अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से यूक्रेन से माफी मांगी। सहायता न कर पाने पर कहा कि उन्हें काफी दुख है कि अमेरिकी सैन्य सहायता में महीनों की देरी ने रूस को युद्धक्षेत्र में बढ़त बनाने का मौका दिया। इस दौरान बाइडन ने यूक्रेन को 225 मिलियन डॉलर (1800 करोड़ रुपए) की अतिरिक्त सैन्य सहायता देने की घोषणा भी की। इससे पहले बाइडन ने 61 बिलियन डॉलर की सैन्य सहायता यूक्रेन के लिए घोषित की थी, लेकिन विपक्ष के विरोध के चलते 6 महीने से यह पैकेज रुका रहा।
अमेरिकी जनता लंबे समय तक यूक्रेन के साथ खड़ी रहेगी
पेरिस में मेंनॉरमैंडी में डी-डे की 80वीं वर्षगांठ के कार्यक्रमों में यूक्रेनी राष्ट्रपति से मिलते हुए बाइडन ने कहा कि “आपने कभी झुकना नहीं सीखा, आपने कभी हार नहीं मानी, आप जिस तरीके से लड़ते रहे हैं वह वाकई काबिले तारीफ है। हम आपको छोड़कर नहीं जाने वाले हैं।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि अमेरिकी जनता लंबे समय तक यूक्रेन के साथ खड़ी रहेगी। हम अब भी आपके साथ हैं – पूरी तरह से, संपूर्ण रूप से।
अमेरिकी स्मारक कार्यक्रम में अपने संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति ने मॉस्को को कड़ा संदेश दिया। बाइडन ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी झुकेंगे नहीं और स्वतंत्रता के लिए खड़े रहेंगे। धमकाने वालों के सामने आत्मसमर्पण करना, तानाशाहों के सामने झुकना, यह बिल्कुल असंभव है। अगर हम ऐसा करते हैं, तो इसका मतलब होगा कि हम यहाँ इन पवित्र समुद्र तटों पर जो हुआ उसे भूल रहे होंगे।
यूक्रेन ने द्विदलीय अमेरिकी समर्थन की अपील की
वहीं, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने द्वितीय विश्व युद्ध के समय की तरह द्विदलीय अमेरिकी समर्थन की अपील की। जेलेंस्की ने सभी अमेरिकियों से रूस के आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन की रक्षा का समर्थन करने पर जोर दिया। उन्होंने सांसदों को हथियार पैकेज को मंजूरी देने के लिए आखिरकार एक साथ आने के लिए धन्यवाद दिया।
जेलेंस्की ने कहा कि “यह बहुत महत्वपूर्ण है कि संयुक्त राज्य अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़े रहे। जैसे कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान थे। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि कैसे संयुक्त राज्य अमेरिका ने मानव जीवन को बचाने, यूरोप को बचाने में मदद की। और हम कंधे से कंधा मिलाकर हमारे साथ खड़े होने में आपके निरंतर समर्थन पर भरोसा करते हैं। गौरतलब है कि रूस के साथ यूक्रेन के युद्ध में संयुक्त राज्य अमेरिका कीव को लगातार सैन्य हथियार मुहैया करा रहा है।
अपनी वैधता को लेकर जेलेंस्की ने पुतिन को दिया जवाब
इधर, पुतिन ने कई बार दावा किया है कि जेलेंस्की का पाँच साल का कार्यकाल इस मई में समाप्त हो गया है, जिससे वह अवैध हो गए हैं। पेरिस में इस बात का जिक्र करते हुए जेलेंस्की ने कहा कि हमारी वैधता यूक्रेनी लोगों द्वारा मान्यता प्राप्त और निर्धारित है, हमारे लोग स्वतंत्र हैं। जबकि पुतिन की वैधता केवल कामरेड पुतिन द्वारा ही मान्यता प्राप्त है। यूक्रेन में राष्ट्रपति चुनाव वसंत में होने वाले थे, लेकिन रूस के 2022 के आक्रमण के बाद लागू मार्शल लॉ के कारण युद्धकालीन चुनावों पर प्रतिबंध है।
शुक्रवार को लुहांस्क के रूसी-नियुक्त अधिकारियों ने बताया कि रूसी कब्जे वाले लुहांस्क और खेरसोन क्षेत्रों के हिस्सों पर यूक्रेनी हमलों में 26 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए। मॉस्को-समर्थित क्षेत्र के अधिकारियों के प्रमुख व्लादिमीर साल्डो ने टेलीग्राम पर लिखा, खेरसोन क्षेत्र के दक्षिणी हिस्से में स्थित सादोवे गांव की एक दुकान, जिसमें बड़ी संख्या में आगंतुक और कर्मचारी थे, नष्ट हो गई। साल्डो ने रूसी मीडिया को बताया कि एक हिमार्स मिसाइल ने तुरंत बाद हमला किया, जब पड़ोसी घरों के निवासी पीड़ितों की मदद के लिए दौड़े। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर 22 लोग मारे गए और 15 घायल हुए। इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी।
दो साल से अधिक समय से चल रहा युद्ध
दो साल से ज्यादा समय से यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ रहा रूस अक्सर यूक्रेनी ड्रोन या मिसाइल हमलों के मामले में केवल अपने हवाई सुरक्षा तंत्र की कथित सफलता के बारे में जानकारी देता है। पिछले मंगलवार को यूक्रेन ने क्रीमिया में रूसी सेना पर अमेरिका से मिली मिसाइलों से हमला किया था। स्वतंत्र मीडिया ने क्रीमिया में तीन सैन्य ठिकानों पर हमलों की सूचना दी, जिसके चलते कई लोग हताहत हुए। अमेरिका ने हाल के सप्ताहों में घोषणा की थी कि वह नए हथियार पैकेज के हिस्से के रूप में यूक्रेन को एटीएसीएमएस मिसाइलें भी देगा। इस प्रकार की मिसाइलों की रेंज 165 किलोमीटर तक है। क्रीमिया रूसी सेना के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। यूक्रेन में सैनिकों, हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति इसी प्रायद्वीप के जरिए होती है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की ने क्रीमिया सहित रूस द्वारा जब्त किए गए सभी क्षेत्रों को वापस हासिल करने का संकल्प लिया है।