अटलांटा: अमेरिका में इस साल के आखिर में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है। अमेरिकी नागरिक 5 नवंबर को राष्ट्रपति के चुनाव के लिए वोट डालेंगे। राष्ट्रपति चुनाव से पहले अमेरिका में टीवी डिबेट का प्रचलन रहा है। इसमें दोनों पार्टियों (रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी) के राष्ट्रपति उम्मीदवार सामने आकर लाइव अपने एजेंडों को लेकर बहस करते हैं।
इसी क्रम में गुरुवार (27 जून) को पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट जॉर्जिया के अटलांटा शहर में हुई। करीब 90 मिनट के इस बहस के दौरान कई मुद्दों पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपनी राय रखी। हालांकि, लाइव बहस के दौरान बाइडन के प्रदर्शन ने डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर नई चिंता पैदा कर दी है।
चार साल बाद आमने-सामने ट्रंप और बाइडन
इस बार राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर मैदान में हैं। दूसरी ओर डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन ही फिलहाल बतौर उम्मीदवार नजर आ रहे हैं। ऐसे में चार साल बाद एक बार फिर दोनों नेता कैमरे पर आमने-सामने थे।
बाइडन की नीतियों के अलावा हाल में उनकी उम्र और तबीयत भी पूर्व में कई बार चर्चा में आती रही है। लाइव बहस में भी बाइडन जिस अंदाज में नजर आए, उससे एक बार फिर उन्हें लेकर होती रही ये तमाम बातें एक बार फिर सुर्खियों में हैं।
डिबेट में धीमे, बातचीत में लड़खड़ाते…अस्पष्ट नजर आए बाइडन!
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार बहस देखने वालों और अमेरिकी राजनीति पर करीब से नजर रखने वाले कई जानकारों ने माना कि कई मौकों पर ट्रंप और बाइडन के बीच तीखी डिबेट देखने को मिली। एक-दूसरे पर निजी हमले भी कुछ मौकों पर किए गए लेकिन इन सबके बीच बाइडन का प्रदर्शन कमजोर नजर आया। डेमोक्रेट्स के भीतरखाने से भी ऐसी बातें निकलकर आ रही हैं कि पहली डिबेट में बाइडन का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। कई सदस्य बाइडन की जगह किसी और उम्मीदवार को लाने की भी मांग कर रहे हैं।
राष्ट्रपति बाइडन बहस में शुरुआत में स्पष्ट तौर पर अपनी रखने के लिए संभवत: धीमी गति से आगे बढ़ रहे थे लेकिन बीच में वे कई बार बोलते हुए लड़खड़ाते नजर आए। कई बार ऐसा लगा जैसे वे बड़बड़ा रहे है या जो भी बोल रहे थे, अस्पष्ट रहा।
बीबीसी के अनुसार बहस के लगभग बीच में ही बाइडेन अभियान की टीम ने पत्रकारों से बताया कि राष्ट्रपति को जुकाम है और इसलिए उनकी आवाज कई बार साफ नहीं हो रही है।
बाइडेन का प्रदर्शन कैसा था, इसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि उनकी अपपनी पूर्व संचार निदेशक केट बेडिंगफील्ड बहस खत्म होने के तुरंत बाद सीएनएन पर नजर आईं। उन्होंने साफ तौर पर कहा, ‘इसमें कोई दो राय नहीं है, यह जो बाइडन के लिए अच्छी बहस नहीं थी।’ उन्होंने कहा कि उनका सबसे बड़ा मुद्दा यह साबित करना था कि उनमें ऊर्जा और ताकत है लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनान: टीवी डिबेट से जुड़ी खास बातें
1. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में यह पहली टीवी बहस थी जिसमें मौजूदा राष्ट्रपति और
पूर्व राष्ट्रपति आमने-सामने थे।
2. सीएनएन चैनल पर 90 मिनट तक चलने वाली यह टेलीविजन बहस इस बार काफी पहले आयोजित की गई। चुनाव नवंबर में होते हैं। ऐसे में आमतौर पर बहसों की शुरुआत सितंबर से होती है।
3. पिछले डिबेट के तरीकों से हटकर इस बार दोनों उम्मीदवार ने दर्शकों की मौजूदगी के बिना बहस किया। यही नहीं, जब बोलने की उनकी बारी नहीं होती थी तो उनका माइक्रोफ़ोन खुद म्यूट हो जाता था। ऐसा उस परिस्थिति को रोकने के लिए किया गया जब 2020 में बहस के दौरान ट्रंप अक्सर बाइडन के बोलने के समय टोकाटाकी करते थे।
4. एक अहम बात ये भी रही है कि न तो बहस के पहले और न ही बाद में ट्रंप और बाइडन ने एक दूसरे से हाथ मिलाया या अभिवादन किया।
5. बहस में 81 साल के बाइडन कई बार धीमे और अपनी खराब आवाज से जूझते नजर आए। दूसरी ओर 78 साल के ट्रंप ज्यादातर आक्रामक रहे।
6. बहस के बाद डेमोक्रेट्स निराश नजर आ रहे थे। ऐसे में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने अपनी पार्टी के सदस्यों आश्वस्त करने का प्रयास किया। उन्होंने स्थिति को स्वीकार करते हुए कहा कि बाइडन की ‘धीमी शुरुआत’ थी, लेकिन पिछले तीन वर्षों में अपने काम और समग्र प्रदर्शन की बदौलत मौजूदा राष्ट्रपति मजबूती से कैंपेन का अंत करेंगे।
7. बाइडन प्रशासन के एक पूर्व अधिकारी ने टिप्पणी की, ‘बाइडन दिखने और सुनने में भयानक लगे। वह असंगत रहे।’ जबकि एक अन्य डेमोक्रेटिक कार्यकर्ता ने स्पष्ट रूप से बाइडन के बहस में प्रदर्शन को ‘भयानक’ बताया।