तेहरान: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर, आतंकवाद, जल बंटवारे और व्यापार सहित दोनों पड़ोसी देशों के बीच सभी लंबित मुद्दों को हल करने के लिए भारत के साथ शांति वार्ता में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने सोमवार को ईरान में इस संबंध में बयान दिया।
शरीफ की यह टिप्पणी भारत और पाकिस्तान द्वारा पहलगाम आतंकवादी हमले और भारत के जवाबी 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सीमा पर बढ़े तनाव और फिर युद्धविराम पर सहमत होने के कुछ सप्ताह बाद आई है। शरीफ ने चार देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण के दौरान तेहरान में यह बयान दिया।
शरीफ ने कहा, 'हम कश्मीर मुद्दे और पानी के मुद्दे सहित सभी विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहते हैं और व्यापार, आतंकवाद विरोधी मुद्दों पर भी अपने पड़ोसी के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं।'
भारत के कड़े रुख के बाद पाकिस्तान के बदले सुर!
इस महीने की शुरुआत में भारत के पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक सैन्य हमलों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था। बहरहाल, अब समझा जाता है कि भारत के सिंधु जल संधि से बाहर आने और कड़ाई से पाकिस्तान को संदेश देने के बाद इस्लामाबाद ने नई दिल्ली के साथ बातचीत करने की फिर से इच्छा जताई है।
हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की वापसी और आतंकवाद के मुद्दे तक ही सीमित रहेगी।
पीएम मोदी कह चुके हैं, 'आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते। आतंक और व्यापार नहीं हो सकते। खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बताना चाहता हूं कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत होगी, तो यह केवल आतंकवाद और पीओके पर होगी।'
भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि दोनों देशों के बीच कोई भी बातचीत द्विपक्षीय मामला ही रहेगी, जिसमें किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी नहीं होगी। यह स्पष्ट रूप से कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पेशकश पर दिल्ली की प्रतिक्रिया है।
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर भारत युद्ध का रास्ता चुनता है तो पाकिस्तान जवाब देगा।
उन्होंने कहा, 'लेकिन अगर वे आक्रामक बने रहना चुनते हैं, तो हम अपने क्षेत्र की रक्षा करेंगे, जैसा कि हमने कुछ दिन पहले किया है। लेकिन अगर वे शांति के मेरे प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं, तो हम दिखाएंगे कि हम वास्तव में शांति चाहते हैं, गंभीरता से और ईमानदारी से।'
भारत का ऑपरेशन सिंदूर
भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया। इससे दो हफ्ते पहले जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों की धर्म पूछकर हत्या कर दी थी।
पहलगाम की घटना के बाद भारत के हमले के जवाब में, पाकिस्तानी सेना ने भारत की ओर ड्रोन और मिसाइल हमले किए थे। इस पर भारत की ओर से और जवाबी कार्रवाई की गई, जिसमें कई पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। 10 मई को, पाकिस्तान ने युद्ध विराम के लिए भारत से संपर्क किया। सैन्य-स्तरीय वार्ता के बाद, दोनों देश सीजफायर के लिए तैयार हुए।