वाशिंगटनः अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने भारतीय सरकार से उद्योगपति गौतम अदानी और उनके भतीजे सागर अदानी की जांच में मदद मांगी है। यह जांच सिक्योरिटीज धोखाधड़ी और 265 मिलियन डॉलर (लगभग 2,029 करोड़ रुपये) की रिश्वत योजना से जुड़ी है।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, इस संबंध में मंगलवार को एक अदालती दस्तावेज दाखिल किया गया।

अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने न्यूयॉर्क जिला अदालत को बताया कि गौतम अदानी और सागर अदानी को शिकायत पत्र भेजने की प्रक्रिया जारी है। आयोग ने भारत के विधि और न्याय मंत्रालय से मदद मांगी है ताकि अदानी समूह तक यह शिकायत पहुंचाई जा सके।

पिछले सप्ताह, अमेरिकी दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अदानी से जुड़े मीडिया के सवाल पर कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अदानी मामले पर कोई चर्चा नहीं की। उन्होंने इसे एक व्यक्तिगत मुद्दा बताया और कहा कि ऐसे विषयों पर दो देशों के शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत नहीं होती।

अदानी पर क्या है आरोप

पिछले साल नवंबर में, अमेरिकी अभियोजकों ने गौतम अदानी और अन्य लोगों पर 2020-2024 के बीच सौर ऊर्जा अनुबंध पाने के लिए राज्य बिजली वितरण कंपनियों को 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया था।

अमेरिका में गौतम अदानी के खिलाफ आरोप-पत्र में कहा गया कि उन्होंने भारत में सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए रिश्वत दी और फर्जी वित्तीय जानकारी देकर अमेरिकी निवेशकों को गुमराह किया।

हालांकि, जो बाइडेन प्रशासन के तहत दायर इस आरोप-पत्र को अदानी समूह ने बेबुनियाद बताया और कहा कि वे सभी संभावित कानूनी रास्ते अपनाएंगे।

इस महीने की शुरुआत में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट (Foreign Corrupt Practices Act) को लागू करने पर रोक लगा दी। यह नियम अदानी मामले में इस्तेमाल किया गया था।

मामले में भारत का क्या है कहना?

भारत की विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने अदानी की गिरफ्तारी की मांग करते हुए मोदी पर उन्हें बचाने और पूर्व में उनके व्यावसायिक सौदों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। हालांकि, मोदी की पार्टी और अदाणी समूह ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।

पिछले साल दिसंबर में, भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्पष्ट किया था कि अदानी से जुड़े इस कानूनी मामले में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं है। 

मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "यह निजी कंपनियों और व्यक्तियों से जुड़ा कानूनी मामला है और अमेरिकी न्याय विभाग इससे निपट रहा है।" उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में "स्थापित प्रक्रियाएं और कानूनी रास्ते" अपनाए जाएंगे।

गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि सरकार मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर काम नहीं करती। 'एजेंडा आजतक' कार्यक्रम में बोलते हुए शाह ने कहा, "सरकार तभी कार्रवाई करेगी जब हमारे पास ठोस दस्तावेज होंगे।"