क्या है 'डेविल्स ब्रीथ' जिसे सूंघने से बांग्लादेश में लोग हो जा रहे हैं बड़े पैमाने पर ठगी का शिकार?

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What is Devils Breath by inhaling which people Bangladesh are becoming victims of large scale fraud

प्रतिकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

ढाका: पड़ोसी देश बांग्लादेश में ठगी का एक नया मामला सामने आया है। बीबीसी की एक रिपोर्ट में राजधानी ढाका की एक महिला का जिक्र किया गया है जिसे नशीली दवा के जरिए उसके पूरे गहने, मोबाइल और पैसों को लूट लिया गया है।

इस नीशीली दवा की केवल यह महिला ही शिकार नहीं हुई है बल्कि मौजूदा दौर में कई ऐसे लोगों ने इस तरह की ठगी की शिकायत की है। रिपोर्ट में जिस दवा का जिक्र किया गया है उसे स्कोपोलामाइन कहा जाता है और लोग इसे'डेविल्स ब्रीथ'के नाम से भी बुलाते हैं।

दावा है कि यह पाउडर और लिक्विड दोनों में मिलता है जिसे सूंघने पर लोगों का खुद पर काबू नहीं रहता है और सामने वाला जैसा कहता है वे वैसे ही करने लगते हैं। बता दें कि बांग्लादेश के लिए यह नशीली दवा एकदम नई चीज है क्योंकि इसकी जानकारी लोगों को तो दूर की बात है पुलिस और प्रशासन को भी इसका अनुभव नहीं है।

ऐसे में क्या है यह दवा और लोग कैसे हो जा रहे हैं इसका शिकार, आइए इस बारे में जान लेते हैं।

बांग्लादेश में हो रहा है जमकर इस्तेमाल

पिछले कुछ सालों से बांग्लादेश में ठगी के लिए इसका जमकर इस्तेमाल हो रहा है। दावा है कि अपराधी इस दवा को किसी कागज, कपड़ा या फिर मोबाइल की स्क्रीन पर छिड़क कर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल सितंबर में बांग्लादेश के नारायणगंज से पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया था, जिस पर एक टीचर की हत्या का आरोप था। पूछताछ में शख्स ने कबूला था कि उसके पास स्कोपोलामाइन नामक एक नशीली दवा है।

यही नहीं उसके पास से स्कोपोलामाइन समेत कई अन्य नशीली चीजें भी बरामद हुए हैं और जब बरामद पाउडर का लैब टेस्ट हुआ जिसमें नशीली दवा स्कोपोलामाइन होने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद पुलिस को इसकी जानकारी लगी थी।

देश में इस दवा की तस्करी कोरियर के जरिए करके अपराधियों तक पहुंचाया जा रहा है। पहले इस दवा को इस्तेमाल कर केवल ढाका में ही ठगी की जाती थी, लेकिन बाद में बांग्लादेश के कई जिलों से शिकायतें आने लगी थी।

क्या होता है स्कोपोलामाइन

स्कोपोलामाइन एक सिंथेटिक ड्रग है जिसे अन्य दवाओं को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इसे मतली और मोशन सिकनेस में इस्तेमाल किया जाता है। रिपोर्ट में नारकोटिक्स कंट्रोल विभाग के मुख्य रासायनिक परीक्षक डॉ दुलाल कृष्ण साहा ने बताया कि पहले के जमाने में लोगों को पागल बनाने के लिए दूध में धतूरा पीस कर पिला दिया जाता था।

उनके अनुसार, धतूरा का फूल एक किस्म का जहर है जिसके कुछ हिस्से को निकालकर सिंथेटिक तरीके से स्कोपोलामाइन को तैयार किया जाता है। साहा ने बताया कि मौजूदा दौर में मेक्सिको में जो लोग नशीली दवाइयों का कारोबार करते हैं, वे इस दवा को तैयार कर पूरी दुनिया में बेच रहे हैं।

कोलंबिया और इक्वाडोर में सैलानियों को बनाया जा रहा निशाना

इसी साल की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोलंबिया के मेडेलिन में डेटिंग एप इस्तेमाल करने वाले नौजवान और सैलानियों को टारगेट किया जा रहा है और उन्हें कथित स्कोपोलामाइन के इस्तेमाल से लूटा जा रहा है।

इसके लिए अमेरिकी नागरिकों को खास कर निशाना बनाया जा रहा है जिसे लेकर अमरीकी दूतावास ने इस तरह के डेटिंग एप्स को लेकर अलर्ट भी जारी किया था।

अमेरिका और उसके पड़ोसी देशों में सैलानियों के बीच एक अफवाह काफी चर्चित है कि अंजान लोग आपको एक कार्ड देंगे जिसपर नशीली दवा स्कोपोलामाइन लगा होता है।

ऐसे में जैसे ही वह दवा हाथ के संपर्क में आता है, वह चमड़े के जरिए खून तक चला जाता है और फिर आप जोम्बी जैसी हरकत करने लगते हैं और जैसा आपको कहा जाता है आप वैसा करते हैं। हालांकि जानकारों ने इस तरह के किसी भी बातों को गलत बताया है।

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