संपर्क करती हैं।

इंडोनेशिया में प्लेजर मैरिज गैरकानूनी है

इंडोनेशिया में प्लेजर मैरिज गैरकानूनी है और यहां पर लड़कियों की शादी करने की कानूनी उम्र 19 साल है। इन शादियों को रोकने में सरकार की कमजोरी और नौकरिओं की कमी के कारण प्लेजर मैरिज पुनकक क्षेत्र में आम होते जा रहा है।

आलोचकों का तर्क है कि इस तरह की शादियां मानव तस्करी के समान है जिसमें महिलाओं को बिना किसी कानूनी सुरक्षा के शादी के समय के खत्म होने के बाद उन्हें छोड़ दिया जाता है। यह प्रथा नैतिक चिंताओं को भी जन्म देती है क्योंकि कई धार्मिक विद्वान इन अस्थायी शादियों को अस्वीकार्य मानते हैं।

जकार्ता फेमिनिस्ट के अनिंद्य रेस्टुवियानी जैसे कार्यकर्ता और आलोचक कानूनों को सख्ती से लागू करने और महिलाओं के लिए बेहतर आर्थिक अवसरों की मांग कर रहे हैं।

रेस्टुवियानी का कहना है कि इस तरह की प्रथा को समाप्त करने के लिए सामूहिक कार्रवाई की जरूरत है। उनका यह भी कहना है कि महिलाओं को शिक्षा और नौकरी के अवसरों के जरिए उन्हें सशक्त बनाने की जरूरत है जिससे उन्हें शोषण के इस चक्र से बचने में मदद मिलेगी।

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