यरूशलमः पिछले 9 महीनों से इजराइल और गाजा के बीच युद्ध चल रहा है। इजराइल का कहना है कि उसका लक्ष्य हमास को पूरी तरह से खत्म करना है। हमास के कब्जे में कई इजराइली नागरिक बंधक बने हुए हैं। इसको लेकर दोनों के बीच कई समझौते भी हुए लेकिन जमीनी स्तर पर इसका असर कुछ खास असर नहीं दिखा।
इजराइली पीएम नेतन्याहू ने 5 शर्तें रखी हैं
अब इजराइल ने युद्धविराम को लेकर गाजा के सामने 5 शर्तें रखी हैं। रविवार को इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि वह हमास के साथ युद्धविराम समझौते पर तभी सहमत होंगे जब यह इजराइल को बंधकों की रिहाई के बाद गाजा में अपने सैन्य अभियान फिर से शुरू करने की अनुमति देगा।
नेतन्याहू ने दूसरी शर्त यह रखी है कि हमास को मिस्र से गाजा में हथियारों की तस्करी करने से रोका जाय। तीसरी यह कि उत्तरी गाजा पट्टी में हजारों सशस्त्र हमास आतंकवादियों की वापसी पर भी रोक लगनी चाहिए। गाजा में अभी भी 100 से अधिक लोग बंधक हैं, जिनमें से कुछ के मारे जाने की आशंका है। नेतन्याहू ने यह शर्त रखा है कि जहां तक हो सके अधिक से अधिक बंधकों की रिहाई सुनिश्चित कराएंगे।
रविवार को ही इजराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने पुष्टि की कि इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ अपना अभियान जारी रखेगा, भले ही गाजा में युद्धविराम समझौता हो जाए। गैलेंट ने कहा कि गाजा और हिजबुल्लाह के साथ उत्तरी सीमा पर संघर्ष “दो अलग-अलग क्षेत्र” हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि गाजा में अगर समझता होता है तो उससे हिजबुल्लाह के साथ समझौता नहीं माना जाएगा।
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इस बीच यह भी खबर आई कि हमास ने इजराइल के कुछ शर्तों को मानने से इनकार कर दिया है। हालांकि अमेरिकी समाचार आउटलेट सीबीएस से बात करते हुए हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ऐसी खबरें गलत हैं। गौरतलब है कि एसोसिएटेड प्रेस ने हमास और मिश्र के अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया था कि सभी पक्षों ने चेतावनी दी कि समझौता अभी भी निश्चित नहीं है।
एपी ने कहा था कि वॉशिंगटन का चरणबद्ध समझौता पहले एक “पूर्ण और समग्र” छह-सप्ताह के युद्धविराम को शामिल करेगा, जिसमें महिलाओं, बुजुर्गों और घायलों सहित कई बंधकों की रिहाई के बदले सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई होगी। इन 42 दिनों के दौरान, इजराइली बल गाजा के घनी आबादी वाले क्षेत्रों से हट जाएंगे और उत्तरी गाजा में विस्थापित लोगों को उनके घर लौटने की अनुमति देंगे।
अधिकारियों ने कहा कि उस अवधि के दौरान, हमास, इजराइल और मध्यस्थ दूसरे चरण की शर्तों पर बातचीत करेंगे जिसमें बाकी बचे पुरुष बंधकों, चाहे वे नागरिक हों या सैनिक, की रिहाई हो सकती है। बदले में, इजराइल अतिरिक्त फिलिस्तीनी कैदियों और बंदियों को रिहा करेगा। तीसरे चरण में बचे हुए सभी बंधकों की वापसी, जिसमें मृत कैदियों के शव भी शामिल हैं।
एपी के रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि हमास अभी भी मध्यस्थों से “लिखित गारंटी” चाहता है कि पहला चरण लागू होने के बाद इजराइल स्थायी संघर्ष विराम समझौते पर बातचीत जारी रखेगा।
सीबीएस ने बताया है कि हमास ने चिंता जताई है कि बंधकों की रिहाई के बाद इजराइल फिर से युद्ध शुरू कर देगा। वहीं, इजराइली अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें चिंता है कि हमास बधंको को बिना रिहा किए वार्ता को लम्बा खींचेगा और प्रारंभिक युद्धविराम को अनिश्चितकाल तक बढ़ाएगा।
नेतन्याहू पर अमेरिका से युद्धविराम पर बातचीत करने का दबाव है, लेकिन घरेलू स्तर पर, उनके कैबिनेट के दो अतिवादी सदस्यों ने धमकी दी है कि अगर उन्होंने युद्धविराम पर सहमति जताई तो वे सत्तारूढ़ गठबंधन को गिरा देंगे।
युद्धविराम को लेकर सरकार पर बढ़ा दबाव
पिछले दिनों इजराइल में प्रदर्शनकारी सरकार पर गाजा युद्धविराम समझौते पर सहमत होने का दबाव डालने के लिए सड़कों पर उतर आए, जिससे गाजा में अभी भी बंधक बने लोगों को वापस लाया जा सके। उन्होंने देश भर में प्रमुख चौराहों पर यातायात को अवरुद्ध कर दिया, नेताओं के घरों के सामने विरोध प्रदर्शन किया। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने टायर भी जलाए।
इजराइल ने 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद गाजा पट्टी में बड़े पैमाने पर हमला किया। यह हमला अभी भी जारी है। हमास के हमले में करीब 1,200 लोग मारे गए थे और लगभग 250 को बंधक बना लिया गया था। इजराइली सेना ने कहा कि उसकी सेना ने पिछले दिन रफाह में 30 फिलिस्तीनी बंदूकधारियों को मार गिराया और उसके एक सैनिक की लड़ाई में मौत हो गई।
गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार इजरायल के सैन्य हमले में 38,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं और तटीय क्षेत्र काफी हद तक मलबे में तब्दील हो गया है।