नई दिल्ली: चीन और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ पर दोनों देश आमने-सामने हैं। ईसिस बीच चीन ने साफ कर दिया है कि वह अमेरिका की इस नीति के खिलाफ अंत तक लड़ेगा। अमेरिकी टैरिफ को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे पहले चीनी सामान पर 20 फीसदी टैरिफ लगाया था। जबकि दूसरी बार ट्रंप ने चीन के खिलाफ दो अप्रैल को 34 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ का ऐलान किया।
मगर जवाब में चीन ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर 34 फीसदी टैरिफ लगा दिया। चीन के इस जवाबी एक्शन से डोनाल्ड ट्रंप भड़क उठे। उन्होंने अमेरिका में चीनी सामानों पर 50 फीसदी और टैरिफ लगाने का एलान किया। अब तक अमेरिका चीन पर कुल 104 फीसदी टैरिफ लगा चुका है। दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्था के बीच छिड़ी इस जंग ने आर्थिक मंदी की आशंका बढ़ा दी है।
चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने ट्रंप की टैरिफ नीति पर दी प्रतिक्रिया
मंगलवार को यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ बातचीत में चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने ट्रंप की टैरिफ नीति पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चीन किसी भी नकारात्मक बाहरी झटके से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ट्रंप की टैरिफ धमकी के बावजूद 2025 में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था निरंतर और स्वस्थ आर्थिक विकास को बनाए रखेगी।
चीनी प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका द्वारा टैरिफ के दुरुपयोग ने विभिन्न देशों के वैध अधिकारों और हितों का गंभीर उल्लंघन किया है, विश्व व्यापार संगठन के नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है, नियम-आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है और वैश्विक आर्थिक व्यवस्था की स्थिरता पर गंभीर प्रभाव डाला है। यह विशिष्ट एकतरफावाद, संरक्षणवाद और आर्थिक धौंस है और इसका अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा व्यापक रूप से विरोध किया जाता है। चीन इसकी कड़ी निंदा करता है और इसका कड़ा विरोध करता है।