प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्लीः पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण कर रहा हैं। इसके लिए उसे चीन से सैन्य और आर्थिक मदद मिल रही है। अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी ने रविवार को वर्ल्ड थ्रेट असेसमेंट रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि वह भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है।
इस रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि पाकिस्तान की सेना आगामी वर्ष के लिए अपनी प्राथमिकताओं में परमाणु हथियारों का निरतंर एडवांसमेंट करेगी। इसके साथ ही सीमा पार पड़ोसी देशों के साथ उसकी झड़पें भी होंगी।
परमाणु हथियारों का एडवांसमेंट
रिपोर्ट में कहा गया है, "पाकिस्तान अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण कर रहा है और अपनी परमाणु सामग्री तथा परमाणु कमान एवं नियंत्रण की सुरक्षा बनाए रख रहा है। पाकिस्तान लगभग निश्चित रूप से विदेशी आपूर्तिकर्ताओं और बिचौलियों से WMD संबंधी सामान खरीदता है।"
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, इस रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि पाकिस्तान इसके लिए जरूरी सामान और तकनीक के लिए चीन पर निर्भर है। उसे हथियारों के एडवांसमेंट के लिए चीन से मदद मिल रही है। चीन द्वारा वीपन्स ऑफ मास डिस्ट्रक्शन का यह सामान हांगकांग, तुर्की, सऊदी अरब और सिंगापुर से होकर भेजा जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन पाकिस्तान की सैन्य जरूरतों का मुख्य आपूर्तिकर्ता है। हालांकि, पाकिस्तान में काम करने वाले चीनी नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए आतंकवादी हमलों की वजह से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति देखी जा रही है।
इसमें कहा गया है कि "पाकिस्तान भारत को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है और वह भारत की पारंपरिक सैन्य बढ़त को कम करने के लिए युद्धक्षेत्र परमाणु हथियारों के विकास सहित अपने सैन्य आधुनिकीकरण के प्रयासों को जारी रखेगा।"
US रिपोर्ट में भारत के बारे में क्या कहा गया है?
इस रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए भारत रणनीतिक प्रयास के तहत हिंद महासागर क्षेत्र में द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को मजबूत करने की प्राथमिकता दे रहा है।
रिपोर्ट में भारत-चीन सीमा पर तनाव की बात भी है। हालांकि, दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में विवाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) के साथ दो टकराव बिंदुओं पर सेना हटाने को सहमत हो गई हैं। फिर भी सीमा विवाद अनसुलझा है।
रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया है कि भारत अपने रक्षा उद्योग को बढ़ाने पर जोर दे रहा है। इसके लिए अपनी सैन्य जरूरतों को एडवांस करने के लिए "मेड इन इंडिया" पर फोकस कर रहा है।