अमेरिका ने यूक्रेन को 60.9 अरब रुपए की अतिरिक्त सैन्य सहायता देने की घोषणा की

हाल ही में, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रूस के साथ चल रहे युद्ध को लेकर युद्धविराम की इच्छा जताई है।

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usa announces additional military aid of 60.9 arab rupees to ukraine

यूक्रेन के साथ अमेरिका : वाशिंगटन की कीव को 725 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त सैन्य सहायता देने की घोषणा (फोटो- IANS)

वाशिंगटन: अमेरिकी सरकार ने रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 60.9 अरब रुपए (725 मिलियन डॉलर) की अतिरिक्त सैन्य सहायता की घोषणा की।

रक्षा विभाग की ओर से सोमवार को जारी एक प्रेस बयान के अनुसार, नवीनतम पैकेज में वायु रक्षा क्षमताएं, रॉकेट सिस्टम, तोपखाने के लिए गोला-बारूद और टैंक रोधी हथियार आदि शामिल हैं।

इससे पहले जो बाइडन ने 26 सितंबर को कहा था कि उनका प्रशासन यूक्रेन को तत्काल जरूरी हथियारों और उपकरणों का एक और महत्वपूर्ण पैकेज प्रदान करेगा।

युद्धविराम के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति ने क्या संकेत दिया था

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा और विदेश विभाग की ओर से सोमवार को औपचारिक घोषणाओं से पहले अज्ञात स्रोतों के आधार पर समाचार आउटलेट्स की तरफ से मदद की सूचना दी गई।

हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने युद्धविराम की अपनी इच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा कि उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में यूक्रेन की सदस्यता के बदले वह रूस के साथ संघर्ष के 'उग्र चरण' को समाप्त करने को तैयार हैं।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार जेलेंस्की ने कहा, "यदि हम युद्ध के उग्र दौर को रोकना चाहते हैं, तो हमें यूक्रेन के उस क्षेत्र को नाटो की छत्रछाया में लाना होगा जो हमारे नियंत्रण में है। हमें इसे तेज़ी से करने की ज़रूरत है।" सिन्हुआ ने इंटरफैक्स-यूक्रेन समाचार एजेंसी के हवाले से यह जानकारी दी।

रूस द्वारा यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्र के बारे में वोलोदिमिर जेलेंस्की ने क्या कहा

वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा, 'बाद में, यूक्रेन कूटनीतिक तरीके से उन क्षेत्रों को वापस पा सकता है, जो अब रूस के नियंत्रण में हैं।' उन्होंने स्पष्ट किया कि नाटो के निमंत्रण में यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं को मान्यता दी जानी चाहिए।

ज़ेलेंस्की ने इस बात पर जोर दिया कि युद्ध विराम की जरुरत है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि रूस यूक्रेनी क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए 'वापस न लौटे'।

(यह आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूज डेस्क द्वारा दिया गया है।)

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