वाशिंगटनः अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाएं विभाग ने स्पष्ट किया है कि अब सोशल मीडिया पोस्ट के चलते अमेरिकी वीजा रद्द हो सकता है। अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है। अधिकारियों ने कहा है कि वे लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रखेंगे।
लोगों की सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर तय होगा कि उनका वीजा या फिर आवासीय परमिट रद्द किया जाएगा। जिन लोगों की पोस्ट को एंटी-सेमेटिक (यहूदी विरोधी) पाया जाएगा, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। सार्वजनिक मामलों के लिए डीएचएस सचिव ट्रिशिया मैक्लॉहिन ने एक बयान में कहा " अमेरिका में बाकी दुनिया के आतंकवाद समर्थकों के लिए कोई जगह नहीं है और हम उन्हें स्वीकार करने या रहने देने के लिए बाध्य नहीं हैं। "
ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स पर अगर कोई पोस्ट की गई जो अमेरिकी नीति के विरुद्ध पाई जाएगी तो इससे वीजा रद्द हो सकता है।
अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाओं के मुताबिक, सोशल मीडिया पर अमेरिका द्वारा माने गए आतंकवादी समूहों का समर्थन करने पर यह कार्रवाई की जा सकती है। इनमें लेबनान का हिजबुल्ला, फिलिस्तीन का हमास और यमन का हूती विद्रोही गुट शामिल है।
अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन विभाग ने कहा है कि वह सोशल मीडिया पोस्ट की निगरानी करेंगे और इन पोस्ट को यहूदी विरोधी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
क्या है अमेरिका की नई नीति?
अमेरिका में यह नीति तत्काल प्रभाव से लागू की जाएगी। यह नीति छात्र वीजा तथा अमेरिका में रहने वाले स्थायी निवासी "ग्रीन कार्ड" के अनुरोधों पर लागू होगी। आधिकारिक बयान उस वक्त आया है जब ट्रंप प्रशासन ने बीते कुछ हफ्तों में अमेरिका में रहने वाले सैकड़ों अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के वीजा रद्द किए हैं।
इस विषय में अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रूबियो ने एक बयान में कहा था 300 से अधिक छात्रों के वीजा रद्द किए जा चुके हैं और वह रोज ऐसा कर रहे हैं। इस दौरान रूबियो ने यह भी कहा था कि गैर-अमेरिकी नागरिक के पास अमेरिकी नागरिकों के समान अधिकार नहीं हैं।